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आईएसआई प्रमुख का कार्यकाल बढ़ेगा

११ मार्च २०११

पाकिस्तान सरकार ने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है ताकि कड़ी सुरक्षा चुनौतियों से निपटा जा सके. पाशा इस महीने रिटायर होने वाले थे.

गिलानी के साथ पाशातस्वीर: picture alliance / dpa

पाकिस्तान के डॉन अखबार ने खबर दी है कि पाशा अब और दो साल अपने पद पर रह सकते हैं. पाकिस्तानी सेना के पूर्व सैन्य अभियान प्रुमख रहे पाशा को सितंबर 2008 में उस समय आईएसआई का महानिदेशक बनाया गया था जब अमेरिकी अधिकारी इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ आईएसआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे थे. तब से पाकिस्तान सेना ने चरमपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, हालांकि अफगानिस्तान से लगने वाले कबायली इलाकों में कदम उठाने की पाकिस्तान की वचनबद्धता पर सवाल उठते रहे हैं.

पाशा के अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से अच्छे संबंध बताए जाते हैं. हालांकि हाल ही में सीआईए के लिए काम करने वाले रेमंड डेविस की गिरफ्तार से खासा तनाव पैदा हो गया. डेविस को दो पाकिस्तानियों को मारने के बाद गिरफ्तार किया गया. अमेरिकी सरकार का कहना है कि डेविस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और उन्हें राजयनिक संरक्षण प्राप्त है, इसलिए उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. पाकिस्तान सरकार कहती है कि इस बारे में फैसला अदालत को करना है.

पाशा को पिछले साल ही रिटायर होना जाना था लेकिन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया. उम्मीद है गिलानी फिर उन्हें पद पर बनाए रखने की घोषणा कर सकते हैं. डॉन के मुताबिक इस बारे में देश की ताकतवर सेना के प्रमुख जनरल परवेज अश्फाक कियानी से बात हो चुकी है. पाशा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए कियानी की मंजूरी बेहद अहम है. एक गुमनाम सूत्र के हवाले से डॉन लिखता है, "पाशा को सेना प्रमुख का पूरी तरह से भरोसा प्राप्त है और वह धार्मिक चरमपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

उधर प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी का कहना है कि पाशा कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. 1990 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब वहां स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभा सकता है. अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ रही अमेरिकी और नाटो सेनाएं पाकिस्तान को अपना अहम सहयोगी बताती हैं. अमेरिका इसी साल अफगानिस्तान से हटने का काम शुरू करने वाला है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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