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आईपीएल में जडेजा, मैकुलम की बोली पर नजर

३ फ़रवरी २०१२

पांचवीं आईपीएल के लिए शनिवार को खिलाड़ियों की बोली लगने वाली है. ऑस्ट्रेलिया में अच्छा खेल रहे रवींद्र जडेजा पर ज्यादा राशि लग सकती है, जबकि लक्ष्मण के बिकने पर शक है. इस बार भी पाकिस्तान के खिलाड़ी बाहर ही रह सकते हैं.

नहीं होंगे पाक खिलाड़ीतस्वीर: AP

जिन 144 खिलाड़ियों की बोली लगने वाली है, उनमें से सिर्फ आठ भारत के हैं. आईपीएल के जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि ज्यादातर खिलाड़ी बिना बिके ही रह जाएं. कुल 11 देशों के खिलाड़ी नौ टीमों के लिए उपलब्ध होंगे.

इस साल आईपीएल 5 के लिए हर टीम के पास खिलाड़ियों की संख्या 30 से बढ़ा कर 33 करने की अनुमति दे दी गई है लेकिन उन्हें इस साल सिर्फ 20 लाख डॉलर खर्च करने की अनुमति है. इसे देखते हुए लगता है कि ज्यादा खिलाड़ियों की जगह टीमें बड़े नामों पर ध्यान देंगी. पिछले साल भी ब्रायन लारा सहित कई खिलाड़ी बाजार में बिक नहीं पाए थे.

पिछले साल कोच्चि टस्कर की सदस्यता रद्द होने के बाद उस टीम में शामिल खिलाड़ी नीलामी के लिए उपलब्ध हैं. पिछले साल कोच्चि ने रवींद्र जडेजा को 95,000 डॉलर में खरीदा था. समझा जा रहा है कि उनकी कीमत इस साल उससे भी कहीं ज्यादा लग सकती है. एक टीम के सूत्र का कहना है, "वह एक शानदार खिलाड़ी हैं. वह बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग सब कुछ अच्छा कर सकते हैं. हमें आश्चर्य नहीं होगा कि अगर उनकी बोली डेढ़ लाख डॉलर तक भी पहुंच जाए."

जडेजा का आईपीएल में रिकॉर्ड अच्छा रहा है. पिछले साल मुंबई उन्हें लेना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इस साल मुंबई के अलावा पुणे, बैंगलोर और दिल्ली की टीमें भी उन्हें हथियाने की कोशिश कर सकती हैं.

उनके अलावा तेजी से उभरे गेंदबाज विनय कुमार पर भी टीमों की नजर होगी. पिछले साल बैंगलोर की टीम विनय को जोड़ना चाहती थी, जो नहीं हो पाया. इस साल बैंगलोर के अलावा पुणे की भी उन पर नजर है. लेकिन वीवीएस लक्ष्मण के बिकने पर सवाल है. किसी जमाने में शानदार टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले लक्ष्मण हाल के दिनों में जबरदस्त फ्लॉप रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उन्हें टीम से हटाने पर भी चर्चा चल रही है. ऐसे में आईपीएल की धुरंधर टीमें किसी उम्रदराज खिलाड़ी पर पैसा लगाना नहीं चाहेगी.

न्यूजीलैंड के ब्रैंडम मैकुलम ने कोलकाता की टीम से पहले आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके बाद से सौरव गांगुली के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा हो गया और फिर वह दूसरे आईपीएल से अच्छा खेलने में भी कामयाब नहीं रहे. लेकिन इस बार वह कोलकाता या पुणे की टीम में नजर आ सकते हैं.

जहां तक पाकिस्तानी क्रिकेटरों का सवाल है, इस साल भी उन्हें आईपीएल से दूर ही रहना पड़ सकता है. 2008 में आईपीएल 1 में पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने हिस्सा जरूर लिया लेकिन उसी साल मुंबई में 26/11 वाले आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट रिश्ते तोड़ लिए. अगले साल किसी भी टीम ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों की बोली नहीं लगाई. यानी लगातार तीन साल से पाकिस्तान के खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेल रहे हैं. हो सकता है कि अजहर महमूद को किसी टीम में जगह मिल जाए, जिनके पास अब ब्रिटेन की नागरिकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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