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इंटरनेट सबसे बड़ा जासूसः असांज

१६ मार्च २०११

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज के मुताबिक इंटरनेट इस दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी मशीन है. साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में एक बड़ा रोड़ा भी. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए असांज ने यह कहा.

तस्वीर: dpa

असांज के मुताबिक इंटरनेट और खासकर फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने सरकारों के लिए लोगों पर नजर रखना आसान बना दिया है. असांज ने कहा, "चार साल पहले काहिरा में फेसबुक क्रांति हुई लेकिन यह बहुत छोटी थी. इसके बाद क्रांति में हिस्सा लेने वाले फेसबुक के सभी लोगों के नाम इकट्ठा किए गए. उनसे पूछताछ की गई, मार पीट भी और उन्हें कैद भी किया गया."

असांज ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "हालांकि इंटरनेट के जरिए हमें एक हद तक सरकार की कार्रवाई के बारे में पता चल सकता है लेकिन इंटरनेट इस दुनिया का सबसे बड़ा जासूसी उपकरण है."

प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ते असांजतस्वीर: dapd

दुनिया भर के गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने वाली विकीलीक्स वेबसाइट के 39 वर्षीय असांज फिलहाल स्वीडन में प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ लड़ रहे हैं. उन पर स्वीडन में यौन दुर्व्यव्हार के आरोप हैं. ऑस्ट्रेलियाई मूल के असांज इंटरनेट को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का माध्यम नहीं मानते. वह कहते हैं, "यह वह तकनीक नहीं जो अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा देती हो, न ही यह मानवाधिकारों को बढ़ावा देती है. बल्कि यह एक ऐसी तकनीक है जो जासूसी करने वाली सत्ता के लिए काम आ सकती है."

लेकिन कई लोगों का मानना है कि उनकी वेबसाइट के कारण अरब देशों में विद्रोह और क्रांति की शुरुआत हुई है. असांज ने भी माना कि अमेरिकी गोपनीय दस्तावेजों के लीक किए जाने के बाद ट्यूनीशिया के राजनीतिक समीकरण बदले और फिर वहां सरकार बदली.

असांज ने गिरफ्तार अमेरिकी सैनिक ब्रैडले मैनिंग के साथ अपनी सहानुभूति जताई. मैनिंग पर गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप हैं.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः ओ सिंह

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