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आक्रामक श्रीसंत को ठंडा करने की जरूरत: धोनी

३० दिसम्बर २०१०

टीम इंडिया अपने तेज गेंदबाज श्रीसंत के व्यवहार से चिंतित है. मैदान पर श्रीसंत तैश में आ जाते हैं. कप्तान धोनी का कहना है कि श्रीसंत को काबू में रखने की जरूरत हैं, इसी में सबका भला है.

तस्वीर: UNI

डरबन में दक्षिण अफ्रीका को धूल चटाने के बाद टीम इंडिया और उसके कप्तान को बड़ी राहत है. धोनी गेंदबाजों से खुश हैं लेकिन उन्हें केरल एक्सप्रेस श्रीसंत की चिंता सता रही है. मैच के बाद मजाकिया लहजे उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि श्रीसंत को काबू में रखना, खुद उनके लिए, टीम, विपक्षी टीम, अंपायरों और बोर्ड के लिए अच्छा रहेगा.''

डरबन टेस्ट के दौरान कई बार केरल एक्सप्रेस तैश में दिखी. मैच में उन्होंने कैलिस, स्मिथ, डिवीलियर्स और अमला जैसे चार अहम विकेट लिए. इस दौरान कई बार वह विपक्षी खिलाड़ियों को आक्रमक अंदाज में घूरते नजर आए. श्रीसंत के इस व्यवहार के चलते कई बार उनकी विपक्षी खिलाड़ियों में तनातनी भी हो गई. इस वजह से पूरी टीम और अंपायरों को बीच में आना पड़ा.

तस्वीर: AP

मैच के बाद पत्रकारों ने धोनी से पूछा कि ''क्या श्रीसंत के आक्रामक रवैये से टीम को फायदा हुआ.'' धोनी ने इसी का जवाब देते हुए श्रीसंत को काबू में रखने की जरूरत बताई. वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रैम स्मिथ ने कहा, ''मैंने पर्याप्त टेस्ट क्रिकेट खेला है, मैं इस तरह की स्थिति से निपटना जानता हूं.'' डरबन में श्रीसंत ने स्मिथ के साथ भी इसी तरह का व्यवहार किया. आखिरकार तेज तर्रार पारी खेल रहे स्मिथ श्रीसंत की गेंद पर गड़बड़ा ही गए और भारत की जीत का रास्ता खुला.

वैसे 27 साल के श्रीसंत एक ओवर फेंकने में काफी वक्त लगाने के लिए बदनाम हैं. लेकिन डरबन में उन्होंने अपनी आदत को सुधारा. टीम इंडिया के कप्तान ने इसके पीछे छुपी सच्चाई बताते हुए कहा, "मैं उनसे पहले ही कहा था कि अगर वह एक ओवर फेंकने में सात से आठ मिनट लगाएगा तो उसे गेंदबाजी नहीं करने दी जाएगी.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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