1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इंटरनेट में 'मेगा' तहलका

२० जनवरी २०१३

अमेरिका से लड़ाई मोल ले चुके इंटरनेट एक्सपर्ट किम श्मिट्ज उर्फ किम डॉटकॉम ने नई स्टोरोज और फाइल शेयरिंग बेवसाइट पेश कर तहलका मचा दिया है. एक घंटे से भी कम समय में बेवसाइट में एक लाख लोग रजिस्टर हो गए.

तस्वीर: Reuters

इंटरनेट के इतिहास में नई वेबसाइट के लिए यह सबसे तेज रफ्तार है. कुछ ही घंटों के भीतर ढाई लाख से ज्यादा लोग वेबसाइट के रजिस्टर्ड यूजर बन गए. अपने जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 38 साल के किम श्मिट्ज ने mega.co.nz वेबसाइट लांच की. बेहद प्रतिभाशाली लेकिन अकसर विवादों में रहने वाले किम श्मिट्ज ने फाइल शेयरिंग वेबसाइट को मिल रहे जबरदस्त उछाल के बाद ट्वीट किया, "मैं बहुत खुश हूं. साल पर पहले इसी मिनट अमेरिकी सरकार ने आईमेगाअपलोड को बर्बाद कर दिया था. मेगा डॉट सीओ डॉट एनजेड में आपका स्वागत है."

साल भर पहले 20 जनवरी के दिन न्यूजीलैंड की पुलिस ने किम के घर पर सेना की तरह छापा मारा. अमेरिका में किम पर कॉपीराइट के नियम तोड़ने के आरोपों के चलते ऐसी कार्रवाई हुई. वैसे आईटी उद्योग में जर्मन मूल के किम को किम डॉटकॉम के नाम से ज्यादा जाना जाता है.

रविवार को वेबसाइट के उद्धाटन के मौके पर उन्होंने डांसरों और 200 मेहमानों और पत्रकारों को बुलाया. वेबसाइट के बारे में जानकारी देते हुए डॉटकॉम ने कहा, "यह सर्विस ऐसी है कि लोग इसमें कुछ भी अपलोड कर सकते हैं, स्टोर कर सकते हैं और ऐसी फाइलों को कोई भी दूसरा व्यक्ति डाउनलोड कर सकता है और यह कानून के घेरे में है. हम ज्यादा स्मार्ट, तेज और ज्यादा सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज दे रहे हैं."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

डॉटकॉम के मुताबिक उनकी वेबसाइट की खासियत यह भी है कि सरकारें इसका अपने फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकेंगीं, "मेगा का इस्तेमाल करने से आप उन सरकारों को ना कह सकते हैं जो आप पर नजर रखना चाह रही हैं. मेगा का इस्तेमाल करके आप इंटरनेट स्वतंत्रता और निजता के अपने अधिकार को हां कहते हैं."

डॉटकॉम के बिजनेस पार्टनर फिन बटैटो कहते हैं, "हम अपनी साइट पर 50 जीबी तक मुफ्त स्टोरेज दे रहे हैं. बहुत ज्यादा डाटा वाले यूजर्स को हर महीने 9.99 यूरो देने होंगे. बीच में कभी हम विज्ञापन भी दे सकते हैं लेकिन ऐसा जल्द नहीं होने जा रहा है."

कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों को फिलहाल अपना डाटा सुरक्षित रखने के लिए पेन ड्राइव या हार्ड डिस्क की जरूरत पड़ती है. समय के साथ डाटा बढ़ने पर हार्ड डिस्क भी कम पड़ जाती है. साथ ही हार्ड डिस्क या पेन ड्राइव के करप्ट होने पर पूरा डाटा उड़ने का भी खतरा रहता है. एक जगह से दूसरी जगह जाने पर डिस्क या यूएसबी को अपने साथ ले जाना होता है.

लेकिन डॉटकॉम की वेबसाइट के जरिए यूजर्स बिना किसी झंझट के इंटरनेट पर 50 जीबी तक का अपना डाटा सुरक्षित रख सकेंगे. कंप्यूटर न होने पर यूजर्स साइबर कैफे में जाकर भी डाटा एक्सेस कर पाएंगे. 29.99 यूरो प्रतिमाह की फीस देने पर यूजर्स इस वेबसाइट पर चार टेराबाइट तक का विशाल डाटा स्टोर रख सकेंगे.

कंपनी की रणनीति के बारे में बटैटो कहते हैं, "हम अमेरिका को छोड़कर दुनिया भर के कई देशों में सर्वर लगाएंगे, अमेरिका में इसलिए नहीं क्योंकि 2012 में मेगाअपलोड के मामले में अमेरिका सरकार ने अपने कानून का उल्लंघन किया."

कंपनी ने डाटा को सुरक्षित रखने के लिए खास इनस्क्रिप्ट तैयार किया है. बाटैटो कहते हैं, "नई इनस्क्रिप्शन का मतलब है पूरी प्राइवेसी. चोरी और नकली चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हमारी कड़ी शर्तें हैं और हम संबंधित कानून के हिसाब से चलेंगे."

ओएसजे/एजेए (डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें