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आवाजें करती थीं चीन में अमेरिकी राजनयिक को परेशान

२४ मई २०१८

चीन में नियुक्त एक अमेरिकी राजनयिक इन दिनों अपने देश में दिमागी चोट का इलाज करा रहा है. चोट कैसे लगी, नहीं पता. लेकिन इस अधिकारी को पिछले कुछ समय से कुछ रहस्यमयी और असाधारण आवाजें और दिमाग पर दबाव महसूस हो रहा था.

Symbolbild: Konsulatsangestellte erleidet "abnormale" Hirnverletzung /  US-Konsulat in Guangzhou
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Z. Feiyu Gz

चीन के अमेरिकी दूतावास में नियुक्त अमेरिकी राजनयिक ने असाधारण आवाजें, दिमागी दबाव जैसी चीजें महसूस की थीं. जिसके बाद उसे अमेरिका भेजा गया. वहां पता चला कि राजनयिक दिमागी चोट से पीड़ित है. अमेरिका ने कहा है कि उसे अब तक इसके कारणों की कोई जानकारी नहीं है. वहीं चीन ने कहा कि वह मामले की जांच करेगा. लेकिन अब तक कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है.

वहीं जानकारों को यह मामला साल 2016 की याद दिलाता है. इस दौरान अमेरिकी और कनाडा के कई राजनयिक क्यूबा में एक रहस्यमयी बीमारी का शिकार हो गए थे. अमेरिका ने क्यूबा पर सॉनिक अटैक के आरोप लगाया. बाद में राजनयिकों को वापस बुला लिया गया.

अपनी ही जासूसी क्यों करवाते हैं देश?

अमेरिका ने फिलहाल तो चीन में ऐसी किसी भी शंका से इनकार किया है. अमेरिकी दूतावास ने कहा है इन दोनों घटनाओं को जोड़ा नहीं जा सकता. सावधानी बरतते हुए अमेरिका ने चीन में रहने वाले नागरिकों के लिए एक स्वास्थ्य चेतावनी जारी कर दी है. चेतावनी में अमेरिका कह रहा है, "अगर चीन में कही भी आपको कोई असमान्य ध्वनि या घटना का अनुभव होता है तो उसके स्रोत के बारे में जानने का न सोचे, बल्कि ऐसी जगह पर जाएं जहां आवाज नहीं आ रही हो." अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने कहा, "अमेरिका ऐसे स्वास्थ्य मामलों को लेकर चिंतित है. अमेरिका और चीन दोनों ही इसे सुलझाने पर काम कर रहे हैं."

इस मामले में सॉनिक हमले की आशंका भी जताई जा रही है. लेकिन चीन ने इसे खारिज किया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, "चीन जांच कर रहा है, लेकिन अब तक सॉनिक हमले की जानकारी नहीं मिल सकी है." यी ने कहा, "हम नहीं चाहते कि इस एक मामले को बड़ा बनाया जाए या उस पर राजनीति की जाए. हम उम्मीद करते हैं कि लोग इसे बेवजह की बातों से नहीं जोड़ेंगे."

क्यूबा का मामला

2016 में अमेरिकी सरकार ने अमेरिका से क्यूबा के 15 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. निष्कासन के बताए अपने कारण में अमेरिका ने कहा था कि क्यूबा अमेरिकी स्टाफ को क्यूबा में सुरक्षा मुहैया कराने में असफल साबित हुआ है. अमेरिकी अधिकारियों ने क्यूबा में सुनाई न देना, सिरदर्द, थकान आदि  परेशानी दर्ज कराई थी. इस पूरे मामले में सॉनिक अटैक की भी आंशका जताई गई थी लेकिन क्यूबा इससे इनकार करता रहा है. हालांकि अब तक क्यूबा मामले की गुत्थी सुलझ नहीं सकी है.

सॉनिक अटैक में ध्वनि तरंगों से हमला किया जाता है. अगर कोई व्यक्ति इन तरंगों का सामना करता है तो उसकी मौत भी हो सकती है.

एए/ओएसजे (रॉयटर्स)

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