रूस और अमेरिका के अक्टूबर में होने जा रही शांति वार्ता में हिस्सा लेने की उम्मीद है. इस समूह को सीरिया संकट से जुड़े सबसे प्रभावशाली "बाहरी खिलाड़ियों" की बैठक बताया जा रहा है.
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सीरिया प्रमुख असद पर विश्व नेताओं के बयान
करीब चार साल से जारी सीरिया के संकट को खत्म करने के लिए दुनिया भर के नेता अपील करते दिख रहे हैं. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद और अलगाववादियों के बीच मतभेदों को हल करने के लिए बन रहे हैं नए गठबंधन.
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रूस
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी सीरिया संकट समाप्त करने की जोर शोर से अपील कर रहे हैं. अमेरिका के साथ तनाव के बावजूद रूस आईएस के खिलाफ संघर्ष में उसके साथ दिखाई दे रहा है. रूस में ही अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए पुतिन के लिए यह कदम उठाना जरूरी है.
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अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान ढूंढने के संदेश के साथ सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहे हैं. रूस द्वारा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को मदद पहुंचाने पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताई है. अमेरिका यूक्रेन मसले को भूलकर आगे बढ़ना नहीं चाहता.
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ईरान
राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कहा है कि आज सभी को यह समझ आ चुका है कि सीरिया की सरकार को कमजोर करके आतंवादियों का मुकाबला नहीं किया जा सकता. रोहानी असद शासन के समर्थकों में से हैं.
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ब्रिटेन
ब्रिटेन सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को पद से हटते देखना चाहता है. उसका मानना है कि बीते चार सालों से देश में मारे गए ढाई लाख से भी अधिक लोगों की मौत के लिए असद की सेना जिम्मेदार है.
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जर्मनी
चांसलर अंगेला मैर्केल ने सीरिया संकट के हल के लिए राष्ट्रपति असद के साथ मिलकर कदम उठाने की बात कही है. मैर्केल का मानना है कि सीरिया से जान बचा कर भाग रहे शरणार्थियों का संकट भी उनके देश में सुरक्षा बहाल करने के साथ ही सुलझेगा.
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फ्रांस
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद भी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहे हैं. एक दिन पहले ही फ्रांसिसी जेट विमानों ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट जिहादियों के खिलाफ हवाई हमले शुरु किए हैं.
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रूस के उप विदेश मंत्री ने बताया है कि शांति वार्ता में रूस और अमेरिका के अलावा ईरान, सऊदी अरब, तुर्की और मिस्र भी शिरकत करेंगे. सभी मिलकर आईएस से निबटने के उपायों पर चर्चा करने वाले हैं.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए जाने वाले भाषण पर दुनिया भर की निगाहें लगी हैं. दो साल के लंबे अंतराल के बाद पुतिन इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से आधिकारिक वार्ता भी करेंगे.
खबरें हैं कि युद्धग्रस्त सीरिया में असद प्रशासन की मदद के लिए पुतिन ने अपनी सैनिक टुकड़ियां और एयरक्राफ्ट भेजे हैं. अब पुतिन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए नए तरह के गठबंधन बनाने की बात भी कर रहे हैं. सीरिया और इराक के कई हिस्सों पर आईएस ने कब्जा कर रखा है. इससे असद सरकार और रूसी सेनाओं पर सीधा असर पड़ रहा है.
यूक्रेन संकट को लेकर पिछले करीब दो सालों से अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों के रूस के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं. इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में साथ आने की बात कह कर पुतिन ने अचानक उनके खेमे में नाटकीय प्रवेश कर लिया है.