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भारत पर गुरिल्ला हमले करने की मंशा

ओएसजे/आईबी१५ अप्रैल २०१६

इस्लामिक स्टेट का दावा है कि बंग्लादेश में उसका नेटवर्क सक्रिय है. बांग्लादेश को गढ़ बनाकर भारत और म्यांमार को निशाना बनाने की तैयारी है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Shirzada

इस्लामिक स्टेट की प्रोपेगंडा मैग्जीन 'दबिक' ने बांग्लादेश के आतंकियों की तस्वीरें जारी की हैं. पत्रिका में युवा अबु जंदल अल-बंगाली का भी जिक्र है. ढाका के संपन्न परिवार से आने वाला अबु जंदल उत्तरी सीरिया में मारा गया था. उसके पिता बांग्लादेश की सेना में अधिकारी थे. 2009 के सैन्य विद्रोह के दौरान उसके पिता विद्रोही सैनिकों के खिलाफ लड़े और मारे गए. अबु जंदल ने अपने पिता को दुश्मनों का साथ देने वाला बताया.

पत्रिका ने अबु जंदल का एक पत्र भी प्रकाशित किया है. चिट्ठी में अबु जंदल ने बांग्लादेश के जिहादियों से लगातार शारीरिक व्यायाम करने को कहा है.

निशाने पर धर्मनिरपेक्ष हस्तियांतस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/Z. H. Chowdhury

शरिया कानून की वकालत

दबिक ने शेख अबु इब्राहिम अल-हनीफ का इंटरव्यू भी प्रकाशित किया है. अबु इब्राहिम ही बंगाल में आईएस की गतिविधियां आगे बढ़ा रहा है. अबु इब्राहिम ने इलाके के बौद्धों और हिंदुओं द्वारा हो रहे दमन के खिलाफ मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की है. शरिया कानून की वकालत करते हुए उसने कहा है, "बंगाल में शरिया तब तक लागू नहीं हो सकेगा, जब तक स्थानीय हिंदुओं और ईसाइयों को बड़े पैमाने पर निशाना न बनाया जाए." इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश में मजबूत होकर म्यांमार का रुख भी करना चाहता है.

इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात ए इस्लामी की भी आलोचना की है. खालिया जिया की पार्टी पर आरोप लगाया है कि 2001 से 2006 तक सत्ता में रहने के बावजूद उसने "अल्लाह का कानून" लागू नहीं किया.

अबु इब्राहिम ने बांग्लादेश को वैश्विक जिहाद के लिए बहुत अहम जगह बताया है, "बंगाल की भौगोलिक स्थिति बड़ी अहम है. यहां जिहाद का मजबूत केंद्र होने से भारत में अंदर और बाहर से गुरिल्ला हमले करना आसान होगा."

तीन तरफ से भारत से घिरा बांग्लादेश

"काफिरों" के खिलाफ

2015 में ढाका के पुराने इलाके में शियाओं के त्योहार अशुरा के दिन तीन धमाके हुए. इनमें एक किशोर की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए. इससे पहले ढाका में इटली के एक सहायताकर्मी की हत्या हुई. उत्तरी बांग्लादेश के रंगपुर में एक जापानी नागरिक की हत्या हुई.

इस्लामिक स्टेट ने धमाकों और विदेशी नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा, "काफिर गठबंधन के नागरिक" मुसलमानों की धरती पर सुरक्षित नहीं हैं. इसी साल फरवरी में आईएस ने हिंदू पुजारी का सर कलम करने की जिम्मेदारी ली.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी भी बांग्लादेश को आईएस की मौजूदगी की चेतावनी दे चुकी है. लेकिन बांग्लादेश की सरकार बार बार कह रही है कि उनके देश में इस्लामिक स्टेट सक्रिय नहीं है. हालांकि पुलिस अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रति सहानुभूति रखने वाले कुछ लोगों को हिरासत में ले चुकी है. कट्टरपंथियों के इस संगठन को ब्लॉगरों की हत्या में शामिल बताया जाता है. अंसारुल्लाह बांग्ला के संबंध अल कायदा और इस्लामिक स्टेट भी बताए जाते हैं.

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