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आपके कपड़े रखेंगे दिल का ख्याल

१४ जून २०१३

स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है. लेकिन बीमारी से उठने के बाद यह जानना जरूरी है कि कौन सी कसरत सही है और कौन सी नहीं. ऐसे में क्यों ना आपके कपड़ों को ही इतना समझदार बना दिया जाए कि वे आपका पूरा ख्याल रख लें.

तस्वीर: TACHAR TSHIRTS

दौड़ना अच्छी कसरत है, लेकिन दिल की बीमार हो तो सावधानी बरतनी चाहिए. इलाज के बाद कसरत से स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों को भी हर एक मूव पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन दिक्कत उन लोगों के लिए आती है जो अकेले रहते हैं. बेहोश होने या दौरा पड़ने पर उनकी मदद करने के लिए कोई नहीं होता.

जर्मनी के फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट में ऐसे लोगों के लिए एक दिलचस्प चीज तैयार की जा रही है. यहां के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक एक्सपर्ट क्रिस्टियान होफमन इन मरीजों की मदद इंटेलीजेंट कपड़ों के जरिये करना चाहते हैं. वे इनोवेटिव टेक्सटाइल बना रहे हैं, यानी ऐसे कपड़े जिनमें बेहद संवेदनशील इलेक्ट्रोड लगे होंगे. ये कपड़े शरीर के आंकड़े जुटाते रहेंगे.

डिजिटल फिटनेस मशीन बताएगी कि कसरत करने का तरीका सही है या नहीं.तस्वीर: picture-alliance/dpa

स्मार्ट टेक्सटाइल

होफमन बताते हैं कि वे मुख्य रूप से मूवमेंट वाली एक्सरसाइज के बारे में सोच रहे हैं. बीमारी से उठने के बाद जब मरीज अपने घरों पर कसरत करते हैं, तो वे जानना चाहते हैं कि वे सही ढंग से कर रहे हैं या नहीं, "आम तौर पर वे इसके लिए थेरैपिस्ट के पास जाएंगे, वहां व्यायाम करेंगे और मशविरा लेंगे. हमारे जैकेट से यह मुमकिन होगा कि लोग घर में ही व्यायाम कर सकें. डिजिटल फिटनेस मशीन उन्हें बताएगी कि उनका कसरत करने का तरीका सही था या उसमें सुधार की जरूरत है."

होफमन ने फिटनेस असिस्टेंट कहे जाने वाले अपने जैकेट मॉडल में 11 सेंसर लगाए हैं. कोशिश है कि यह सामान्य जैकेट जैसी दिखे और उतनी ही आरामदायक भी हो. बीते पांच साल से जर्मनी के विशेषज्ञ स्मार्ट टेक्सटाइल विकसित करने में जुटे हैं. फिटनेट असिस्टेंट के परीक्षण के दौरान जैकेट पहने व्यक्ति को स्क्रीन पर कसरत देखकर उसे बारीकी से दोहराना होता है. ब्लूटूथ के जरिए जैकेट डाटा को कंप्यूटर को भेज देती है.

होफमन अपने इस प्रोडक्ट में भारी संभावना देखते हैं. उन्होंने सेंसर वाली एक टीशर्ट भी बनाई है. सेंसर धड़कनों के साथ सांस भी गिनते हैं. इसके जरिए खिलाड़ियों और स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों के प्रदर्शन पर ज्यादा सटीक ढंग से नजर रखी जा सकती है. वे अब ऐसे निर्माता की तलाश में हैं जो इसे बाजार में लाए. टीम ऐसा कालीन भी बना रही है जो दबाव दर्ज कर सके.

रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी

संपादन: ईशा भाटिया

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