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आतंकवादी बनने गए 4,500 रूसी

२० दिसम्बर २०१७

रूस की मुख्य सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) के प्रमुख अलेक्जेंडर बोर्तनिकोव के मुताबिक अब तक कम से कम 4,500 रूसी नागरिकों ने आतंकवादियों के साथ लड़ने के लिए देश छोड़ दिया है.

Russland Alexander Bortnikow Chef russischer Geheimdienst
तस्वीर: picture-alliance/dpa

एक अखबार से बातचीत के दौरान बोर्तनिकोव ने बताया कि अब तक कम से कम 4500 ऐसे नागरिकों की पहचान की जा सकी है जो आतंकवादियों से कंधा मिलाने के लिए विदेशों में गए हैं. उन्होंने बताया कि कैसे सुरक्षा एजेंसी ने मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से रूस में आतंकियों को आने से रोका है साथ ही इन जगहों पर रूसी नागरिकों को जाने से रोकने का काम भी किया है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने करीब 200 से भी अधिक लोगों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने से रोका गया. इसके अलावा रूस ने इस साल तकरीबन 23 आतंकी हमलों को नाकाम कर दिया. वहीं पिछले पांच सालों के दौरान तकरीबन 9,500 लोगों पर आतंकवाद और उग्रवाद के आरोप लगे. बोर्तनिकोव ने कहा कि सुरक्षा एजेंसी की प्राथमिकता आतंकी स्लीपर सेल का पता लगाना और संभावित हमलावरों की पहचान करना है.

इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोवियत संघ में शामिल रहे देशों के सुरक्षा प्रमुखों का रूस का साथ देने के लिए आभार जताया. पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. साथ ही कहा कि रूस, सीरिया में हो रही आतंकी गतिविधियों पर नजर बनाये हुए है. सीरिया में जारी गृह युद्ध में रूस की सेना सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद की तरफ से लड़ रही है. 

तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Nemenov

रूस की सेनाएं सितंबर 2015 से सीरिया में सक्रिय हैं, इसके चलते रूस, इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूह के निशाने पर बना हुआ है. इन सब खतरों के बीच अप्रैल 2017 रूस को सेंट पीटर्सबर्ग पर हुई बमबारी सहित कई हमलों का सामना करना पड़ा. इस हमले में 15 लोग मारे गए थे.

इसके साथ ही रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भी धन्यवाद कहा. धन्यवाद की वजह पिछले सप्ताह अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की ओर से की गई वो मदद थी जिसके चलते सेंट पीटर्सबर्ग की ऐतिहासिक इमारत पर योजनाबद्ध हमले को विफल किया जा सका. पुतिन, सोवियत संघ की पहली गुप्त पुलिस की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर अपनी ये बात कह रहे थे.

 एए/ओएसजे (एएफपी)

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