फिल्मों में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन असल जिंदगी में शायद कुछ गलत है प्यार में. नहीं तो कभी मां बाप, तो कभी समाज से इसे छिपाने की जरूरत क्यों पड़ती है?
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ऐसा नहीं है कि प्यार पर पूरी तरह मनाही है. आप अपने माता पिता से, भाई बहन से, अपने बच्चों से प्यार कर सकते हैं और करना भी चाहिए, यह आपका धर्म है. बस साथी से प्यार मत कीजिए और अगर गलती से कर लिया है, तो उसे छिपा कर रखिए. अब आप ही बताइए, भला प्यार भी कोई दिखाने की चीज है?
हां, बच्चे को प्यार प्यार में चूम लिया, कोई बात नहीं लेकिन पति को सब के सामने कैसे चूम सकते हैं? और बॉयफ्रेंड को तो कतई नहीं. अरे शिष्टाचार भी कोई चीज होती है आखिर! और फिर शर्म का क्या? हां भई, वही शर्म जो औरत का गहना होती है. यह तो आप जानते ही है कि हम हिंदुस्तानियों को गहनों से कितना प्यार है. बिना गहने के तो औरत अधूरी है, ऐसे में शर्म का गहना तो कभी नहीं उतारना चाहिए.
हां, फिल्मों तक ठीक है. वो क्या है ना, गर्लफ्रेंड के करीब आने का तो मौका मिलता ही नहीं है. और अब अगर फिल्मों में इमरान हाशमी भी किस करना छोड़ देगा, तो लोग क्या करेंगे? कम से कम कल्पना तक तो इन भावनाओं को रहने ही दे सकते हैं. क्योंकि कल्पना शर्म के दायरे में थोड़े ही आती है.
प्यार कर ही लिया, तो डरना क्या?
हालांकि कुछ लोग तो इतने बेशर्म हो जाते हैं कि बिना शादी किए ही साथ रहने की जुर्रत करने लगते हैं. किसी सभ्य समाज में ऐसा होता है क्या भला? शादी किए बिना किसी के साथ संबंध? तौबा!
आखिर राम और सीता हमारे आदर्श हैं. हमें उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए. बस एक छोटी से उलझन है मेरी. जिस तरह मंदिरों में राम और सीता साथ खड़े दिखते हैं, उसी तरह कृष्ण और राधा भी तो साथ ही होते हैं. क्या राधा कृष्ण की शादी हुई थी? नहीं ना! क्या कभी कृष्ण के साथ पत्नी रुकमणि का नाम सुना है आपने? हमेशा राधेकृष्ण ही क्यों कहा जाता है?
मैं जानती हूं आप अब क्या कहेंगे, वो प्यार था, वासना नहीं. कुछ सालों पहले मैंने कृष्ण और राधा पर एक प्रदर्शनी देखी. (वहां लगे बहुत से चित्रों में से कुछ आध आप यहां देख सकते हैं.) ये चित्र राधा और कृष्ण के प्रेम के पलों के हैं. दोनों के ही शरीर पर कपड़े नहीं हैं (हां, गहने जरूर हैं). कृष्ण का हाथ राधा के स्तन पर है. ये वही पल हैं जिनके बारे में बात करते हुए हम बहुत घबराते हैं. (यहां यह बताना जरूरी है कि ये चित्र 12वीं सदी में जयदेव नामक कवि द्वारा लिखे गए मशहूर काव्य "गीता गोविंद" पर आधारित हैं, ये आज के जमाने की उपज नहीं हैं!)
लेकिन यह कैसा पाखंड है कि भगवान की लीला पर कोई सवाल नहीं उठाता और इंसानों के प्यार को पाप और हराम जैसे शब्दों में बांध दिया जाता है? मैं इस दोहरेपन को नहीं स्वीकारती. राधा ने कृष्ण से प्यार किया था, बिना डरे, इसीलिए आज उसे पूजा जाता है. प्यार पूजनीय है, पाप नहीं. पता नहीं फिर भी, प्यार से इतना डरते क्यों हैं हम!
ब्लॉग: ईशा भाटिया
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युद्ध की पृष्ठभूमि में प्यार
अपने शहर की लगातार बमबारी के बावजूद होम्स के एक जोड़े ने शांति की उम्मीद नहीं छोड़ी है. एएफपी के एक फोटोग्राफर ने उनके प्यार और शादी को दुनिया तक पहुंचाया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण
युद्ध और विभीषिका के साए में हुई शादी की तस्वीरों को इस्तेमाल करने के जाफर मिराय के फैसले के बाद एएफपी ने भी कुछ तस्वीरें जारी करने का फैसला किया जिसे उसके फोटोग्राफर ने इस मौके पर लिया था. मिराय ने अपनी तस्वीरों को "प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण" नाम दिया है और फेसबुक पर पोस्ट किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
खंडहर में प्यार
18 वर्षीया नादा मेरही और 27 वर्षीय सैनिक हसन यूसुफ ने जब शादी करने का फैसला किया तो अपनी शादी की तस्वीरों के लिए असामान्य सी पृष्ठभूमि चुनी. बमबारी में खंडहर बना अपना शहर होम्स. मिराय ने खंडहरों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया है कि जिंदगी मौत से ज्यादा ताकतवर है.
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बंटा हुआ शहर
सीरिया के गृहयुद्ध में 250,000 लोग मारे गए हैं. उनमें से अधिकांश असैनिक नागरिक हैं. देश के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स ने राष्ट्रपति बशर अल असद के वफादार सैनिकों के हमलों में भारी नुकसान सहा है. यह पहला शहर था जिसने 2012 में असद सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था.
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सफेद ड्रेस भूरा मलबा
कभी लहलहाते चमचमाते शहर के बीचोंबीच नादा की सफेद झकझक ड्रेस युवा जोड़े के आस पास में हुई बर्बादी को दिखाती है. खंडहर बने घर, दीवारों पर बुलेट के निशान और सुनसान सड़कें होम्स में रहने वाले लोगों को लगातार इस बात का अहसास दिलाती हैं कि उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है.
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लगातार जारी हमले
होम्स पर सरकार का नियंत्रण फिर से होने के बावजूद हमले रुके नहीं हैं. अल जहरा इलाके में 26 जनवरी को हुए आत्मघाती हमले में 22 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हो गए. इस इलाके में मुख्य रूप से अलावी समुदाय के लोग रहते हैं जो इस्लाम का अल्पसंख्यक समुदाय है. राष्ट्रपति असद इसी समुदाय के हैं.
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अकेला नहीं होम्स
सितंबर 2015 से रूसी बमवर्षकों ने राष्ट्रपति असद के सैनिकों के समर्थन में विपक्षी ठिकानों पर बमबारी की है. सीरिया में आईएस के ठिकानों पर अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सहबंध भी हवाई हमले कर रहा है. 15 फरवरी को तुर्की की सीमा से लगे इलाकों में स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की गई.
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अंतरराष्ट्रीय कोशिशें
अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में शांति स्थापना की कोशिशें कर रहा है. पश्चिमी देश और सीरिया का विपक्ष भावी समाधान में राष्ट्रपति असद की कोई भागीदारी नहीं चाहते. लेकिन सरकारी सैन्य कार्रवाई में असद की मदद कर रूस इलाके में नए हालात पैदा करना चाहता है. इस बीच आईएस लगातार पैर पसार रहा है.
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संघर्ष विराम तय
म्यूनिख में हुए इस साल के सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिका और रूस के सहयोग से सीरिया में संघर्ष विराम तय हुआ है. लेकिन इसके लागू होने से पहले ही राष्ट्रपति असद ने एक ओर समय कम होने की बात कही है तो दूसरी ओर तुर्की की सीमा पर कुर्दों के आगे बढ़ने के कारण तुर्की संघर्ष में और उलझता जा रहा है.
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युद्धकाल में प्यार
फेसबुक पर मिराय की तस्वीरों पर कुछ यूजर्स ने भावनात्मक टिप्पणियां की हैं. एक ने लिखा है, "तस्वीर में मैं दूल्हे जैसा लगता हूं." एक अन्य ने लिखा, "ईश्वर तुम्हारे और सारे सीरियावासियों के साथ रहे. इन तस्वीरों और उन्हें दुनिया के साथ बांटने के लिए शुक्रिया." एक अन्य ने इसका टाइटल युद्धकाल में प्यार करने की सलाह दी है.
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जिंदगी नाम जीने का
मिराय की तस्वीरें इस बीच इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि लोग लगातार उनके फेसबुक पेज पर कमेंट डाल रहे हैं. कुछ इन तस्वीरों का स्लाइड शो बना रहे हैं, तो कुछ इसे यूट्यूब वीडियो में बदल रहे हैं. एक यूजर ने तो मिराय की तस्वीरों को खंडहर बने शहर होम्स में भी जिंदगी जारी रहने का सबूत बताया है.