आमिर को साथ लाने की कोशिश में अन्ना
२८ अक्टूबर २०१२![](https://static.dw.com/image/16142967_800.webp)
जाहिर है कि अन्ना ने यह फैसला आमिर खान के शो सत्यमेव जयते की सफलता से प्रभावित हो कर किया है. सत्यमेव जयते में भारतीय समाज के कई मुद्दे सामने लाए गए और अन्ना भी अपने आंदोलन में इसी तरह के मुद्दे उठाना चाहते हैं. आमिर खान का आंदोलन में साथ आना अन्ना के लिए काफी फायदेमंद होगा. 74 के अन्ना कहते हैं कि भ्रष्टाचार के अलावा उनके आंदोलन में किसानों और चुनाव नीति में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा.
पिछले साल नई दिल्ली में एक सशक्त लोकपाल के लिए आमिर खान ने भी अन्ना का साथ दिया था. उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ी प्रणाली की वकालत करते हुए एक चिट्ठी भेजी थी. अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का साथ न देने के फैसले के बाद अन्ना ने टीम अन्ना को खत्म किया और अब एक नई टीम का गठन करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें भारत सरकार और सेना के पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं.
उधर, अन्ना के पूर्व सहयोगी केजरीवाल का कहना है कि भारत में किसी भी तरह का विपक्ष नहीं है और सारे राजनीतिक सत्ताधारी ढांचे का हिस्सा हैं. राजनीतिज्ञों को भी केजरीवाल ने निशाना बनाया है और इसकी वजह से उन्हें खुद काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है. उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे कई मामलों में नेताओं पर अपने फैसले सुनाते हैं, मिसाल के तौर पर गांधी परिवार से जुड़े रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाए कि उन्हें गुड़गांव के रियल एस्टेट डिवेलपर डीएलएफ से जमीन समझौतों में गलत फायदा हुआ है.
भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि केजरीवाल उस चींटी की तरह हैं जो एक हाथी को खत्म करने की कोशिश कर रहा है. केजरीवाल का कहना है कि नेता काफी बेबस हैं. "पहले लोग सामने आकर बोलने से डरते थे लेकिन कम से कम हमारे आंदोलन से उन्हें बोलने की हिम्मत मिली है."
घोटालों में घिरी कांग्रेस सरकार, बीजेपी में नेतृत्व का अभाव, अन्ना हजारे और केजरीवाल के आंदोलन से लगता है कि भारत में 2014 का आम चुनाव देश में बड़ा बदलाव भी ला सकता है.
एमजी/एएम(एएफपी, पीटीआई)