आठ माह की बच्ची से दुष्कर्म पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित
३१ जनवरी २०१८आठ माह की बलात्कार पीड़ित बच्ची को एम्स में भर्ती किए जाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो चिकित्सक बच्ची को देखने उस अस्पताल जाएं जहां वह भर्ती है और वे तय करें कि क्या उसे एम्स में स्थानांतरित किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने बच्ची के साथ दुष्कर्म को अत्यंत गंभीर चिंता का विषय बताया और एम्स के डॉक्टरों को गुरुवार तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
न्यायालय ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) को भी डॉक्टर के साथ बच्ची के पास जाने को कहा. शीर्ष अदालत ने एक अधिवक्ता की ओर दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया, जिन्होंने याचिका में अदालत से अधिकारियों को बच्ची को तुरंत एम्स में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुए उसे यथासंभव बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने की मांग की थी.
पीड़िता के साथ उसके 28 साल के मौसेरे भाई ने शराब के नशे में दुष्कर्म किया था. पुलिस के सामने उसने यह बात स्वीकारी. पुलिस के मुताबिक जब बच्ची के माता-पिता काम पर जाते थे तो बेटी को अपनी साली के पास छोड़ जाया करते थे. लेकिन बीते रविवार के दिन जब जब साली के लड़के ने बच्ची के आसपास किसी को नहीं पाया तो उसने बच्ची के साथ जोर-जबरदस्ती की. बच्ची की मां जब दोपहर करीब 12.30 बजे घर लौटी तो उसने अपनी बेटी के कपड़े पर खून के धब्बे देखकर अपने पति को इसकी खबर दी.
पीड़ित बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. बच्ची के नाजुक अंगों में गंभीर चोट होने के कारण उसकी सर्जरी की गई है.
आईएएनएस/एए