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आतंक के निर्यात पर रोक लगाएगा यूरोप

७ दिसम्बर २०१४

यूरोप के लिए आतंकवादी पर्यटक चिंता का कारण बन गए हैं. वे लड़ने के लिए सीरिया और इराक जा रहे हैं और लौट कर यूरोप के लिए हमलों का खतरा पैदा कर रहे हैं. यूरोपीय गृह मंत्रियों ने इस खतरे को रोकने के कदमों पर विचार किया है.

तस्वीर: DW/Bernd Riegert

यूरोप के आतंकवाद विरोधी कमिश्नर गिलेस दे किरचोव का कहना है कि यूरोपीय आतंकी लड़ाकों की तादाद लगातार बढ़ रही है. उनका कहना है कि इस रुझान को यूरोप के सोशल नेटवर्कों पर भी देखा जा सकता है, "हम ट्विटर और फेसबुक पर बहुत सारा समाचार देख रहे हैं." उनका कहना है कि यूरोप को इस पर जोरदार कदम उठाने की जरूरत है. जर्मन गृह मंत्री थोमस डे मेजियेर ने आईएस के लड़ाकों की बर्बरता पर आश्चर्य का इजहार किया है.

डे मेजियेर का कहना है कि जिहादी पर्यटकों की संख्या जर्मनी और यूरोप के दूसरे देशों में भी बढ़ रही है. जर्मनी में इस बीच आतंकवादी गतिविधियों में सीरिया और इराक जाने वालों की संख्या बढ़कर 550 हो गई है. ये वे लोग हैं जिन पर जर्मन सुरक्षा अधिकारियों की नजर है. सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार यूरोप भर में ऐसे कट्टरपंथियों की संख्या 3000 के करीब होगी. यूरोपीय देशों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि युवा आप्रवासियों में चरमपंथ के प्रसार को कैसे रोका जाए, चरमपंथ के प्रभाव में आए युवाओं को आतंकवाद के निर्यात के लिए सीरिया और इराक जाने से कैसे रोका जाए और उनके लौटने पर उन पर कैसे नजर रखी जाए कि वे स्थानीय समाजों के लिए खतरा न बनें.

डे मेजियेर का कहना है कि यूरोपीय मंत्रियों ने चरमपंथियों पर अपने अनुभवों का आदान प्रदान तो किया है लेकिन आखिरकार उन्हें रोकना राष्ट्रीय जिम्मेदारी है, "हम साथ मिल कर इसे रोकना चाहते हैं कि वे यूरोप से बाहर जाएं और आतंक का प्रसार करें. हम इसे भी रोकना चाहते हैं कि वे लड़ाके के रूप में यूरोप वापस आएं और यूरोप में हमले करें." डे मेजियेर ने कहा कि हम देख रहे हैं कि बेल्जियम, स्वीडन और फ्रांस से आतंक का निर्यात हो रहा है. "यह हमें चैन की नींद नहीं सोने दे रहा." उन्होंने कहा, "हम नहीं चाहते कि वे दूसरी जगहों पर हत्या करें, यह तो हम कतई नहीं चाहते हैं कि लड़ाई के अनुभव के साथ वे जर्मनी वापस आएं और घृणा से यूरोप में हत्या करें."

इसे रोकने के लिए यूरोपीय देश जिहादी संघर्ष में शामिल होने वाले संदिग्ध लोगों की सूची बनाना चाहते हैं. डे मेजियेर का कहना है कि संदिग्ध आतंकवादियों को शेंगेन के देशों की इलेक्ट्रॉनिक सूचना सिस्टम में शामिल करने का मामला काफी आगे बढ़ चुका है. अब सीमा पर जांच करने वाला सुरक्षा अधिकारी बाहर जाने वाले संदिग्ध लोगों की शिनाख्त आसानी से कर पाएगा. शेंगेन सूचना पद्धति में संदिग्ध लोगों का नाम शामिल करने के लिए यूरोपीय देशों में किसी कानूनी संशोधन की जरूरत नहीं है. इसी महीने अधिकारी इस योजना पर तकनीकी अमल पर विचार करेंगे.

एमजे/एजेए (डीपीए)

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