1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

आसियान देशों से सहयोग की संधि

२२ जुलाई २००९

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारत के दौरे के बाद थाईलैंड के फुकेत द्वीप पर हो रही आसियान देशों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंची. वह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की संधि पर हस्ताक्षर भी करेंगी.

कई देशों के विदेश मंत्रियों से मिलेंगी क्लिंटनतस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन थाईलैंड में हो रही आसियान देशों की बैठक में हिस्सा लेने फुकेत पहुंच गई हैं. वहां क्लिंटन कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाक़ात करेंगी. इससे पहले मंगलवार को क्लिंटन ने बैंकॉक में कहा था कि वह दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के आसियान संगठन की बैठक के दौरान आपसी सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर भी करेंगी. क्लिंटन ने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि अब अमेरिका दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के साथ सहयोग के लिए वापस आ चुका है. हम आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के पक्ष में हैं"

क्लिंटन का यह दौरा गुरूवार को होने वाली आसियान देशों की एक अहम बैठक से ठीक पहले हो रहा है. गुरूवार को फुकेत में ही सुरक्षा मामलों पर एशिया की सबसे बड़ी बैठक होगी. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल के दौरान अमेरिका के जूनियर अधिकारी ही दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में अमेरिकी प्रतिनिधि के तौर पर भेजे जाते थे.

आसियान के महासचिव सुरिन पित्सुवान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हम समझ सकते हैं कि अमेरिका हमारे साथ अपने रिश्ते और मज़बूत करना चाहता है और हमारे सदस्य देशों के साथ सहयोग भी. अमेरिकी नीति में इस बदलाव का हम स्वागत करते हैं."

हिलेरी क्लिंटन रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव से भी मिलेंगी. इससे पहले दोनों नेता 7 मई को वॉशिंग्टन में मिले थे. मॉस्को में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों नेता आपसी सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

इससे पहले जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव की एक मुलाक़ात के दौरान दोनों देशो के बीच हथियारों का ज़खीरा कम करने पर सहमति बनी थी.

थाईलैंड में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान हिलेरी क्लिंटन ने स्पष्ट किया कि अगर ईरान परमाणु हथियार बनाने में कामयाब होता है तो अमेरिका खाड़ी देशों की सुरक्षा बढ़ाने को तैयार है. क्लिंटन ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका अभी भी ईरान से परमाणु मुद्दे पर बातचीत को तैयार है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/पी चौधरी

संपादन: राम यादव

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें