पहले कई बार जर्मन चांसलर मैर्केल की नीतियों की आलोचना कर चुके अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जब वॉशिंगटन में आमने सामने उनसे मुलाकात करेंगे, तो क्या उनकी बातचीत पर पिछली टिप्पणियों का भी कुछ असर दिखेगा.
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अगस्त 2016 में वर्जिनिया में रिपब्लिकन पार्टी की चुनाव रैली में मैर्केल की शरणार्थी नीति का विरोध करने वाले डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था, "क्या गलत हुआ? अंगेला क्या हुआ?" हो सकता है कि अब राष्ट्रपति बन चुके ट्रंप अपनी पहली भेंट में मैर्केल से यह सवाल ना पूछें. लेकिन इस मुलाकात में नाटो संगठन को मजबूत बनाने, आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट से निपटने और यूक्रेन संकट को सुलझाने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा जरूर होगीय ये मुद्दे अमेरिका और जर्मनी दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं.
इन अंतरराष्ट्रीय मसलों के अलावा भी विश्व के इन दो ताकतवर नेताओं की मुलाकात से एक नये साझा संबंध की शुरुआत होने की भी उम्मीद है. चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन को लेकर कहा था कि वे "अमेरिका की मैर्केल" बनना चाहती हैं. जब प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने अंगेला मैर्केल को साल 2015 का "पर्सन ऑफ द ईयर" बनाया तो इस पर भी ट्रंप को बड़ी आपत्ति थी, क्योंकि वे खुद को वहां देखना चाहते थे.
चुनाव अभियानों के दौरान ही ट्रंप ने संतुलन साधते हुए कुछ मौकों पर मैर्केल के प्रति सम्मान भी जताया. जैसे सितंबर 2016 में एक टीवी इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि किस विश्व नेता की वे प्रशंसा करते हैं, तो उन्होंने मैर्केल का नाम लिया था.
पद संभालने के बाद से ट्रंप जिन भी विश्व नेताओं से मिले हैं, हमेशा उन्होंने चुनाव अभियान के मुकाबले कहीं अधिक सौम्य सार्वजनिक छवि दिखायी है. हाल ही में ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ फ्लोरिडा में एक वीकेंड बिताया, जब दोनों नेताओं ने साथ में गॉल्फ खेला. कई सालों से परिचित इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के साथ भी ट्रंप की करीबी दोस्ती है.
कूल ओबामा की बिंदास तस्वीरें
"येस वी कैन" का नारा देकर सत्ता में आए बराक ओबामा की राष्ट्रपति की पारी खत्म गई है. लेकिन जब जब बिंदास नेताओं की बात होगी, तो ओबामा को उसमें जरूर गिना जाएगा. एक नजर ओबामा की निजी पलों पर.
तस्वीर: picture-alliance/White House/P. Souza
हर वक्त नजर में
बराक ओबामा शायद ऐसे इंसान हैं जिनकी सबसे ज्यादा तस्वीरें खींची गई हैं. लेकिन बेहद करीब जाने का मौका सिर्फ उनके निजी फोटोग्राफर पीट सूजा को मिला. यह तस्वीर 2012 की है. ब्राजील के खिलाफ बॉस्केटबॉल मैच के दौरान उन्हें "किस कैम" ने पकड़ लिया और दोनों ने कैमरे के लिए एक दूसरे को चूमा.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pete Souza
ओबामा पर हमला
पीट सूजा की तस्वीरों में राष्ट्रपति का विनोदी स्वभाव भी दिखता है. इस तस्वीर में राष्ट्रपति ओबामा तीन साल के एक बच्चे के साथ दिख रहे हैं. खुद ओबामा ने बीते साल इसे अपनी सबसे बेहतरीन तस्वीर बताया.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pete Souza
आंखों में आंखें
यह तस्वीर दुनिया भर में वायरल हुई. इंग्लैंड के नन्हे राजकुमार प्रिंस जॉर्ज खुद अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने पहुंचे. नन्हें राजकुमार से मिलने के लिए ओबामा भी खुद घुटने मोड़कर नीचे बैठ गए. ओबामा को जॉर्ज के माता पिता प्रिंस विलियम्स और उनकी पत्नी केट ने डिनर पर बुलाया था.
तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press/Pete Souza
राष्ट्रपति जी, जरा यहां आना
अमेरिकी राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स माना जाता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो झुकेंगे नहीं. ओबामा आम लोगों के संपर्क में बने रहना चाहते हैं. यही वजह है कि उनके ओवल ऑफिस में बीच बीच में बच्चों को बुलाया जाता है. और बच्चे तो बच्चे हैं, उनके सामने राष्ट्रपति क्या चीज है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pete Souza
बिंदास राष्ट्रपति
ये तस्वीर ओबामा के बिंदासपन को दिखाती है. उन्हें चुटकी लेने के लिए भी याद किया जाता है. यह तस्वीर 2012 में ली गई थी. चुनाव अभियान से दौरान वह उप राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ फुर्सत के दो पल बिता रहे थे.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pete Souza
कैसे हो ब्रो?
समाज और आम लोगों के साथ ओबामा के सीधे जुड़ाव को इस तस्वीर से समझा जा सकता है. सूजा इसे अपनी पसंदीदा तस्वीरों में गिनते हैं.
तस्वीर: White House/Pete Souza
ऐतिहासिक फोटो
एक तस्वीर किसी की छवि के साथ क्या कर सकती है, इसका अंदाजा हम सब को है. जमैका से वापस लौटते समय राष्ट्रपति जैसे अपने विशेष विमान पर चढ़े उस वक्त सूजा ने यह तस्वीर खींची. सूजा ने अमेरिकी सीनेटर ओबामा के उदय पर एक किताब भी लिखी है. यह तस्वीर उसकी कवर फोटो है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Pete Souza
पारिवारिक शख्स
रिसेप्शन, आधिकारिक भोज या फिर ऑफिशियल विजिट, बराक ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा आए दिन ऐसे आयोजनों में होते हैं. लेकिन जब कभी फुर्सत मिलती है तो वे एक आम अमेरिकी परिवार की तरह रहते हैं. साथ में खाना और फिर टीवी पर साथ में मैच आदि कुछ देखना.
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अंदर छुपा चंचल बच्चा
व्हाइट हाउस में दुनिया भर के राजनैतिक और कूटनैतिक फैसले करने के बाद राष्ट्रपति ओबामा अपने कुत्ते बो के साथ खेलने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं.
तस्वीर: White House/Pete Souza
दो दो हाथ
ओबामा बॉस्केटबॉल के खिलाड़ी रह चुके हैं. कभी कभार कॉलेज या किसी इंवेंट में अगर उन्हें बॉस्केटबॉल खेलने का मौका मिलता है तो राष्ट्रपति चूकते नहीं हैं. वो जता देते हैं कि उनके भीतर का बॉस्केटबॉल प्लेयर आज भी जवान है.
तस्वीर: White House/Pete Souza
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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मैर्केल के बिल्कुल अलग तरह के संबंध थे. मैर्केल को यूरोप में ओबामा के सबसे करीबी सहयोगियों में से माना जाता था. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और लंबे समय से देश की चांसलर रहीं मैर्केल ने धीमे आर्थिक विकास, शरणार्थी संकट और आतंकी हमलों के बढ़ते खतरे जैसी कठिन चुनौतियों पर भी साफ साफ बात रखी है. इस साल मैर्केल के सामने चौथी बार जर्मनी का चांसलर चुने जाने की चुनौती है. उनके लिए ये चुनाव भी आसान नहीं होने वाले.
ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने के फैसले के बाद जर्मनी को भी स्थायित्व की जरूरत है. ट्रंप ने पहले कई बार ब्रेक्जिट के समर्थन में बोलते हुए, ईयू के बहुपक्षीय व्यापारिक समझौतों पर संदेह जताया है. उनके "अमेरिका फर्स्ट" के नारे से भी यूरोप में संशय है. ट्रंप से अपनी मुलाकात में मैर्केल यह जताने की कोशिश जरूर करेंगी कि एक मजबूत यूरोप अमेरिका के हित में है. यह संदेश मैर्केल एक महीने पहले ही म्युनिख पहुंचे अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात में भी दे चुकी हैं.
मुलाकात में नाटो का सैनिक मुद्दा भी अहम रहेगा. ट्रंप नाटो सदस्य देशों से रक्षा खर्च के लिए तय न्यूनतम बजट देने की मांग कर चुके हैं. फिलहाल अमेरिका के अलावा केवल चार और देश ही जीडीपी का 2 फीसदी देते हैं, जबकि जर्मनी इनसे पीछे है. लेकिन दोनों नेताओं की मुलाकात में पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा के अलावा सबसे ज्यादा ध्यान इनकी बातचीत के स्वर पर होगा. क्योंकि वार्ता का 'लहजा' काफी हद तक भविष्य के द्विपक्षीय संबंधों पर असर डालेगा.
आरपी/एमजे (एपी)
ट्रंप के इन कदमों से मची है खलखली
डॉनल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने अभी कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन उन्होंने अपने कई कदमों से दुनिया में खलबली मचा दी है. देखिए अब तक ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति क्या क्या किया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Sachs
वादों पर अमल
ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में दो हफ्ते से भी कम समय के भीतर 17 अध्यादेश जारी किए हैं. वैसे इतने ही अध्यादेश ओबामा ने भी जारी किए थे. लेकिन जिस तरह के अध्यादेश ट्रंप ने जारी किए हैं, उनसे सब हैरान हैं. लगता है वह अपने चुनावी वादों को पूरा करने में जुटे हैं.
तस्वीर: Reuters/K. Lamarque
है क्या अध्यादेश
अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति अमेरिकी एजेंसियों को आदेश दे सकते हैं और इसके लिए अमेरिकी संसद की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ती. किसी आदेश को तेजी से लागू कराने के लिए अध्यादेश का सहारा लिया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/CNP/A. Harrer
ओबामा केयर को कमजोर करना
अपने पहले अध्यादेश ने ट्रंप ने किफायती स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले ओबामा कार्यकाल के कानून पर निशाना साधा है. हालांकि ट्रंप के लिए अकेले दम पर इस कानून को खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन उनके अध्यादेश से इसे लागू करने में कई दिक्कतें आएंगी.
तस्वीर: Reuters/J. Rinaldi
गर्भपात
ट्रंप ने उस नीति को फिर से लागू कर दिया है जो गर्भपात के लिए काउंसलिंग और गर्भपात के अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की सरकारी फंडिंग पर रोक लगाती है. पहली बार इसे रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने लागू किया था. लेकिन बिल क्लिंटन और ओबामा जैसे डेमोक्रैट राष्ट्रपतियों ने इसे किनारे रख दिया तो रिपब्लिकन जॉर्ज बुश ने इसे लागू किया था.
तस्वीर: REUTERS/A. P. Bernstein
बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की वापसी
ट्रंप ने प्रत्यर्पण के दायरे को बढ़ाने का आदेश दिया है. वह चाहते हैं कि बिना दस्तावेज के अपने यहां लोगों को रखने वाले शहर से पैसा वसूला जाए और संदिग्ध अपराधी अप्रवासियों को हिरासत में लिया जाए. ट्रंप 10 हजार नए इमिग्रेशन एजेंट भर्ती करना चाहते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Images/G. Bull
दीवार
25 जनवरी को ट्रंप ने मेक्सिको से लगने वाली अमेरिका की सीमा पर दीवार बनाने वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए. इस दीवार को बनाने की बात चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बार बार कही थी. ट्रंप ने अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रह रहे अप्रवासियों को “हटाये जाने योग्य विदेशी” कहा है.
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वीजा बैन
ट्रंप के जिस अध्यादेश को लेकर शायद दुनिया में सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है, वह है सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रोक. उनके आलोचक जहां इसे धर्म के आधार पर भेदभाव का नाम दे रहे हैं, वहीं ट्रंप इसे देश को हमलों से सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी बता रहे हैं.
तस्वीर: DW/M. Shwayder
अमेरिका टीपीपी से बाहर
जब ट्रंप ट्रांस-पैसेफिक पार्टनरशिप से बाहर हुए किसी को ज्यादा हैरानी नहीं हुई. अपने चुनावी अभियान में भी उन्होंने यह कहकर इस संधि की आलोचना की थी कि अमेरिका की कीमत पर अन्य देशों को इसका फायदा हो रहा है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/
पाइपलाइन
राष्ट्रपति कार्यालय में ट्रंप का चौथा दिन पाइपलाइनों से जुड़ा था. इनमें डकोटा एक्सेस पाइपलाइन का निर्माण, कीस्टोन पाइपलाइन का निर्माण जारी रखना और सभी पाइपलाइनों के निर्माण में अमेरिकी सामान का इस्तेमाल करना शामिल था. ओबामा ने पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए दोनों पाइपलाइनों को मंजूरी नहीं दी थी.
तस्वीर: REUTERS/S. Keith
सेना का विस्तार लेकिन...
ट्रप ने सेना में नए सैनिकों की भर्ती, नए सैन्य साजोसामान की खरीद और परमाणु हथियारों को आधुनिक बनाने का आदेश दिया है. लेकिन अन्य संघीय सिविल एजेंसियों में भर्ती पर उन्होंने 90 दिन की रोक लगा दी है, ताकि प्रशासन कर्मचारियों की संख्या को कम करने की दीर्घकालीन योजना तैयार कर सके.
तस्वीर: Reuters/K. Pempel
बड़ा बदलाव
ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में बड़े बदलावों का एलान किया है जिससे स्टीफन बैनन का कद बढ़ेगा. विदेश नीति से जुड़े अहम फैसले करने वाली इस परिषद से ट्रंप ने कई वरिष्ठ सदस्यों की छुट्टी कर दी है जबकि दक्षिणपंथी विचारों के लिए मशहूर ट्रंप के मुख्य रणनीतिकार को इसमें शामिल किया गया है.
तस्वीर: pciture-alliance/AP Photo/E. Vucci
नियमों पर निशाना
ट्रंप चाहते हैं कि संघीय एजेंसियां जब भी कोई नया नियम बनाएं तो पुराने दो कानून खत्म कर दें. उन्होंने नए नियम बनाने पर फिलहाल रोक लगा दी है. ट्रंप की तरफ से नियुक्त विभाग पहले स्थिति की समीक्षा करेगा और फिर इस बारे में आगे कदम बढाया जाएगा.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Ralston
एच1बी वीजा
ट्रंप ने एच1बी वीजा से जुड़े नियमों में भी बदलाव का आदेश दिया है. इससे अमेरिका में काम कर रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स प्रभावित होंगे. पहले 60 हजार डॉलर प्रति वर्ष के वेतन पर एच1बी वीजा मिल जाता है, लेकिन अब इसके लिए एक लाख तीस हजार डॉलर की शर्त रखी जा रही है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
किसके कितने अध्यादेश
ट्रंप से पहले बराक ओबामा आठ साल तक अमेरिकी राष्ट्रपति रहे और इस दौरान उन्होंने कुल 277 अध्यादेशों पर हस्ताक्षर किये. इस मामले में ओबामा जॉर्ज बुश से पीछे रहे जिन्होंने बतौर राष्ट्रपति अपने आठ साल में 291 अध्यादेश निकाले थे.