राइनास यजीदी समुदाय से संबंध रखती है जिसे उत्तरी इराक में उसके गांव से अगवा किया गया था. आईएस की कैद से छूटने के दो साल बाद राइनास ब्रिटेन के दौरे पर है. वह एक ऐसे म्यूजिकल ग्रुप यानि कॉयर का हिस्सा है जिसे आईएस चरमपंथियों के जुल्म और सितम झेल चुकी लड़कियों ने बनाया है.
इस म्यूजिकल ग्रुप में 15 से 22 साल तक की लड़कियां हैं. वे कहती हैं कि यह कॉयर उन्हें दोस्त बनाने के साथ साथ उन दर्दनाक लम्हों से पीछा छुड़ाने में मदद करता है जो उन्होंने आईएस की कैद में रह कर झेला. इलियास कहती हैं, "मुझे इन लोगों के साथ रहना अच्छा लगता है. मानसिक रूप से बहुत मदद मिलती है." अब ये लोग ब्रिटेन में कई जगहों पर परफॉर्म कर रहे हैं.
इराक में यजीदी समुदाय के लगभग चार लाख लोग रहते हैं. यह ऐसा कुर्द अल्पसंख्यक समुदाय है जिसके धर्म में ईसाइयत, पारसी और इस्लाम, तीनों धर्मों की कुछ कुछ बातें शामिल हैं. आईएस इस समुदाय को मूर्तिपूजक मानता है और उसके लड़ाकों ने हजारों यजीदियों का कत्ल और अपहरण किया.
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कई धर्मों के मिले जुले रिवाज वाला धर्म यजीदी है. इसमें इस्लाम, ईसाइयत और कुछ दूसरे धर्मों के मिले जुले पुट हैं. इराक में रहने वाले इन लोगों पर आइसिस ने हमला बोला है. हालांकि उन्हें कुर्दों का समर्थन है.
तस्वीर: Reutersयजीदी एक ईश्वर में विश्वास करते हैं और मानते हैं कि उसके सात फरिश्ते दुनिया में उनकी मदद करते हैं. मोर के रूप में मलिक ताउस उनमें सबसे अहम है.
यजीदी धर्म के अनुयायी दिन में पांच बार सूर्य की तरफ मुंह करके पूजा करते हैं. दोपहर की पूजा लालिश पहाड़ियों की तरफ मुंह करके की जाती है, जहां उनका पवित्र मजार है. यह जगह उसी का प्रतीक है.
तस्वीर: DW/Al-Schalanदुनिया भर में करीब 8 लाख यजीदी हैं, जिनमें से ज्यादातर निनेवेह प्रांत में पहाड़ियों के पास रहते हैं. कुर्द भाषा बोलने वाले यजीदियों को 1990 के बाद से सीरिया और तुर्की जैसे देशों से भागना पड़ा. उनमें से कई ने अब यूरोप में पनाह ली है.
तस्वीर: DW/Al-Schalanआइसिस का कहना है कि यह "अशुद्ध" लोगों को इराक में नहीं रहने देंगे. लिहाजा उन्होंने यजीदियों पर हमला बोल दिया है. इससे पहले इन लोगों को सद्दाम हुसैन के शासनकाल में भी हमलों का सामना करना पड़ा था.
तस्वीर: picture alliance/AAये लोग इराक छोड़ कर सीरिया की तरफ भाग रहे हैं. सफर के लिए कई बार गधों का भी इस्तेमाल करना पड़ रहा है. रिपोर्टें हैं कि आइसिस ने सैकड़ों यजीदियों को मार डाला है. उनके खौफ से ईसाई भी कुर्दों के प्रभाव वाले शहर इरबील भाग रहे हैं.
तस्वीर: Reutersइराक सरकार का दावा है कि आइसिस के सदस्यों ने कई यजीदियों को जिंदा दफ्न कर दिया है, जबकि औरतों को अगवा कर लिया गया है. बच कर भाग रहे लोगों में से कुछ ने दोहुक प्रांत में ठिकाना जमाया है.
तस्वीर: REUTERSआम तौर पर वे इराक के उत्तर में रहते हैं, जहां कुर्दों का भी भारी प्रभाव है. दोनों की भाषा भी लगभग एक जैसी है. इराक से बाहर सबसे ज्यादा यजीदी यूरोपीय देश जर्मनी में रहते हैं. इसके अलावा रूस, अर्मेनिया, जॉर्जिया और स्वीडन में भी उन्होंने शरण ली है.
आइसिस के खिलाफ अमेरिका ने जहां हवाई हमले करने का फैसला किया है, वहीं कुछ देशों ने वहां मदद पहुंचाने का भी काम किया है. फ्रांस का एक कार्गो विमान बगदाद के पास अरबील में राहत सामग्री लेकर उतरा, जो प्रभावित इलाकों में भेजी गई.
तस्वीर: Reutersसीरिया के अल-हसाका इलाके की तरफ जाते हुए यजीदी समुदाय के लोगों को कुर्द लड़ाकों का समर्थन मिल रहा है. आइसिस ने इराक में खिलाफत का एलान किया है और यजीदी खास तौर पर उनके निशाने पर हैं.
तस्वीर: Reutersबीलेफेल्ड शहर में इराक के यजीदियों के समर्थन में प्रदर्शन किए गए. इस दौरान कुर्दिश वर्कर्स पार्टी के सह संस्थापक अब्दुल्लाह ओएचेलान के पोस्टर भी लोगों ने थाम रखे थे. इस प्रदर्शन में 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया.
तस्वीर: REUTERS 2014 में आईएस के लड़ाकों ने माउंट सिंजार की पहाड़ियों पर रहने वाले यजीदियों पर हमला किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने नरसंहार बताया. हालांकि अब आईएस के लड़ाकों को हराया जा चुका है, लेकिन ज्यादातर यजीदी अब भी कैंपों में जिंदगी गुजार रह रहे हैं. वे अपने गावों में जाने से डरते हैं.
संगीत यजीदी समुदाय के धर्म और संस्कृति का हिस्सा रहा है लेकिन इसे ना तो लिखा गया है और ना ही रिकॉर्ड किया गया है. ब्रिटिश संगीतकार माइकल बॉकमन अब यजीदी संगीतकारों के साथ मिल कर इस प्राचीन संगीत को रिकॉर्ड कर रहे हैं. इस संगीत को ना सिर्फ संरक्षित किया जा रहा है बल्कि नए लोगों को सिखाया भी जा रहा है.
आईएस की कैद में रहने वाली लड़कियों के लिए संगीत जख्मों पर मरहम का काम कर रहा है. हालांकि यह बहुत मुश्किल है. तीन साल तक आईएस की कैद में रहने वाली एक लड़की बताती है, "मुझे नहीं पता कि मैं कभी अपने उस अनुभव से उबर भी पाऊंगी या नहीं."
ऐसी ही कहानी राइनास की है जिसे अपहरण के बाद सीरिया ले जाया गया और तीन अलग अलग पुरूषों को बेचा गया. इसमें से दूसरा आदमी एक सऊदी नागरिक था. जब वह मारा गया गया तो राइनास गर्भवती थी. इसके बाद राइनास को उसके बच्चे के साथ एक मोरक्कन व्यक्ति को बेचा गया, जिसने "एक दरिंदे की तरह" उसका बलात्कार किया. कभी कभी तो वह दिन में छह बार राइनास का बलात्कार करता था.
राइनास इस दौरान दो बार गर्भवती हुई, लेकिन दोनों ही बार उसका गर्भपात हो गया. उसकी एक वजह उत्पीड़न भी था जिसका शिकार उसे रोज बनना पड़ता था. राइनास के परिवार ने 2017 में 12 हजार डॉलर देकर उसकी रिहाई कराई लेकिन राइनास की बेटी को आईएस लड़ाकों ने अपने पास ही रख लिया. वह कहती है, "मैंने बहुत दुख झेले हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि विश्व समुदाय हमारी मदद करे और उन लोगों को पकड़कर जेल में डाला जाए."
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इराक में रहने वाले शरणार्थियों के दिन मुश्किल होते जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक इराक में विस्थापित लोगों की संख्या करीब 10 लाख है और इनमें से अधिकतर यजीदी हैं.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlअपने ही देश में दर बदर घूमने वाले इराकियों की संख्या करीब 10 लाख बताई जाती है. इनमें से अधिकतर लोग देश के उत्तरी इलाकों की ओर जा रहे हैं.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlउत्तरी इराक में पहुंचे अधिकतर यजीदी हैं. सिंजर पहाड़ियों पर इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने जब हमला किया तो उनमें अधिकतर सुरक्षा के लिए उत्तरी शहरों में आ गए.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlगैर सरकारी संगठनों और कुर्द इलाके की सरकार के लिए इतने सारे लोगों की व्यवस्था करना मुश्किल का काम है. जिन्हें शरणार्थी शिविरों में जगह नहीं मिली उन्हें बिना किसी मदद के ही अपनी देखभाल करनी है.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlशरणार्थी शिविरों में कम जगह के कारण कई यजीदी आधी अधूरी बनी इमारतों, खाली घरों या स्कूली इमारतों में रह रहे हैं.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlसिंजर इलाके के गांवों से भागना इतना आसान नहीं था. आईएस के लड़ाकों ने जब वहां हमला किया तो कई लोग मारे गए. इसे सिंजर नरसंहार के तौर पर दर्ज किया गया है.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlइस अधूरी बनी इमारत में करीब 40 परिवार रहते हैं और सर्दियों में तापमान के गिरने के साथ ही इनका खुली हवा में रहना मुश्किल हो जाएगा.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlआंतरिक तौर पर विस्थापितों के लिए नये शरणार्थी शिविर बनाने का वादा किया गया है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlइस आपदा और संकट में कई यजीदी बच्चे भी घिर हुए हैं. उनका भविष्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चिंता का विषय है.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlताजा संकट से ये लोग जैसे तैसे उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि इमारत बनाने वालों ने यजीदियों को इमारतें खाली करने के लिए कह दिया है. उन्हें शरणार्थी शिविरों में जगह नहीं मिलने के कारण वह इन इमारतों में रहने को मजबूर हैं.
तस्वीर: DW/Andreas Stahlकैमरे के सामने फोटो के लिये खड़ा युवक. सिंजर से भागे कई लोगों को अपने परिवार के बारे में कुछ पता नहीं, यह भी नहीं कि वे जिंदा भी हैं या नहीं.
तस्वीर: DW/Andreas Stahl राइनास की बहन और दो भाई उन हजारों यजीदियों में शामिल हैं जो अब तक लापता हैं. कॉयर में शामिल कुछ लड़कियां तो राइनास से भी छोटी थीं जब उन्हें अगवा किया गया. इनमें एक लड़की को 11 साल की उम्र में अगवा किया गया और पांच बार बेचा गया गया था. एक अन्य लड़की की उम्र अपहरण के समय नौ साल थी. उससे नौकरानी का काम लिया गया.
अब राइनास 19 साल की हो गई है. उसका कहना है कि जो लोग अब भी आईएस लड़ाकों की कैद में हैं, उन्हें रिहा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय कदम उठाए और इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि फिर कभी यजीदी लोगों का इस तरह उत्पीड़न और शोषण ना हो. राइनास का कॉयर ब्रिटेन में अलग अलग जगहों पर अपनी परफॉर्मेंस के जरिए राजनेताओं और धार्मिक नेताओं को यही संदेश देने की कोशिश कर रहा है.
आईएस को अब हराया जा चुका है, लेकिन यजीदियों का कहना है कि चरमपंथी कभी भी दोबारा सिर उठा सकते हैं. राइनास कहती है, "खतरा टला नहीं है. हमारी सुरक्षा तभी हो सकती है जब विश्व समुदाय हमें बचाने का संकल्प ले." वह कहती है, "जो मैंने अनुभव किया, वो बलात्कार, वो उत्पीड़न, उसे मैं कभी नहीं भूल सकती. बेशक मैं अब भी डरी हुई हूं."
एके/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)