आतंकवाद निरोधी सेल के खिलाफ हैं भारत के राज्य
१७ फ़रवरी २०१२
यूपीए सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस की ममता बैनर्जी के अलावा उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एनसीटीसी (नैशनल एंटी टेररिज्म सेल) का विरोध कर रहे हैं. बंगाल की मुख्यमंत्री बैनर्जी का कहना है, "राज्य सरकार के लिए केंद्र सरकार या उसकी एजेंसियों की तरफ से ताकत के मनमाने इस्तेमाल को स्वीकार करना मुश्किल है. इसका संविधान में राज्यों को मिले अधिकारों पर असर पड़ेगा.
बैनर्जी का संदेश उड़ीसा के मुख्यमंत्री पटनायक के दफ्तर से जारी किया गया है. इस हफ्ते की शुरुआत में पटनायक ने गैर कांग्रेसी नेताओं को पत्र लिखा था और केंद्र सरकार की पहल के बारे में सूचना दी थी. इन मुख्यमंत्रियों में तमिल नाडु की जयललिता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं. अपने संदेश में पटनायक ने लिखा है, "मुझे आपत्ति कानून और व्यवस्था पर कठोर लहजे वाले निरंकुश नोटिस को लेकर है जिसके लिए राज्य सरकारों से परामर्श भी नहीं किया गया है."
केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने इन शिकायतों को खारिज करते हुए कहा है कि एनसीटीसी के मामले में राज्यों के साथ विचार विमर्श की जरूरत नहीं थी क्योंकि इसे गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक मौजूदा कानून के तहत बनाया गया है. यह कई सालों से लागू है और सरक्षा एजेंसियां इसी के तहत काम कर रही थीं.
सिंह ने कहा, "एनसीटीसी इसलिए बनाई जा रही है ताकि आतंकवाद को रोकने के लिए काम कर रही एजेंसियां आपस में सहयोग कर सकें. हम कोई नया कानून नहीं बना रहे हैं. जिन सेक्शनों की चर्चा की गई है वे छह सात साल से लागू हैं. इसको लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए."
सरकारी सूत्रों ने कहा है कि केंद्रीय गृह सचिव ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को टेलिफोन पर बताया कि एनसीटीसी के तहत केंद्र राज्य के पुलिस अधिकार केवल आतंकवाद से संबंधित होंगे और इसलिए राज्य के अधिकारों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इसके विपरीत ममता बैनर्जी ने प्रधानमंत्री को अपने संदेश में कहा है कि यह आदेश जांच पड़ताल और कानूनी व्यवस्था बनाए रखने में राज्य के अधिकारों की कटौती जैसा लग रहा है.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः महेश झा