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आरोपों से घिरे पाकिस्तान की सफाई

३ मई २०११

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपने देश का बचाव करना पड़ रहा है. राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक ही अल कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन के मारे के बाद पाकिस्तान कई सवालों से घिरा है.

गिलानी ने दी सफाईतस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी सैन्य अभियान में ओसामा बिन लादेन को मारे जाने तक एबटाबाद दुनिया तो क्या पाकिस्तानी मीडिया में भी कहीं नहीं था, लेकिन अब सब जगह सैन्य ठिकाने वाले इस शहर की ही चर्चा है. राजधानी इस्लामाबाद से कार के जरिए आप दो घंटे में एबटाबाद पहुंच सकते हैं. इसी शहर में सोमवार को अमेरिकी सेना ने बिन लादेन को मार गिराया.

'हम बेखबर थे'

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने माना कि उन्हें भी इस मिशन की कानोंकान भनक नहीं लगी. बिन लादेन के खात्मे के बाद एएफपी समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में गिलानी ने सफाई दी कि उनका देश आंतकवाद के खिलाफ युद्ध में मुस्तैदी से साथ निभा रहा है. कबायली इलाकों ने अपनी सेना के अभियान का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, "आंतकवाद और चरमपंथ के खिलाफ पूरा देश एक है और यह हमारी सबसे बड़ी कामयाबी है."

पाकिस्तान बरसों से घरेलू मोर्चे पर उग्रवादियों से लड़ रहा है. सरकार के मुताबिक इस संघर्ष में 2004 से उसके 2,795 सैनिक मारे गए हैं. पाकिस्तान में 2007 से शुरू हुए तालिबान और अल कायदा के आत्मघाती हमलों के सिलसिले में 4,240 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. गिलानी ने कहा, "हमने सफलतापूर्वक उग्रवादियों को स्थानीय कबीलों से अलग थलग कर दिया है. अब कबायली लोग हमारा साथ दे रहे हैं. यह एक और जीत है."

गिलानी का गोलमोल

गिलानी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि क्यों पाकिस्तान को बिन लादेन के बारे में नहीं पता चल पाया. उन्होंने बस इतना ही कहा कि एबटाबाद में जिस घर में लादेन था, वह शहर में सैन्य ठिकानों की पहुंच से बाहर था. गिलानी के मुताबिक, "यह दूर दराज का इलाका था." गिलानी ने इन बातों पर भी टालमटोल की कि लादेन को मारने का मिशन पाकिस्तान के लिए शर्मनाक है क्योंकि पाकिस्तानी नेता तो लंबे समय से कह रहे थे कि लादेन उनके यहां नहीं है. गिलानी के मुताबिक, "यह तो पूरी दुनिया के लिए शर्मनाक है क्योंकि उच्च तकनीक और खुफिया जानकारियों के बावजूद वे पिछले सात साल से उस 'सज्जन' तक नहीं पहुंच पाए."

पाकिस्तान के नेता काफी समय से संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमलों पर आपत्ति जताते रहे हैं. वे इसे अपनी संप्रभुता का हनन बताते हैं. लेकिन अब वे पाकिस्तानी जनता से बिन लादेन की मौत पर क्या कहेंगे, यह साफ नहीं है. पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों हाल के समय में बहुत तनावपूर्ण रहे हैं. पाकिस्तान के अंदर दो नागरिकों की हत्या करने और बाद में ब्लड मनी देकर छूटे सीआईए एजेंट रेमंड डेविस के मामले पर भी दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों में तनातनी रही.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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