बीते हफ्ते उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल को आसमान में कई एयरलाइनों के क्रू सदस्यों ने देखा. इस घटना ने नागरिक उड़ानों पर उत्तर कोरिया के अघोषित मिसाइल परीक्षणों से खतरे की आशंका पैदा कर दी है.
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उत्तर कोरिया ने इस साल अंतरराष्ट्रीय विरोध को दरकिनार कर कई मिसाइलों का परीक्षण किया. अंतरराष्ट्रीय उड्डयन प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी इन परीक्षणों को लेकर आशंका जता रहे हैं. बीते हफ्ते उत्तर कोरिया ने एक अंतरमहद्वीपीय मिसाइल यानी आईसीबीएम का परीक्षण किया था. यह आईसीबीएम अपने परीक्षण स्थल से करीब 950 किलोमीटर दूर जा कर गिरने से पहले 4,475 किलोमीटर की ऊंचाई पर थी. कोरियाई एयरलाइंस के प्रवक्ता ने बताया है, "कोरियन एयर का विमान सैन फ्रांसिस्को से इचियोन जा रहा था तभी उसने जापानी वायु यातायात नियंत्रकों को बताया कि चालक दल के सदस्य ने एक रोशनी पुंज देखा है जो माना जा रहा है कि उत्तर कोरियाई मिसाइल थी." चार मिनट बाद ही कोरियन एयर के एक दूसरे जहाज ने जो लॉस एंजेलिस से इचियोन जा रहा था उसने भी जापानी नियंत्रकों से यही कहानी दोहराई.
दक्षिण कोरिया के परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है दोनों विमानों की उड़ान का रास्ता एक ही था और जो मिसाइल के गिरने की जगह से महज 220 किलोमीटर दूर था. इस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "साफ गहरे आसमान में आप मिसाइल से निकलने वाले प्रकाश को दूर से ही देख सकते हैं."
जापान के परिवहन मंत्रालय का भी कहना है की उसके एयर ट्रैफिक कंट्रोल के अधिकारियों को ऐसी कोई चीजे देखे जाने की खबर मिली थी. जापान की एक एयरलाइन के प्रवक्ता ने भी बताया कि टोक्यो से लंदन जा रहे एक विमान के कॉकपिट क्रू ने जापान के सागर पर "एक चमकीली लपट को नीचे गिरते देखा." दक्षिण कोरिया और जापान के एयरलाइनों की रिपोर्ट से पहले हांग कांग की एयरलाइन कैथे पैसिफिक ने सोमवार को कहा कि सैन फ्रांसिस्को से हांग कांग जा रहे विमान के क्रू सदस्य ने धमाके के साथ किसी चीज को फटते देखा. माना जा रहा है कि इस सदस्य ने मिसाइल को तब देखा जब वह वायुमंडल में वापसी कर रही थी. कैथे पैसिफिक एयरलाइंस का कहना है कि उस वक्त यात्रा मार्ग को बदलने की कोई योजना नहीं थी. एयरलाइन ने यह भी कहा है कि वह घटनास्थल से काफी दूर था.
यूनियन ऑफ कंसर्न्ड साइंटिस्ट एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डेविड सी राइट ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में लिखा कि कैथे क्रू ने शायद मिसाइल के पहले चरण के अलग हो कर वापस धरती पर गिरने की घटना देखी होगी. उन्होंने लिखा है, "रॉकेट के दूसरे चरण के इंजन के का चालू होना और पहले चरण से अलग होना एक धमाके की तरह दिखता है जिसमें मिसाइल दो हिस्सों में बंट जाती है." राइट ने कोरियाई क्रू सदस्यों को दिखी "चमक" के बारे में भी लिखा है कि लॉन्च के करीब एक घंटे बाद मिसाइल दोबारा वायुमंडल में घुसने के लिए गर्म हो रही होगी.
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने इसी साल अक्टूबर में उत्तर कोरिया के अघोषित परीक्षणों की निंदा की थी. संगठन ने अनुरोध किया था कि उसे अंतरराष्ट्रीय उड्डयन मानकों का पालन करना चाहए ताकि जोखिम से बचा जा सके. उत्तर कोरिया ने 2014 में मिसाइल परीक्षणों की जानकारी देनी बंद कर दी.
कितना ताकतवर है उत्तर कोरिया
सालों तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया की सैन्य शक्ति को कम करके आंकता रहा. आईसीबीएम का परीक्षण कर उत्तर कोरिया ने जता दिया है कि उसकी क्षमता ताकतवर देशों के अनुमान से कहीं ज्यादा है.
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आईसीबीएम दूसरी बार
उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया ने एक नयी तरह की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया है जिसका नाम ह्वासोंग-15 है. उत्तर कोरिया का दावा है कि वह अमेरिका के किसी भी हिस्से में मार कर सकता है.
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बड़ी कामयाबी
इस साल जुलाई में उत्तर कोरिया ने पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम का परीक्षण किया. अमेरिका ने भी इसकी पुष्टि की. आईसीबीएम का परीक्षण उत्तर कोरिया के लिए बड़ी कामयाबी है. इसका एक मतलब ये भी है कि इलाके में अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ उत्तर कोरिया का तनाव बढ़ेगा खासतौर से जापान और दक्षिण कोरिया के साथ.
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आईसीबीएम का दम
रक्षा मामलों के जानकार कह रहे हैं कि उत्तर कोरिया ने जिस आइसीबीएम का परीक्षण किया है वो अलास्का और हवाई द्वीप तक जा सकता है. हालांकि ये सवाल अब भी है कि क्या उत्तर कोरिया परमाणु ताकत से लैस आईसीबीएम को तैनात कर सकता है. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने यह जरूर कहा है कि जिस आईसीबीएम का परीक्षण किया गया वह "भारी और विशाल परमाणु हथियार" ले जाने में सक्षम है.
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उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण
आईसीबीएम को उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की दिशा में बढ़ा एक और कदम कहा जा रहा है. पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण के साथ ही उत्तर कोरिया ने पांच बार परमाणु परीक्षण किये हैं. 2016 में ही दो बार परमाणु परीक्षण हुआ. उत्तर कोरिया का दावा है कि आखिरी बार जिसका परीक्षण हुआ उसे रॉकेट से जोड़ा जा सकता है.
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सेना की ताकत
तकरीबन सात लाख लोगों के सक्रिय दल के अतिरिक्त इसके पास 45 लाख लोगों की रिजर्व फोर्स भी है. इसके अलावा शासन कभी भी इसकी एक तिहाई आबादी को सेना में सेवाएं देने के लिये बुला सकती है. देश के हर पुरूष के लिए किसी न किसी तरह का सैन्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है और उन्हें किसी भी वक्त बुलाया जा सकता है.
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हथियारों का भंडार
साल 2016 के ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास शस्त्रों की कोई कमी नहीं है. इसके भंडार में 76 पनडुब्बी, 458 फाइटर एयरक्राफ्ट और 5025 लड़ाकू विमान और 50 लाख से अधिक सेना अधिकारी हैं. साल 2013 की इस तस्वीर में कोरियाई नेता किम जोंग उन रणनीतिक बलों को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ तैयार रहने के आदेश देते हुये नजर आ रहे हैं.
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शक्तिप्रदर्शन में नहीं पीछे
हर साल राजधानी प्योंगयांग में होने वाली सैन्य परेड में सैकड़ों-हजारों की संख्या में सैनिक और आम नागरिक हिस्सा लेते हैं. इस परेड या अन्य किसी ऐसी रैली की तैयारी महीनों पहले शुरू कर दी जाती है. आमतौर पर ये परेड किम जोंग उन के परिवार या पार्टी के किसी सदस्य की सालगिरह के मौके पर होती है.
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नहीं किसी की परवाह
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दवाब और विरोध के बावजूद प्योंगयांग ने कभी परमाणु हथियारों को लेकर अपनी मंशाओं और महत्वाकांक्षाओं को नहीं छुपाया. बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के अलावा उत्तर कोरिया ने पांच बार परमाणु परीक्षण भी किया है. इनमें से दो परीक्षण 2016 में किये. उत्तर कोरिया का दावा है कि उसने जिस आखिरी मिसाइल का परीक्षण किया है उसे रॉकेट के जरिये भी दागा जा सकता है.
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दुश्मन बना जमाना
अमेरिका और उत्तर कोरिया की शत्रुता किसी से नहीं छिपी. लेकिन पड़ोस में भी इसके शत्रु कुछ कम नहीं. प्योंगयांग अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान को भी अपना बड़ा दुश्मन मानता है. उत्तर कोरियाई शासन इस क्षेत्र में अमेरिका के सैन्य अभ्यास को उसके खिलाफ एक साजिश बताता है. इसका दावा है कि अमेरिका, उत्तर कोरिया को निशाना बनाना चाहता है.
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धीरज खोता अमेरिका
अमेरिका ने भी अपने कार्ल विल्सन विमान वाहक पोत को कोरियाई प्रायद्वीप में भेज कर संदेश दे दिया है कि वह उत्तर कोरिया के प्रति सावधानी बरत रहा है. जवाब में उत्तर कोरिया ने कहा कि वह अमेरिका के किसी भी तरह के हमले का जवाब देने को तैयार है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक उत्तर कोरिया अगले दो सालों में अमेरिका पर हमला करने की हालत में हो सकता है.
एए/आरपी