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इंग्लैंड में जरदारी पर जूता चला

७ अगस्त २०१०

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर बर्मिंघम में जूता फेंका गया. पाकिस्तानी समुदाय के लोगों ने ही जरदारी पर गुस्सा उतारा. नाराज लोगों ने कहा, 'देश में बाढ़ आई है, जरदारी यहां मजे कर रहे हैं.'

तस्वीर: AP

इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी अपने समुदाय के लोगों की रैली कर रहे थे. इस दौरान करीब 3,000 लोग जमा हुए, जिनमें से ज्यादातर जरदारी से खार खाए बैठे थे. रैली के बाहर भी सैकड़ों लोग जरदारी विरोधी नारे लगाते नजर आए. इसी बीच एक शख्स ने जरदारी की तरफ जूता फेंका.

पाकिस्तानी राष्ट्रपति भाग्यशाली रहे, जूता उन्हें लगा नहीं. बर्मिंघम पुलिस का कहना है कि जूता फेंकने वाले को पकड़ लिया गया है. यह तय नहीं हो सका है कि उस पर मुकदमा दर्ज किया जाए या नहीं. वैसे कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति विरोध की आशंकाओं को पहले भांप चुके थे. इसीलिए पत्रकारों को रैली में नहीं बुलाया गया.

जरदारी और कैमरनतस्वीर: AP

लेकिन इसके बावजूद रैली और जरदारी के विरोध की खबरें बाहर आ ही गईं. प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों ने पोस्टरों पर लिखा था, ''हजारों लोग बाढ़ से मर रहे हैं, पाकिस्तान डूब रहा है, ऐसे में जरदारी आप यहां इंग्लैंड में मजे कर रहे हो?''

पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी के एक नेता मोहम्मद खली ने कहा, ''जरदारी के अपने लोग बाढ़ में मर रहे हैं. वहां आपदा आई हुई है. ऐसे में उन्हें देश के लोगों के लिए राहत और बचाव की कोशिशें करनी चाहिए. लेकिन वह तो कई लोगों के साथ यहां इंग्लैंड में हैं. उनके दौरे का सारा खर्च सरकार उठा रही है. जरदारी को इस पैसे को पाकिस्तान के लोगों पर खर्च करना जाना चाहिए, न कि खुद पर.''

आलोचनाओं के बीच जरदारी के बेटे और पीपीपी के अध्यक्ष 21 साल के बिलावल भुट्टो ने अपने पिता के दौरे को जायज ठहराया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र बिलावल ने कहा, ''वह जो कर सकते हैं, कर रहे हैं. पाकिस्तान के लोगों की मदद के लिए वह अपने स्तर पर बेहतरीन काम कर रहे हैं.'' जरदारी और उनके बेटे को उम्मीद है कि इस दौरे से वह बाढ़ पीड़ितों के लिए करोड़ों या अरबों डॉलर की मदद जुटा लेंगे. लेकिन कई आलोचक ऐसा नहीं मान रहे हैं.

पाकिस्तान इस वक्त अभूतपूर्व बाढ़ संकट से जूझ रहा है. पंजाब और उत्तर पश्चिमी इलाके पूरी तरह डूबे हुए हैं. अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सरकारी एजेंसियों का कहना है कि बाढ़ की मार एक करोड़ बीस लाख लोगों पर पड़ी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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