विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) अपने एक फैसले की वजह से आलोचनाओं के घेरे में हैं. रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी पर से बैन हटाने के फैसले को आलोचकों का कहना है कि वाडा को फैसला बदलना पड़ेगा.
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समाज में नियम और कानून इसलिए होते हैं ताकि समाज में न्याय हो सके और सभी लोगों को एक समान अधिकार मिल सके. जो भी कानून को तोड़ता है उसको सजा मिलती है और वो सजा सिर्फ सहयोग और पछतावे से कम हो सकती है. पूरी दुनिया में यही कानून चलता है और विश्व रोधी एजेंसी (वाडा) भी यही कानून मानता है. वाडा मानता है कि वो दुनिया में साफ सुथरे और निष्पक्ष खेल की भावनाओं और मूल्यों को बचाने के लिए जिम्मेदार है और एक "निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण, संतुलित और पारदर्शी" चौकीदार के रूप में काम करता है. इसी वजह से खेल की दुनिया के सबसे बड़े मूल्य "निष्पक्षता" के वो रखवाले हैं.
मगर क्या वो ये कर पा रहें हैं?
वाडा ने रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी (रुसाडा) को व्यवस्थित डोपिंग के मामले को छुपाने के लिए बैन कर दिया था. मगर चौंकाने की बात ये है कि इस बैन को कुछ शर्तो पर सितंबर में हटा दिया गया था. रूस ने वाडा की जांच को मानने से इनकार कर दिया था और वाडा को विवादास्पद मास्को एंटी-डोपिंग प्रयोगशाला के डाटाबेस भी नहीं देखने दिया था.
रुसाडा के पास पिछले साल के अंत तक का वक्त था वाडा की मदद करने के लिए. मगर ऐसा हो नहीं पाया जैसा कि सोचा गया था.
वाडा प्रमुख क्रेग रीडी रूसियों के इस व्यवहार से निराश हैं और उनको खुद से भी निराश होना चाहिये. क्योंकि इसकी वजह से वाडा की साख पर सवाल उठ रहे हैं. रूस पर से बैन नहीं हटाना चाहिए था खासतौर पर तब जब रूस ने ना अपनी गलती मानी ना जांच में मदद की. मास्को की प्रयोगशाला से पता चलता कि रूस में संस्थागत डोपिंग किस हद तक फैली हुई हैं. हाफ हैं कि रूस यही जानकारी सालों से छुपाना चाहता था. इस कदम का गलत असर एथलीटों और विसल ब्लोअरों पर पड़ेगा. इस तरह के व्यवहार को ढील देना बहुत बड़ी गलती हैं.
अपने कानून को गंभीरता से लें
वाडा के इस कदम की चारों तरफ से आलोचना हो रही हैं. अमेरिका के डोपिंग रोधी प्रमुख ट्रैविस टायगार्ट का कहना हैं, ये "शर्मनाक" हैं. ट्रैविस टायगार्ट ने अमेरिकी पूर्व रेसिंग साइकिल चालक लैंस आर्मस्ट्रॉन्ग को डोपिंग के लिए बैन किया था. उनको मानना है कि वाडा को रूसियों के छलावे से बचना चाहिये. जर्मन ओलंपिक खेल परिसंघ के प्रमुख अल्फोंस होरमैन ने चेतावनी दी कि वाडा पर से विश्वास उठ जाऐगा.
जबकि द गार्जियन्स की मरीना हाइड ने लिखा कि रूस ने एक बार फिर से रीड को "मूर्ख बना कर छोड़ दिया हैं." आलोचकों का कहना हैं कि एक इतना बड़ा देश ऐसा कांड करते पकड़ा जाता है और वो भी जो खेल कि दुनिया का सबसे बड़ा कांड हैं और वाडा ने इसमे उदारता दिखाई. वाडा किसी बच्चे की तरह व्यवहार कर रहा हैं.
इस सबका बस एक हल है कि वाडा फिर से रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी रूसाडा को बैन कर और जब तक पूरी जांच खत्म ना हो जाए तब तक उनको बैन रखे. क्योंकि वाडा को इसीलिए बनाया गया है.
वेबर जॉश्का/एनआर
डोपिंग पकड़े जाने पर अजब गजब बहाने
कभी सास, कभी अजन्मा जुड़वां तो कभी टूथ पेस्ट. डोपिंग में पकड़े जाने पर खिलाड़ी दोष दूसरों पर मढ़ते हैं और ऐसी ऐसी कहानियां सुनाते हैं कि आप दंग रह जाएं. एक नजर ऐसे बहानों पर.
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थेरीजे यूहॉग: सनक्रीम
धूप से त्वचा जलने के इलाज ने नॉर्वे की स्की खिलाड़ी का करियर तबाह कर दिया. सात बार विश्व चैंपियन और ओलंपिक विजेता थेरीजे यूहॉग को स्टीरॉयड क्लोस्टेबॉल पॉजीटिव पाया गया. उन्होंने कहा कि क्लोस्टेबॉल एक सनक्रीम में था जिसे लेने की सलाह उन्हें टीम के डॉक्टर ने दी थी.
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मारिया शारापोवा: भूल
टेनिस स्टार मारिया शारापोवा ने कहा, "मैं ये दवा 2006 से ले रही हूं" लेकिन ये नहीं बताया कि स्वस्थ होने के बावजूद वे दिल के रोगियों द्वारा इस्तेमाल होने वाली दवा क्यों ले रही हैं. 2016 के शुरू से मेल्डोनियम डोपिंग लिस्ट पर है. शारापोवा की दलील है कि उन्होंने ये सूची नहीं देखी. लेकिन अनभिज्ञ होना सजा से नहीं बचाता.
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लिनफर्ड क्रिस्टी: अवोकाडो
लिनफर्ड क्रिस्टी (बाएं से दूसरे) 1999 में 39 साल की आयु के साथ अपने करियर के आखिरी चरण में थे, जब वे पकड़े गए. 1992 के ओलंपिक विजेता के खून में स्टीरॉयड नैंड्रोलोन पाया गया. उनका बयान दिलचस्प था. उन्होंने कहा कि उन्होंने डोपिंग नहीं की है, बस अवोकाडो खाया है. अवोकाडो का नैंड्रोलोन से क्या लेना देना है, सिर्फ वे ही जानते हैं.
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योहान मुइलेग: डायट
स्पेन ने ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं किया. गर्म देश के स्की खिलाड़ी ने 2002 के शीतकालीन खेलों में तीन बार सोने का पदक जीता. जर्मन खेल संगठन से झगड़ा कर स्पेन गए योहान मुइलेग इपो के साथ पकड़े गए. उनकी दलीली थी कि उन्हें इपो नहीं लिया, "मैंने अंतिम पांच दिनों में विशेष डायट प्लान बनाया, जिसमें सिर्फ प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट था."
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फ्लॉयड लैंडिस: व्हिस्की
शुरू में साइकिल चैंपियन लैंस आर्मस्ट्रॉन्ग के साए में रहे, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद अचानक 2006 में टूअर दे फ्रांस के विजेता बने, लेकिन टेस्टोस्टेरॉन डोपिंग के लिए पकड़े गए. अचानक गिरने के बाद उनकी जबरदस्त वापसी हुई थी. उस समय लैंडिस ने कहा कि बहुत ज्यादा व्हिस्की पी ली थी, लेकिन बाद में डोपिंग की बात मान ली.
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आड्रियान मूतू: पोटेंसी
चेल्सी फुटबॉल क्लब के लिए खेलने वाले आड्रियान मूतू ने 2004 में कोकीन का सेवन किया था. उनका कहना था कि उन्होंने ऐसा मैदान पर अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं किया था. "मैंने ऐसा सिर्फ अपनी यौन क्षमता बढ़ाने के लिए किया था." खेल अदालत ने ये कहानी नहीं मानी और 1.72 करोड़ यूरो का जुर्माना किया.
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मार्टिना हिंगिस: फ्रूट जूस
टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस ने 2007 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पीठ की दर्द और पॉजिटिव डोपिंग टेस्ट के कारण टेनिस से संन्यास लेने की घोषणा की. विंबलडन चैंपियनशिप के दौरान उनके खून में कोकीन पाया गया, लेकिन हिंगिस का कहना था उनके खिलाफ साजिश हुई है. "किसी ने मेरे फ्रूट जूस में इसे मिला दिया." लेकिन उसका स्वाद अजीब रहा होगा.
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लेनी पॉल: स्पागेटी
ब्रिटिश बॉब खिलाड़ी लेनी पॉल को 1997 में नैंड्रोनॉल की बढ़ी हुई मात्रा के साथ पकड़ा गया. उन दिनों डोपिंग करने वालों में यह लोकप्रिय तत्व था, लेकिन उनका बहाना अजीबोगरीब था, "मैंने स्पागेटी बोलोन्या खाया था, मीट हारमोन ट्रीटेड था." साइकिल चालक अलबैर्तो कोंटाडोर मे भी डोपिंग के लिए मीट को जिम्मेदार बताया था.
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इवोन क्राफ्ट: स्प्रे
माउंटेनबाइक खिलाड़ी इवोन क्राफ्ट 2007 में डोपिंग टेस्ट में पॉजीटिव पाई गई. उनके खून में प्रतिबंधित पदार्थ फेनोटेरॉल मिला. इसके बारे में क्राफ्ट का कहना था, "उनकी मां का अस्थमा स्प्रे अचानक फट गया था और वह पास में ही खड़ी थी. इसलिए उन्होंने बहुत सारी गैस सांस में ले ली." कैसी दलील? कितना अजीबोगरीब संयोग था ये.
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राइमुंडास रुमसास: सास
जैसे वे अचानक आसमान से गिरे हों, राइमुंडास रुमसास ने टूअर दे फ्रांस में पोडियम पर कब्जा कर लिया. जबकि साइकिल स्पोर्ट की दुनिया में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा था, रुमसास की पत्नी कस्टम पर क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के साथ पकड़ी गई. रुमसास दंपत्ति का कहना था कि दवाएं उनकी बीमार सास के लिए थी.
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मारियो डे क्लैर्क: उपन्यास
क्रॉसप्रोफी मार्यो डे क्लैर्क को 2003 में अपनी विधा का सबसे अच्छा खिलाड़ी माना जाता था. फिर उनके पास से दवाओं, ट्रेनिंग प्लान और हैमोटोक्राइट चार्ट के स्केच मिले. डे क्लैर्क ने डोपिंग से इंकार किया और कहा कि उनके पास मिली सामग्री उन्होंने एक उपन्यास लिखने के लिए जुटाई थी. सारी बातें कोरी कल्पना थी.
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डीटर बाउमन : टूथपेस्ट
डोपिंग की कोई भी कहानी इतनी बार नहीं कही गई है जो जर्मनी खिलाड़ी डीटर बाउमन ने सुनाई. 1992 के ओलंपिक विजेता 1999 में पॉजीटिव पाए गए और वह टूथपेस्ट से छेड़छाड़ की बात कहकर आरोप से बचने की कोशिश करते रहे. प्रसिद्ध डोपिंग एक्सपर्ट वर्नर फ्रांके ने इस दलील को विश्वसनीय बताया लेकिन दोनों कोई सबूत नहीं दे पाए.
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टाइलर हैमिल्टन: अजन्मा जुड़वां
टाइलर हैमिल्टन को 2004 ओलंपिक में अपने करियर की सबसे बड़ी कामयाबी मिली. सोने का पदक. लेकिन फिर बड़ा सदमा. उन्हें ब्लड डोपिंग का दोषी पाया गया. उन्होंने कहा, "मेरे शरीर में परायी रक्त कोशिकाएं जन्म के समय मृत मेरे जुड़वां के स्टेम सेल से आई हैं." एक ऐसी कहानी जिसे बाद में खुद हैमिल्टन ने झूठ ठहराया.
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डेनिस मिचेल: सेक्स
अमेरिकी धावक डेनिस मिचेल 1992 में रिले रेस में ओलंपिक विजेता बने. छह साल बाद उनके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन मिला. उन्होंने इसकी जिम्मेदारी पांच बोतल बीयर और चार बार किए गए सेक्स पर डाली. "लड़की का जन्मदिन था. वह कुछ खास पाने की हकदार थी." शायद मिचेल की राय में इसे कहते हैं भद्रता.
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गिलबैर्तो सिमोनी: टॉफी और चाय
खिलाड़ियों को परिवार के सदस्यों से मिलने वाले टॉफी बिस्किट से सावधान रहना चाहिए. इटली के पेशेवर साइकिल चालक गिलबैर्तो सिमोनी 2004 में कोकीन के साथ पकड़े गए. लेकिन उन्होंने कहा कि इसका डोपिंग से कुछ लेना देना नहीं था. "मेरी मां ने मुझे पेरू से टॉफियां भेजी थी, जो कोक के पत्तों में लिपटी थी." और चाय के लिए उन्होंने चाची को जिम्मेदार बताया.