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आयरलैंड में विशाल विरोध प्रदर्शन

२८ नवम्बर २०१०

सार्वजनिक खर्च में कटौती के सरकार के फैसले के खिलाफ आयरलैंड की राजधानी डबलिन में लाखों लोगों ने विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. वित्तीय भंवर में फंसे आयरलैंड को बेलआउट के लिए खर्च में कटौती के लिए कड़े कदम उठाने हैं.

डबलिन की सड़कों परतस्वीर: AP

आयरिश कांग्रेस ऑफ ट्रेड यूनियन के प्रवक्ता ने दावा किया है कि विरोध मार्च में डेढ़ लाख लोगों ने हिस्सा लिया हालांकि पुलिस सिर्फ 50,000 लोगों के होने की बात मान रही है. डबलिन की सड़कों पर विरोध में हिस्सा ले रहे प्रदर्शनकारियों ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था कि आईएमएफ के लिए आयरलैंड बिकाऊ नहीं है. प्रदर्शनकारी बेलआउट पैकेज की आलोचना और प्रधानमंत्री ब्रायन कोवेन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे लोगों का कहना है कि मौजूदा मुश्किलों से निकलने के लिए आयरलैंड के पास कई और बेहतर रास्ते हैं. कोवेन सरकार ने सादगी बरतने और सरकारी खर्च में कमी लाने के लिए कई कदम उठाने के संकेत दिए हैं जो लोगों को नागवार गुजरे हैं. सरकारी फैसले के तहत कल्याणकारी योजनाओं में कटौती की जा सकती है, टैक्स को बढ़ाया जाने और सार्वजनिक क्षेत्र में अगले चार साल में करीब 25 हजार कर्मचारियों की नौकरियों से छुट्टी कर देने पर विचार हो रहा है.

तस्वीर: AP

प्रधानमंत्री ब्रायन कोवेन का कहना है कि यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 85 अरब यूरो का पैकेज लेने के लिए कड़े कदमों का उठाया जाना जरूरी है. लेकिन लोग सरकार के तर्कों को स्वीकारने को तैयार नहीं है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम सरकार के अहंकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे हैं. वह चाहती है कि लोग खाली चेक पर दस्तखत कर दें. हम चाहते हैं कि साफ सुथरे तरीकों को अपनाया जाए न कि उन तरीकों को जिनसे तेजड़ियों को फायदा होता हो."

फ्रांस के एक सूत्र ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया कि रविवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की बैठक हो रही है जिसमें बेलआउट पैकेज पर चर्चा होगी. संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को बाजार खुलने से पहले ही किसी पैकेज की घोषणा की जा सकती है. लोन के जरिए आयरलैंड के उन बैंकों की मदद की जाएगी जो वित्तीय संकट की मार झेल रहे हैं. इसके जरिए कर्ज संकट के यूरो जोन के अन्य देशों में फैलने पर भी रोक लगाने की कोशिश हो रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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