आरुषि के माता-पिता को उम्रकैद
२६ नवम्बर २०१३गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने डॉक्टर राजेश तलवार और उनकी पत्नी नूपुर तलवार को दोहरे हत्याकांड के लिए उम्रकैद की सजा दी है. सजा का फैसला सुनाते ही कठघरे में खड़े तलवार दंपति रो पड़े. साढ़े पांच साल बाद सोमवार को अदालत ने तलवार दंपति को अपनी बेटी आरुषि तलवार और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया.
मंगलवार को सजा पर बहस के दौरान अदालत ने अभियोजन पक्ष की फांसी की मांग की ठुकरा दी. जज ने मौत की सजा को खारिज करते हुए कहा, "यह दुलर्भतम में दुर्लभ केस नहीं बनता."
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और धारा 201 के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट ने डॉक्टर राजेश तलवार को धारा 203 के तहत झूठी एफआईआर लिखवाकर जांच को गुमराह करने भी दोषी ठहराया.
कितनी-कितनी सजा
राजेश और नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद.
201 के तहत पांच साल की सजा (सबूत मिटाना).
राजेश तलवार को धारा 203 में एक साल की सजा (झूठी एफआईआर).
राजेश तलवार पर 17 हजार और नूपुर तलवार पर 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगा.
न्याय नहीं मिला: बचाव पक्ष
बचाव पक्ष की वकील रेबेका जॉन ने फैसले के बाद कहा कि तलवार दंपति के खिलाफ मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर बनाया गया है. जॉन के मुताबिक, "इस केस में संजीदगी से न्याय नहीं हो पाया है.''
फैसले के बाद कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीबीआई के वकील आरके सैनी ने कहा, "उम्रकैद न्यूनतम सजा है. हम फैसले से संतुष्ट हैं. इस मामले का अंत हो गया है."
वहीं बचाव पक्ष के एक और वकील तनवीर अहमद ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, "वे (तलवार दंपति) आखिरी सांस तक अपनी बेटी के सम्मान को दोबारा बहाल करने के लिए लड़ते रहेंगे. और साथ ही उनके वकील भी." मई 2008 के इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड मामले में गवाहों के बयान घटनास्थल पर मिले सबूतों और जांच रिपोर्ट के आधार पर विशेष अदालत ने डॉक्टर दंपति को दोषी करार दिया. इस हत्याकांड में 90 गवाहों के बयान लिए गए और सभी ने माना कि परिस्थितियों को देखते हुए स्पष्ट होता है कि हत्या आरुषि के माता पिता ने ही की है.
14 साल की आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की 16 मई 2008 को दिल्ली से सटे नोएडा में तलवार दंपति के घर पर हत्या हुई. तलवार दंपति पर यह भी आरोप हैं उन्होंने घरेलू सहायक का काम करने वाले बेकसूर नेपाली युवाओं को अपराधी साबित करने की कोशिश की.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी (पीटीआई, एएफपी,एपी)
संपादन: ओंकार सिंह जनोटी