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आज से एसएम कृष्णा रूस दौरे पर

१६ नवम्बर २०११

भारतीय नेता आजकल रूस का खूब दौरा कर रहे हैं. पिछले महीने रक्षा मंत्री और पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्री मॉस्को गए. आज से विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का दौरा शुरू हो रहा है. अगले महीने प्रधानमंत्री पहुंचेंगे.

तस्वीर: UNI

भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा आज से रूस की यात्रा पर जा रहे हैं. वह मॉस्को में भारत-रूस संयुक्त आयोग की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. कृष्णा की इस यात्रा में भारत और रूस के बीच संबंधों में आए ठहराव को दूर करने के लिए बातचीत होगी.

रूस के विदेश मंत्रालय ने एलान किया है कि मॉस्को यात्रा पर एसएम कृष्णा व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, तकनीक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए बनाए गए संयुक्त आयोग की अध्यक्षता करेंगे. मंत्रालय के प्रवक्ता आलेक्जेंडर लुकाशेविच ने कहा, "कृष्णा 17 से 19 नवंबर तक रूस की यात्रा करेंगे. वह अंतर-सरकारी संयुक्त आयोग के 17वें सत्र में हिस्सा लेंगे." इसमें बैठक में रूस के उप प्रधानमंत्री सर्गेई इवानोव अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.

तस्वीर: UNI

इसके अलावा कृष्णा अगले महीने मॉस्को में होने वाली गैर-सैन्य सहयोग सम्मेलन का एजेंडा भी तय करेंगे. इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हिस्सा लेंगे. 16 और 17 दिसंबर को मनमोहन रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के न्योते पर रूस की यात्रा पर होंगे.

लुकाशेविच ने बताया कि एसएम कृष्णा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे जिसमें कई अहम मुद्दों पर बात होनी है. पिछले हफ्ते ही भारत-रूस बिजनस फोरम की बैठक हुई है. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने किया जबकि रूस की तरफ से उप प्रधानमंत्री इवानोव ने हिस्सा लिया. इवानोव ने एलान किया कि कुडानकुलम में परमाणु बिजली घर का निर्माण इस साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा. भारत कुडानकुलम का यह परमाणु संयंत्र रूस की मदद से बना रहा है.

इवानोव ने कहा कि भारत अंतरिक्ष आधारित नेविगेशन सिस्टम ग्लोनास में रूस का मुख्य साझीदार होगी. यह सिस्टम अमेरिका के ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम जीपीएस को टक्कर देगा. जीपीएस पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का नियंत्रण है.

रूसी मीडिया ने हाल ही में ऐसी रिपोर्टें छापी हैं कि पिछले महीने अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ग्लोनास से सिग्नल प्राप्त करने के लिए समझौते किया था. इस समझौते से भारतीय मिसाइलों और विमानों के लिए सिग्नल प्राप्त करना आसान हो जाएगा.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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