आप्रवासियों के मामले में अमेरिका की राह चला कनाडा
१५ जुलाई २०१९![Spendenaktion Syrian Refugee Support Group Calgary](https://static.dw.com/image/19247216_800.webp)
क्यूबेक की प्रांतीय विधायिका ने जिस विवादास्पद आव्रजन बिल को मंजूरी दी है, वह कौशलयुक्त आप्रवासी आवेदकों के लिए पहले आओ, पहले पाओ की नीति की जगह लेगा. यह कानून अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की उस प्रस्तावित योजना की तरह है जो अपने देश की वीजा प्रणाली को परिवार आधारित आप्रवासन से और अधिक कुशल श्रमिकों में बदल देगा. यह कानून कनाडा के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत क्यूबेक में श्रम बाजार की जरूरतों के अनुसार आप्रवासियों के कौशल का अधिक बारीकी से मिलान करेगा.
नए नियम के तहत करीब 18 हजार लंबित आवेदनों को हटा दिया जाएगा. इससे 50 हजार लोग प्रभावित होंगे, जिनमें से ज्यादातर अभी क्यूबेक में ही रह रहे हैं. अब इन 18 हजार अस्वीकृत आवेदकों को फिर से नई आव्रजन प्रक्रिया में शामिल होना होगा. प्रांतीय सरकार ने नए आवेदनों के निष्पादन में तेजी लाने का वादा किया है. सरकार ने कहा है कि योग्य श्रमिकों को भी 36 महीनों के बजाय छह महीने के भीतर जवाब होगा.
आव्रजन मंत्री साइमन जोलिन-बैरेट ने ट्वीट कर कहा कि बिल के पक्ष में 62 में से 42 वोट पड़े. जोलिन-बैरेट ने नेशनल असेंबली को बताया, "हम जनता के हित में आव्रजन प्रणाली में सुधार कर रहे हैं क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास श्रम बाजार की जरूरतों को पूरा करने वाली प्रणाली है." दूसरी ओर सभी तीन विपक्षी दलों ने इसे "अमानवीय" बताते हुए इसका विरोध किया. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने 18 हजार लंबित आवेदनों को हटाने का औचित्य नहीं बताया है. लिबरल पार्टी के सांसद डोमिनिक एंगलेड ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह बिल इतिहास में सकारात्मक रूप से देखा जाएगा." मॉन्ट्रियल राजपत्र के अनुसार, "इससे क्यूबेक की छवि धूमिल होती है."
कनाडा कुशल श्रमिकों की पहली पसंद
मुख्यमंत्री फ्रांसुआ लेगो की सरकार ने प्रस्ताव पर बहस को सीमित करने के लिए एक विशेष संसदीय प्रक्रिया का सहारा लिया. उनकी पार्टी पिछले साल अक्टूबर में सत्ता में आई थी और क्यूबेक में हर साल पहुंचने वाले आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या में 20 प्रतिशत से अधिक की कटौती करने का वादा किया था. एक दिन बाद सदन ने फिर से एक और विवादास्पद बिल उठाया. इसके माध्यम से पुलिस, न्यायाधीशों और शिक्षकों सहित कई सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा धार्मिक प्रतीकों के पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेगो ने इस बिल का समर्थन किया है. यह प्रस्ताव कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की उस पहल के अनुरूप है, जिसमें वे बहुसंस्कृतिवाद की वकालत पर जोर देते हैं.
अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन द्वारा आव्रजन के कड़े रुख को देखते हुए भारतीयों सहित दुनिया के अन्य देशों के लोगों की पहली पसंद कनाडा बनता जा रहा है. यहां लोग काम और स्थायी रूप से रहने दोनों का अवसर देख रहे हैं. सिर्फ वर्ष 2018 में ही 39,600 से अधिक भारतीयों ने एक्सप्रेस एंट्री रूट के तहत कनाडा में स्थायी निवास प्राप्त किया. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 26,300 भारतीयों को स्थायी निवास प्रदान किया गया था. कनाडा ने 2018 में अपनी प्रवेश प्रणाली के माध्यम से 92,231 नए लोगों को स्थायी निवास की अनुमति दी. इसमें सबसे ज्यादा भारतीय थे. दूसरे स्थान पर नाइजीरियन और तीसरे स्थान पर चीन के लोग थे. एक्सप्रेस एंट्री रूट कनाडा के आव्रजन के लिए सिंगल गेट चयन प्रणाली है.
आरआर/एमजे (एएफपी)
_______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore