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आईओसी का डोपिंग नियम पलटा

६ अक्टूबर २०११

सर्वोच्च खेल अदालत ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईओसी का एक विवादित डोपिंग नियम निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद 400 मीटर के ओलंपिक चैंपियन लाशॉन मेरिट का लंदन ओलंपिक में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया है.

तस्वीर: Fotolia/VRD

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (कैस) ने गुरुवार को घोषणा की है कि उसने आईओसी के उस नियम को गलत ठहराया है जिसमें डोपिंग के कारण छह महीने से अधिक की निलंबन की सजा पाने वाले एथलीटों पर ओलंपिक में भाग लेने पर प्रतिबंध है. कैस के पैनल ने कहा है कि यह नियम अमान्य और लागू न करने लायक है क्योंकि इसका मतलब एक और प्रतिबंध है और यह विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी के कोड का पालन नहीं करता.

मामला मेरिट का

इस मामले के केंद्र में बीजिंग ओलंपिक में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमेरिका के एथलीट मेरिट हैं जो आईओसी के नियमों के तहत लंदन ओलंपिक में भाग नहीं ले सकते. उनका डोपिंग बैन इस साल के आरंभ में पूरा हुआ है. अमेरिकी ओलंपिक समिति ने इस नियम को यह कहकर चुनौती दी थी कि इसका अर्थ एक अपराध के लिए दो बार सजा देना है. आईओसी का कहना था कि वह कोई प्रतिबंध नहीं लगा रहा बल्कि भागीदारी की शर्त तय कर रहा है. उसकी दलील थी कि ओलंपिक संस्था को यह तय करने का हक है कि उसके आयोजन में कौन हिस्सा ले सकता है.

अंतिम समय में किसी उलझन से बचने के लिए अमेरिकी ओलंपिक समिति और आईओसी ने इस विवाद पर लंदन ओलंपिक से काफी समय पहले ही खेल अदालत का फैसला मांगा. इस साल 17 अगस्त को 8 घंटे तक सुनवाई हुई. अब कैस के फैसले के बाद न सिर्फ मेरिट लंदन ओलंपिक में भाग ले सकेंगे, बल्कि दूसरे देशों के ऐसे खिलाड़ी भी जिन्हें डोपिंग के कारण छह महीने से अधिक तक ससपेंड किया गया है.

दूसरों को भी होगा फायदा

आईओसी के खिलाफ सर्वोच्च खेल अदालत के फैसले ने ब्रिटेन में उन खिलाड़ियों के लिए रास्ता साफ कर दिया है जो डोपिंग करने वाले खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के ब्रिटिश ओलंपिक समिति के नियम को चुनौती देना चाहते हैं. प्रभावित ब्रिटिश खिलाड़ियों में 100 मीटर में भूतपूर्व यूरोपीय चैंपियन ड्वेन चैंबर्स और साइकलिस्ट डेविड मिलर भी हैं.

रूल 45 के नाम से जाना जाने वाला आईओसी का नियम 2008 में बीजिंग ओलंपिक के ठीक पहले लागू किया गया था. 27 जुलाई 2012 से शुरू होने वाला लंदन ओलंपिक पहला आयोजन होता जहां इसे पूरी तरह लागू किया जाता.

लाशॉन मेरिट 2009 के 400 मीटर के विश्व चैंपियन भी हैं. उन्हें पिछले साल प्रतिबंधित तत्व के सेवन का दोषी पाया गया और उन पर 21 महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया.

बाद में सामान्यतः दो साल की उनकी सजा घटा दी गई, क्योंकि उन्होंने अधिकारियों के साथ सहयोग किया था और यह पाया गया कि उन्होंने वह तत्व एथलेटिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए नहीं लिया था. इस जुलाई में प्रतिबंध के पूरा हो जाने के बाद उन्होंने देगू के विश्व चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया. 400 मीटर में उन्होंने रजत जीता और 4X400 मीटर रिले में सोने का पदक जीता.

रिपोर्ट: एपी/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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