1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा खपत जरूरी: मनमोहन सिंह

१४ दिसम्बर २०११

राष्‍ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दि‍वस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नई दि‍ल्‍ली में इस बात पर जोर दिया कि देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है कि ऊर्जा की खपत बढ़ाई जाए.

तस्वीर: AP

डरबन में पर्यावरण बदलाव पर काबू पाने के लिए हुई बैठक खत्म हुए अभी कुछ दिन ही हुए हैं और भारत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आर्थिक विकास और ऊर्जा खपत बढ़ाने की बात कर रहे हैं. राष्‍ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दि‍वस पर हुए सम्मलेन में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें 12वीं पंचवर्षीय योजना में सकल घरेलू उत्पाद में नौ प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य हासिल करना है. आर्थिक विकास में इतनी बढ़ोतरी के लिए जरूरी है कि हमारी बिजली की खपत भी तेजी से बढ़े."

तस्वीर: AP

मनहमोहन सिंह ने कहा कि भारत वाणिज्यिक ऊर्जा को भारी मात्रा में आयात करता रहा है. इसलिए "यह बेहद जरूरी है कि हम दोगुना प्रयास करें, ताकि हम ऊर्जा की घरेलू सप्लाई को बढ़ा सकें और सकल घरेलू उत्पाद की ऊर्जा सघनता को कम कर सकें." प्रधानमंत्री ने कहा कि क्योंकि भारत खनिज ईंधन पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है, इसलिए कोयले वाले बिजली घरों की क्षमता बढ़ाना भी जरूरी है. प्रधानमंत्री ने कहा, "इसके लिए हमें सुपर क्रिटिकल और अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा."

भारत में फिलहाल एक लाख अस्सी हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है. देश अभी ऊर्जा की भारी किल्लत से गुजर रहा है. वहीं देश के ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि पिछले एक दशक में देश में ऊर्जा को ले कर कार्यक्षमता बड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसा कार्यक्रम ला रही है जिसके तहत बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. इनमें पंखे और ट्यूबलाइट जैसी चीजें शामिल हैं, जिनकी ऊर्जा क्षमता पचास प्रतिशत अधिक है.

तस्वीर: PA/dpa

प्रधानमंत्री ने ईंधन बचाने पर जोर देते हुए कहा, "हमारे शहरों में सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की जरूरत हैं, माल भेजने के लिए सड़कों की जगह रेल पर निर्भरता बढ़ानी होगी और 'इंटीग्रेटेड गैसीफि‍केशन कंबाइंड साइकि‍ल' जैसी नई तकनीकों के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करना होगा." राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा मि‍शन के तहत 2020 तक बीस हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्‍पादन किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री ने कहा, "नेशनल मिशन ऑन एनहेंस्ड एनेर्जी एफिशिएंसी के सफलतापूर्वक लागू होने पर कोयला, गैस और पेट्रोलियम में 230 लाख टन तेल के बराबर ईंधन की सालाना बचत हो सकेगी. इसके साथ ही 19,000 मेगावाट की अति‍रि‍क्‍त क्षमता की बचत भी की जा सकेगी."

इस अवसर पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार भी बांटे गए.

रिपोर्टः पीटीआई/ईशा भाटिया

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें