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आईफोन की नाकामी पर एप्पल की माफी

२९ सितम्बर २०१२

आईफोन 5 का मैप ढंग से नहीं चलने की वजह से एप्पल के सीईओ टिम कुक ने अपने उपभोक्ताओं से माफी मांगी है और यहां तक राय दे दी है कि उन्हें गूगल मैप का सहारा लेना चाहिए, जो एप्पल का कट्टर विरोधी माना जाता है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

एप्पल ने अपने नए फोन आईफोन 5 में गूगल मैप की जगह अपने मैप का इस्तेमाल किया है. इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस 6 लगाया गया है, जिसका बेसब्री से इंतजार हो रहा था. लेकिन यह ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहा है. यूजरों का दावा है कि नीदरलैंड्स की कंपनी की बनाई गई मैप व्यवस्था ठीक नहीं है और यह कई बार गलत जगह बता रहा है. एप्पल अपने पुराने आईफोनों में गूगल मैप का इस्तेमाल करता आया है, जो शानदार तरीके से काम करता है.

एप्पल के वेबसाइट पर कुक का एक पत्र जारी किया गया है. इसमें उन्होंने कहा, "हमारे ग्राहकों को जो निराशा हुई है, हम उसके लिए माफी मांगते हैं. हम मैप को बेहतर करने के लिए वह सब कुछ कर रहे हैं, जो हम कर सकते. हैं." उन्होंने माना है कि कंपनी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई है. उन्होंने यहां तक सलाह दी कि ग्राहकों को फिलहाल गूगल मैप का सहारा लेना चाहिए. कुक ने कहा कि यह एप्पल के ऐप स्टोर में उपलब्ध है.

गूगल को आजमाइए

उन्होंने कहा, "हम जब तक अपने मैप को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तब तक आप बिंग, मैपक्वेस्ट और वेज जैसे मैप इस्तेमाल कर सकते हैं, जो ऐप स्टोर में उपलब्ध हैं. या फिर आप नोकिया वाला गूगल मैप भी इस्तेमाल कर सकते हैं." यह पहला मौका है, जब एप्पल ने अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए सम्मान का इस्तेमाल किया है. एप्पल के जनक स्टीव जॉब्स आम तौर पर अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को यह सम्मान नहीं दे पाते थे. टिम कुक पिछले साल ही एप्पल के प्रमुख बने हैं.

गैजेट की दुनिया के समीक्षक शाऊ वू ने कहा, "यह हैरान करने वाला है. लेकिन टिम इसके साथ ही एप्पल के उस चरित्र को भी उभार रहे हैं कि उनकी कंपनी ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ देना चाहती है. लोग इस बात को भूल चुके हैं कि गूगल मैप शुरू में याहू या मैपक्वेस्ट से भी खराब था."

आईफोन 5 लांच करते टिम कुकतस्वीर: REUTERS

गूगल से झगड़े के बाद एप्पल ने इसी साल जून में अपना मैप सिस्टम शुरू किया, जिसमें वेज, इंटरमैप और डिजिटलग्लोब जैसी कंपनियों से आंकड़े साझा किए गए. लेकिन सॉफ्टवेयर जारी होने के बाद ही इसमें कमियां नजर आने लगीं.

पहले भी थी शिकायत

इससे पहले ग्राहकों ने आईफोन 4 रिलीज होने पर भी शिकायत की थी, 2010 में ग्राहकों को सिग्नल मिलने में दिक्कत हो रही थी. उस वक्त जॉब्स ने इस बात से इनकार कर दिया था कि सेट में कोई गड़बड़ी है. अलबत्ता उन्होंने ग्राहकों से कहा था कि उन्हें मुफ्त फोन केस दिया जा सकता है, जिससे यह समस्या हल हो जाएगी. एप्पल ने इस समस्या को जल्दी ही हल कर लिया और इसके बाद जब पूछा गया, तब जाकर स्टीव जॉब्स ने ग्राहकों से माफी मांगी.

जॉब्स की आत्मकथा में भी इस बात का जिक्र है कि किस तरह जॉब्स जिद्दी हुआ करते थे और टिम कुक उनकी यह आदत बदलने की कोशिश करते थे. वाल्टर इजकसन ने अपनी किताब में लिखा, "आखिरकार टिम कुक अपनी इस कोशिश में सफल होते दिखे. उन्होंने किसी से कहा कि एप्पल भी माइक्रोसॉफ्ट की तरह जिद्दी होता जा रहा है. इसके अगले दिन जॉब्स बदले बदले नजर आए."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कितना समय लगेगा

अभी यह तय नहीं है कि क्या एप्पल मैप की गड़बड़ी की समस्या भी जल्दी हल कर लेगा. मोबाइल मैपिंग के जानकार मार्कस थीलकिंग का कहना है कि इसमें बहुत सारे आंकड़ों की जरूरत होती है और यह बेहद जटिल सिस्टम होता है. जीपीएस सिस्टम स्कॉबलर बनाने वाले थीलकिंग कहते हैं, "एप्पल लगातार अपडेट कर सकता है और वह यही कर रहा है."

कुक का कहना है कि 10 करोड़ से ज्यादा लोग एप्पल मैप का इस्तेमाल कर रहे हैं और जितने ज्यादा लोग इस्तेमाल करेंगे, यह उतना बेहतर हो सकता है. आईफोन ने हालांकि हैरतअंगेज कामयाबी हासिल करते हुए पहले तीन दिन में ही 50 लाख फोन बेच दिए लेकिन इसके बाद उसके शेयर थोड़ा गिर गए.

एजेए/एएम (रॉयटर्स)

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