कांग्रेस पार्टी की शीर्ष समिति की सोमवार को होने वाली बैठक से ठीक पहले पार्टी के कम से कम 23 वरिष्ठतम नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र के मीडिया में लीक होने से पार्टी का अंदरूनी संकट एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
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कांग्रेस के जिन नेताओं के इस पत्र पर हस्ताक्षर करने की खबर है, उनमें राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर; पार्टी संगठन में वरिष्ठ पदाधिकारी मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद; पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भूपिंदर सिंह हूडा, वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पी जे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा; पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली; दिल्ली विधान के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित जैसे नाम शामिल हैं.
पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने दावा किया है कि पत्र में 23 नेताओं के अलावा, पूरे देश से करीब 300 अतिरिक्त नेताओं ने भी हस्ताक्षर किए हैं.
मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि इस पत्र में ने नेताओं ने मांग की है संगठन में कई बदलाव लाए जाएं और "सामूहिक नेतृत्व" की स्थापना की जाए. कांग्रेस सूत्रों ने डीडब्ल्यू को बताया कि ये सभी नेता चाहते हैं कि पार्टी की मौजूदा अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ही पार्टी की कमान अपने हाथ में संभाल लें और पूर्णकालिक अध्यक्ष बन जाएं. माना जा रहा है कि पत्र लगभग 15 दिनों पहले लिखा गया था.
कांग्रेस पार्टी पर नेतृत्व का संकट लगभग 14 महीनों से चल रहा है. जुलाई 2019 में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोक सभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने को कह दिया था. उसके बाद उनकी मां और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया था और कहा गया था कि पार्टी जल्द ही पूर्णकालिक अध्यक्ष चुन लेगी.
लेकिन साल भर का वक्त गुजर जाने के बाद पार्टी को आज भी कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिला है और इस दौरान पार्टी पर कई संकट आए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए और उसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश में पार्टी की सरकार गिर गई. इसी तरह की अंदरूनी कलह राजस्थान में भी सामने आई जहां पार्टी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री के अलग अलग नेतृत्व में दो खेमों में बंट गई. करीब महीने भर तक दोनों खेमों के बीच रस्साकशी चली, जिस दौरान संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गए. अभी भी वहां हालात नाजुक ही माने जा रहे हैं.
इन्हीं घटनाओं की पृष्ठभूमि में इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं ने पार्टी में व्यापक सुधारों की मांग की है. मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि पत्र के लीक होने के बाद होने वाली अहम बैठक के पहले ही सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है और उसके बाद कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से मांग की है कि या तो वो खुद या राहुल गांधी पूर्णकालिक अध्यक्ष बन जाएं. अब देखना होगा कि बैठक में पार्टी क्या फैसला लेती है.
भारत में वंशवाद की अकसर चर्चा होती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि भारत की प्रकृति ही वंशवाद की है. राजनीति से लेकर खेल, कारोबार, फिल्म और दूसरे क्षेत्रों में ऐसे लोग हैं जिन्हें ये पेशा विरासत में मिला है.
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मुकेश और अनिल अंबानी
मशहूर उद्योगपति धीरु भाई अंबानी के बेटों ने अपने पिता की कारोबारी विरासत को आगे बढ़ाया है.
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अभिषेक बच्चन
अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक को अभिनय के क्षेत्र में पहली पहचान उनके पिता के नाम से मिली.
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सन्नी देओल
सन्नी देओल मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे हैं, धर्मेंद्र के बेटे बॉबी और बेटी ईशा ने भी अभिनय को करियर बनाया.
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रणबीर कपूर
हिंदी फिल्मों के बड़े परिवार कपूर खानदान के चिराग हैं. राजकपूर के पोते और ऋषि कपूर के बेटे हैं.
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आलिया भट्ट
निर्माता निर्देशक महेश भट्ट की बेटी आलिया ने अभिनय से नाम कमाया है. उनकी बड़ी बेटी पूजा भट्ट ने भी अभिनय किया है.
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राहुल गांधी
भारत की राजनीति में नेहरू वंश और कांग्रेस पार्टी की कमान अब राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के हाथ में है. कांग्रेस की सरकार बनी तो वो प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
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अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे ने पिता की ही तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली.
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अनुराग ठाकुर
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं.
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सचिन पायलट
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस नेता राजेश पायलट के बेटे हैं. वो राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं.
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महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री, इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं.
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उमर अब्दुल्ला
फारुक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख का पद विरासत में मिला.
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उद्धव ठाकरे
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिता बाल ठाकरे के बाद पार्टी की कमान संभाली और पिता की विरासत आगे बढ़ रहे हैं.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया
गुना के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस नेता और सांसद माधव राव सिंधिया के बेटे हैं.
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तेजस्वी यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की सरकार में उप मुख्यमंत्री का पद संभाला
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जयंत सिन्हा
भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे जयंत सिन्हा पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. वे पेशे से इंवेस्टमेंट बैंकर हैं और पिता की विरासत संभालने के लिए सांसद बने.
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जाकिर हुसैन
मशहूर तबला वादक अल्ला रक्खा के बेटे जाकिर हुसैन ने पिता से मिली कला की विरासत को आगे बढ़ाया.
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अनुष्का शंकर
मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर भी सितार बजाने वालों के बीच एक बड़ा नाम हैं.
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गीता फोगट
भारत के विख्यात पहलवान महावीर फोगट की बेटी हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती मुकाबले में पहला स्वर्ण पदक जीता.
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प्रशांत भूषण
मशहूर वकील शांति भूषण के बेटे हैं, वकालत का पेशा उन्हें विरासत में मिला. आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में एक.
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अभिषेक मनु सिंघवी
विख्यात वकील एल एम सिंघवी के बेटे अभिषेक मनु सिंघवी भी बड़े वकील हैं. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं.
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रविशंकर प्रसाद
पटना उच्च न्यायालय के वकील ठाकुर प्रसाद के बेटे रविशंकर प्रसाद भी बड़े वकील हैं. लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले का केस लड़े.
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डी वाई चंद्रचूड़
भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे धनंजय चंद्रचूड़ वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हैं.