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आईएसआई-सीआईए में समझौता जरूरीः पाशा

१६ मई २०११

पाकिस्तान की सेना ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से कहा है कि वह आईएसआई के साथ औपचारिक समझौता करे ताकि आगे की साझीदारी संभव हो पाए. बिन लादेन कांड के बाद सवालों में घिरे आईएसआई प्रमुख पाशा ने संसद को यह बताया.

CIA Director Porter Goss, testifies before the U.S. Select Committee on Intelligence hearing to examine the world threat, on Capitol Hill, Thursday, Feb. 2, 2006 in Washington. The top U.S. intelligence official said Thursday that the al-Qaida terror network remains the prime concern of the U.S. intelligence community, followed closely by the nuclear activities of Iran and North Korea. (AP Photo/Manuel Balce Ceneta)
तस्वीर: AP

आईएसआई प्रमुख अहमद शुजा पाशा ने संसद के संयुक्त सत्र को बंद कमरे में हुई बैठक में बताया कि उन्होंने सीआईए प्रमुख लियोन पनेटा के साथ मुलाकात में इस बात पर जोर दिया है कि दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच साझीदारी के लिए एक औपचारिक समझौता किया जाना चाहिए.

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने एक सांसद के हवाले से रिपोर्ट दी है, "यह संभव नहीं है कि समझौते के बिना सहयोग चलता रहे. ऐसा समझौता होना चाहिए, जिस पर संसद की मुहर हो." मीडिया में ऐसी खबरें हैं, जिनमें कहा गया है कि पाशा ने संसदीय बैठक में पनेटा के साथ मुलाकात को मुश्किल वार्ता बताया है.

एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के सांसद के हवाले से कहा गया है कि हाल में जब अमेरिका में दोनों अधिकारियों की बातचीत हुई, तो गर्मागर्म बहस भी हुई. डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाशा ने अमेरिका से कहा कि उनकी एजेंसी ने हमेशा से सीआईए का सहयोग किया है और उनकी खुफिया जानकारियों की वजह से ही आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका को सफलताएं मिली हैं.

तस्वीर: picture alliance / dpa

हमने नहीं छिपाया

पाशा ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी एजेंसी ने सीआईए से कुछ छिपाया है. पाशा को तो यहां तक कहते बताया गया, "दरअसल इसका उलटा सही है." उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि आईएसआई ने ही सबसे पहले अबु अहमद अल-कुवैती के बारे में जानकारी दी, जिसकी मदद से अमेरिका को ओसामा बिन लादेन के बारे में पता चल पाया.

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने तालिबान नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और उन्हें मार भी गिराया है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आईएसआई की मदद से ही ओसामा बिन लादेन को एबटाबाद लाया गया, "आईएसआई उसे ऐसी जगह क्यों रखेगी, जहां से भागने का कोई रास्ता न हो और जहां सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था न हो."

आईएसआई प्रमुख ने लगभग खीझते हुए कहा, "हममें डर समा गया है कि हम अमेरिका के बगैर नहीं रह सकते और इसकी वजह से हमारा आत्मसम्मान छिन गया है. क्या हम अमेरिका के डर से हमेशा ऐसी स्थिति में ही रहेंगे."

भारत से डर नहीं

भारत ने कहा है कि वह भी अमेरिका की तरह कार्रवाई करने में सक्षम है. इसके जवाब में पाशा ने कहा कि पूर्व की ओर से किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति के लिए तैयारी की जा चुकी है. पाकिस्तान भी भारत के अंदर हमले के निशानों को पहचान चुका है और इसका रिहर्सल भी किया जा चुका है.

दैनिक द न्यूज ने विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के एक सांसद मुसाहिद्दौला खान के हवाले से खबर दी है कि पाशा ने संसद को बताया कि अमेरिकी सीआईए जासूस रेमंड डेविस को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के आदेश की वजह से छोड़ा गया. खान ने बताया, "पाशा ने कहा कि उन्होंने सरकार को सलाह दी कि मामले को सुलझाया जाए. लेकिन आखिर में हमने वही किया, जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने हमें करने को कहा."

अखबार ने एक और सांसद को यह कहते बताया कि शुरू में तो पाशा ने इस सवाल को नजरअंदाज किया लेकिन बाद में कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कहने पर ही डेविस को रिहा किया गया.

पाशा के मुताबिक वे खुद राजनीति में नहीं उलझना चाहते हैं. उनके मुताबिक, "हमने फैसला किया है कि हम राजनीतिक बातों में नहीं फंसेगे. जब मैं सेना प्रमुख से मिला, तो उन्होंने भी ऐसा ही कहा."

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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