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आतंकियों ने बदले बातचीत के तरीके

८ नवम्बर २०१३

ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि निगरानी कार्यक्रम के सार्वजनिक होने से आतंकवादी गुट सजग हो गए हैं और उन्होंने अपनी चालढाल बदल ली है. अधिकारियों ने सुरक्षा पर खतरे का अंदेशा भी जताया है.

तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन के शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि स्नोडेन के खुलासे ने दुश्मनों को, "खुशी से हथेलियां रगड़ने" का मौका दे दिया है, इसके साथ ही आतंकवादी गुटों ने अपने बातचीत के तौर तरीकों को भी बदलना शुरू कर दिया है. ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी एमआई6, इसके घरेलू संस्करण एमआई5 और लुकछिप कर बातचीत सुनने वाली जीसीएचक्यू के प्रमुख ब्रिटिश संसद की सुरक्षा मामलों की समिति के सामने पेश हुए और इस बात से इनकार किया कि बड़े पैमाने पर ब्रिटेन के लोगों की जासूसी की जाती है.

कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के दौरान एमआई6 के मुखिया जॉन सावर्स ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के निगरानी कार्यक्रम के बारे में जानकारियों को सार्वजनिक करना अल कायदा और दूसरे आतंकवादी गुटों के लिए एक तोहफे की तरह है. सावर्स ने संसदीय समिति से कहा, "स्नोडेन की लीक की हुई जानकारियां बहुत नुकसान पहुंचाने वाली हैं, इससे हमारा काम खतरे में पड़ गया है. हमारे दुश्मन खुशी से हथेलियां रगड़ रहे हैं."

जीसीएचक्यू के मुखिया लेन लोबान ने कहा कि भगोड़े अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर की वजह से मध्यपूर्व, अफगानिस्तान और दूसरी जगहों के "आतंकवादी गुटों" ने अपने बातचीत के तौर तरीके बदल दिए हैं. लोबान ने कहा, "हमारे पास खुफिया जानकारी है कि और वास्तव में हमने कुछ खास आतंकवादी गुटों को यह चर्चा करते पाया है कि संचार के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले तरीकों से बचना है, इनमें से कुछ गुट हमारे देशों के नजदीक भी हैं."

ब्रिटेन के लिए यह एक दुर्लभ मौका था जब तीनों खुफिया प्रमुख एक कतार में कुर्सी पर बैठ कर संसदीय समिति के सवालों का जवाब दे रहे थे. इसका इस सुनवाई का टीवी पर प्रसारण भी किया गया. खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और लोगों की निजता के अधिकार की रक्षा के बीच संतुलन रखने के लिए काफी मेहनत करते हैं. लोबान ने समिति से कहा, "हम अपना समय टेलीफोन पर बातचीत सुनने या ईमेल पढ़ने में नहीं बिताते. यह उचित नहीं होगा और ना ही कानूनन तौर पर सही. हम यह नहीं करते."

जीसीएचक्यू के मुखिया लेन लोबानतस्वीर: picture alliance/AP Photo

एमआई5 के महानिदेशक एंड्रयू पार्कर ने इस बात पर जोर दिया कि खुफिया सेवाओं का काम ब्रिटेन पर आतंकवादी खतरे को देखते हुए सही तरीके से कदम उठाना है. पार्कर ने समिति से कहा, "यह कहा जा रहा है कि हम आजादी और लोकतंत्र पर समझौता करते हैं, निश्चित रूप से हम इससे विपरीत पर भरोसा करते हैं. हम जो काम करते हैं वह इस तरह के खतरों से जूझने के लिहाज से संतुलित होता है."

संसदीय समिति के प्रमुख मैल्कम रिफकिंड ने कहा कि टीवी पर सुनवाई में थोड़ी देरी इसलिए हुई ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़़ी कोई जानकारी कहीं गलती से प्रसारित न हो जाए. तीनों खुफिया प्रमुख अब तक समिति को निजी रूप से से ही जानकारी देते रहे हैं.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन के जरिए लीक हुई जानकारियों से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है. जासूसी के बारे में मिली इन जानकारियों ने अमेरिका के कई सहयोगी देशों से उसके रिश्तों में तनाव भर दिया है. इन जानकारियों में यह भी पता चला है कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू बर्लिन की राजधानी में मौजूद ब्रिटिश दूतावास की छत से जासूसी करती थी. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के मोबाइल फोन सुनने की बात पहले ही सामने आ चुकी है. इस मामले में ब्रिटिश राजदूत को जर्मन विदेश मंत्रालय में भी तलब किया गया था.

एनआर/ एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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