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इंटरनेट का नशा, ड्रग्स के साथ

९ मई २००९

मैजिक मशरूम, नशे का एक दिलचस्प नाम. यही नहीं गांजा, चरस और स्मैक .. इंटरनेट पर यह सब मौजूद है. बस कंप्यूटर पर एक क्लिक और घर पर ड्रग्स की डिलीवरी. नौजवानों में इस तरह के बढ़ते ट्रेंड से विशेषज्ञ परेशान हैं...

गांजा- नशे से किसको फ़ायदा होगा?तस्वीर: AP

पिछले साल मुंबई की एक पार्टी में पुलिस ने ड्रग्स के सिलसिले में 200 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें समाज के कई रईस घरों के के बच्चे भी शामिल थे. अब नशीले पदार्थों के विक्रेता इंटरनेट के ज़रिए युवा को ड्ग्स के चंगुल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.

जर्मनी में भी यह बड़ा संकट बनता जा रहा है. नॉर्थ राइन वेस्टफालेन राज्य के अपराध कार्यालय में ड्रग्स विशेषज्ञ श्टेफान काल का मानना है कि वैसे तो आजकल आपको इंटरनेट में हर किस्म का नशा मिल सकता है. लेकिन इसी के ज़रिये युवा भी इन चीज़ों को आसानी से हासिल कर सकते हैं. इंटरनेट बस एक ही देश तक सीमित नहीं है, कोई भी किसी भी देश से यह सामान बेच सकता है, दुनिया के किसी भी कोने से आप यह ड्रग्स मंगवा सकते हैं.

जवानी के नशे को ड्ग्स से ज़ाहिर करना आज की युवा पीढ़ी के लिए भारी पड़ रहा है. मारिजुआना यानी गांजा सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसके बुरे असर के बारे में अब तक कुछ साबित नहीं हुआ है. लेकिन नए रिसर्च के मुताबिक इसके भी बुरे असर हैं. प्राकृतिक तौर से उगाए जाने वाले मैजिक मशरूम या जादुई कुकुरमुत्ते भी ख़तरे से ख़ाली नहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि कोकेन और हेरोईन जैसा नशा पैदा करने वाले ये मशरूम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. काल बताते हैं कि इंटरनेट पर इस तरह का सामान ख़रीदने से यह घाटा है कि आपको इसके असर के बारे में नहीं पता चलता. और ये भी पता नहीं लगता कि इन ड्रग्स की कितनी मात्रा ख़तरनाक हो सकती है. इंटरनेट के ज़रिए ड्र्ग्स बेचने वाले यह बता रहे हैं कि ऩशीले पदार्थ आसानी से हासिल हो सकते हैं. और लोग सोचते हैं, कि अगर यह सामान इंटरनेट में मिल रहा है, तो इसमें कोई खास ख़तरा नहीं है.

इंटरनेट-अपराध में आसानीतस्वीर: AP

सोचने वाली बात यह है कि अगर आप चाहें तो ग़ैरक़ानूनी ड्रग्स के बारे में इंटरनेट से ही बहुत सी जानकारी मिल सकती है. लेकिन ज़्यादातर लोग इसका इस्तेमान नशीले और ख़तरनाक, दुर्लभ मिश्रणों को पाने में करते हैं. कई वेबसाईटों में विक्रेता प्राकृतिक तरीकों और पदार्थों का प्रचार करके लोगों को लुभाने की कोशिश करते हैं. एक बार जिसे इन चीज़ों का चसका लग गया, वो कम से कम एक हफ्ते के नशे के मज़े ले सकता है, जो उसके लिए अकसर ख़तरनाक साबित होता है. 19 साल का मार्सेल कहता है कि उसने एक बार इंटर्नेट से स्पाइस नाम का ड्र्ग ख़रीदा था. और तब यह ग़ैर कानूनी नहीं था. और वह सीधे इसे घर पहुंचा देते थे. ऐसे वेबसाइट हैं जो केवल यही काम करते हैं. और यहां मैजिक मशरूम जैसी चीज़े भी मिलेंगी और उनकी बीजें भी, जो आप ख़ुद घर में उगा सकते हैं.

कुछ वेबसाइटों के लिए खास पासवर्ड की ज़रूरत पड़ती है, जो आपको किसी जानकार से ही मिल सकता है. लेकिन गांजा जैसे पौधों को उगाने के लिए ख़ास तरीके आपको कई आम वेबसाइटों पर भी मिल सकते हैं. पुलिस के लिए इंटरनेट पर ड्रग्स की बिक्री एक चुनौती बन गई है. एक तो इंटरनेट का फैलाव बहुत ज़्यादा है और दूसरी बात कि हर देश में इंटरनेट और ड्रग्स के लिए क़ानून अलग हैं. लेकिन जैसा कि काल बताते हैं, पुलिस को कुछ मामलों में सफलता मिली है- हमें पता चला कि कोई इंटरनेट पर ड्रग्स बेच रहा है. और उसने डाक से यह किसी को भेजे हैं. फिर हमने इन लोगों को पकड़ा. और यह व्यक्ति सिर्फ गांजा बल्कि कोकेन और हिरोइन भी बेच रहा था. हमने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और उन सारे 1,200लोगों के ख़िलाफ भी जिन्होंने इस आदमी से ड्रग्स ख़रीदे.

पुलिस और सरकारी तंत्र के ढीलेपन का फ़ायदा ड्रग्स बेचने वाले हमेशा से उठाते रहे हैं और इंटरनेट पर नशीले पदार्थों की बिक्री ने आग में घी का काम किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के ग़ैर क़ानूनी और समाज के लिए हानिकारक उद्योगों को रोकने के लिए सारे देशों को एकजुट होकर काम करना होगा.

रिपोर्ट- उलरीके हुम्मेल/ मानसी गोपालकृष्णन

संपादन- अन्वर जमाल

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