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आगे बढ़ती सेना के सामने भागते सीरियाई नागरिक

८ जून २०११

सीरियाई नगर जिस्र अल शुगुर में अपने सिपाहियों की हत्या के लिए हथियारबंद गिरोहों को जिम्मेदार ठहराते हुए सीरियाई सरकार ने कहा है कि फिर से सुरक्षा की बहाली के लिए सेना भेजी जाएगी.

तस्वीर: AP

पहाड़ के ऊपर बसे इस नगर में शुक्रवार की हिंसक घटनाओं के बारे में परस्पर विरोधी खबरें मिल रही हैं. सरकार का कहना है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया, जबकि स्थानीय निवासियों का कहना है कि सेना के अंदर बगावत हुई थी. सीरिया में सरकार विरोधी आंदोलन के खिलाफ सुरक्षा बलों के हमलों में पिछले तीन महीनों में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है. प्रेक्षकों को आशंका है कि जिस्र अल शुगुर में हिंसा के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद को और अधिक दमन का बहाना मिल जाएगा.

भारी संख्या में नागरिक इस नगर से भागकर तुर्की पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. बुधवार को तुर्की के प्रधान मंत्री तय्यप एरदोआन ने आज सीरियाई सरकार से मांग की है कि वह हिंसा को काबू में लाए. साथ ही उन्होंने कहा कि तुर्की शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा बंद नहीं करने वाला है.

न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में फ्रांस के विदेश मंत्री ऐलेन जुप्पे ने कहा कि चंद दिनों या घंटों के अंदर सीरिया की निंदा करते हुए सुरक्षा परिषद का एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा. इस सिलसिले में ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से पहल की जा रही है. एक मसौदा भी पेश किया गया है, जिसमें सैनिक हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है. लीबिया में नाटो की बमबारी पर उंगली उठाते हुए रूस ने कहा है कि वह सीरिया में हस्तक्षेप के खिलाफ वीटो का प्रयोग करेगा.

सीरिया से पुष्टि की जा सकने वाली खबरें नहीं मिल रही है. राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने अधिकतर पत्रकारों के देश से निष्कासित कर दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़

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