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आईपीएल से सरकार का 'लेना देना नहीं'

२० जनवरी २०१०

आईपीएल नीलामी प्रक्रिया में खिलाड़ियों के साथ व्यवहार से पाकिस्तान में आक्रोश के बीच भारत ने कहा है कि इस मामले के लिए सरकार ज़िम्मेदार नहीं. पीसीबी ने कहा है कि इससे भारत पाक क्रिकेट रिश्तों पर असर पड़ सकता है.

तस्वीर: AP

भारत के खेल मंत्री एमएस गिल ने मंगलवार को पाकिस्तान के खेल मंत्री इजाज़ जाखरानी से बात की थी. “मैंने उन्हें समझाया था कि आईपीएल को क्रिकेट लीग होने के अलावा एक व्यवसाय की तरह भी देखा जाना चाहिए. इसमें सरकार का कोई दख़ल नहीं है.”

पूर्व टेस्ट क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों की बोली न लगने के मामले की आलोचना की है. सिद्धू ने कहा कि दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों के आईपीएल में हिस्सा न ले पाना देश के साथ अन्याय होने जैसा है. साथ ही यह आईपीएल के लिए भी बुरा प्रचार साबित होगा.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन एजाज़ बट्ट ने कहा है कि ताज़ा घटनाक्रम से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट रिश्तों पर असर पड़ सकता है. बट्ट ने माना कि आईपीएल एक प्राइवेट लीग है लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किए गए व्यवहार का असर रिश्तों को प्रभावित कर सकता है.

“अभी भारत के साथ हमारे क्रिकेट रिश्ते नहीं है. लेकिन आईपीएल एपीसोड के बाद हम भारत के साथ खेलने से पहले सरकार की सलाह लेना बेहतर समझेंगे.” बट्ट ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया में जो कुछ भी हुआ उससे वह बेहद हैरान और निराश हैं. उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को ट्वेंटी20 लीग में खेलने का पूरा अवसर मिलेगा.

एजाज़ बट्ट ने कहा है कि भारतीय खेल मंत्री ने इस मामले पर उनसे बात की है लेकिन आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी उनका फ़ोन नहीं उठा रहे हैं.

पीसीबी के डायरेक्टर जनरल जावेद मियांदाद ने कहा है कि इस मामले को आईसीसी के सामने उठाया जाना चाहिए. मियांदाद का मानना है कि अगर इस तरह की प्राइवेट लीग आईसीसी की देखरेख में होती है तो सभी सदस्य देशों को खेलने का मौक़ा मिलेगा और किसी खिलाड़ी के साथ ख़राब व्यवहार नहीं होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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