आम लोगों का रेल बजटः प्रधानमंत्री
२५ फ़रवरी २०११संसद में रेल मंत्री ममता बनर्जी के बजट भाषण के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "यह आम आदमी का रेल बजट है जिसमें यात्री किराए और मालभाड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. इससे महंगाई बढ़ाने वाली कीमतों को कमजोर करने में मदद मिलेगी." प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि रेल बजट में ममता बनर्जी ने इस बात का भी ख्याल रखा है कि बुनियादी ढांचे के जरूरी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जा सके जो अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बेहद अहम है. प्रधानमंत्री ने कहा, "रेल मंत्री ने शानदार काम किया है."
बिहार के लिए निराशा
दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री नीतीश कुमार ने इस बजट को बिहार के लिए निराशाजनक करार दिया है. रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि रेलवे को इस बार 3500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इस पर नीतीश ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद पर भी उंगली उठाई कि मुनाफे में दौड़ने का दावा करने वाली रेल अचानक लालू जी के पद से हटते ही घाटे में क्यों चली गई.
संसद में रेल मंत्री के भाषण के दौरान सांसदों ने जम कर हंगामा किया और उन पर बंगाल का बजट बनाने के आरोप लगाए गए. बीजेपी ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इसमें सारे देश को छोड़ कर सिर्फ बंगाल के लिए सौगातें दी गई हैं. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "रेल बजट के जरिए रॉयटर्स बिल्डिंग तक छुपी हुई रेल लाइन बिछाने की कोशिश की गई है." वहीं लोकसभा में बीजेपी के उप नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा है कि बंगाल में चुनाव है इसलिए रेल बजट में केवल वादे किए गए हैं. बीजेपी ने रेल मंत्री से पूछा है कि वह यह बताएं कि इन वादों को पूरा करने के लिए घाटे में चल रही रेल पैसा कहां से लाएगी.
ममता संतुष्ट
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने अपने रेल बजट को लोगों का बजट कहा है और इन आरोपों से इनकार किया है कि यह लोकलुभावन या बंगाल का बजट है. रेल मंत्री का कहना है कि उन्होंने बजट बनाते वक्त देश का ध्यान रखा है और हर हिस्से के लिए परियोजना तैयार की है. बंगाल में सत्ताधारी पार्टी सीपीएम ने रेल मंत्री पर रेलवे को दिवालिया करने का आरोप लगाया है. इसके जवाब में रेल मंत्री ने कहा, " उनकी (सीपीएम की) सरकार ने बंगाल को दिवालिया कर दिया है और राज्य सरकार पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्हें अपने राज्य पर ध्यान देना चाहिए."
लोकलुभावन बजट बनाने के आरोपों का जवाब में ममता ने कहा, "ये लोग अवसरवादी है. अगर ये लोगों के हित में है तो इसे लोकलुभावन रहने दीजिए." ममता का कहना है कि जब उन्हें (सीपीएम के नेताओं) को अहसास हो जाता है कि वे लड़ नहीं सकते तो वो दूसरों पर आरोप लगाने लगते हैं. ममता ने यह भी कहा कि कल तक यही लोग कह रहे थे कि रेलवे डिविडेंड भी नहीं दे पाएगी.
उद्योग न खुश न नाराज
रेल बजट पर उद्योग जगत ने मिली जुली प्रतिक्रिया जताई है. उद्योग संगठन फिक्की ने निजी सार्वजनिक भागीदारी यानी पीपीपी परियोजनाओं के एलान पर खुशी जताई है. दूसरी तरफ एसोचैम ने कहा है कि सरकार को रेलवे में सुरक्षा और स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. एसोचैम ने यह भी जानना चाहा है कि विस्तार परियोजनाओं के लिए रेलवे संसाधन कहां से जुटाएगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार