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इंडियाज डॉटर से इंडिया को 'ठेस'?

आरआर/ओएसजे६ मार्च २०१५

एक केन्द्रीय मंत्री ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री इंडियाज डॉटर को प्रसारित करने के कदम को बताया "नारीत्व का अपमान".

Indien Jahrestag Gruppenvergewaltigung
तस्वीर: Reuters

भारत के केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप कांड की सजा काट रहे कैदी का इंटरव्यू प्रसारित कर अंतरराष्ट्रीय प्रसारक बीबीसी ने "नारीत्व का अपमान" किया है और "पूरा देश इस डॉक्यूमेंट्री से आहत" है. उन्होंने कहा, "एक अपराधी जिसे अदालत मृत्युदण्ड की सजा सुना चुकी हो, उसे रिसर्च के नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय फोरम में उसके द्वारा बलात्कार को अंजाम देने को सही ठहराने का मौका दिया जाना, ये सब पूरे नारी समाज का अपमान है."

सोशल मीडिया पर इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा आपत्ति निर्भया कांड में दोषी करार दिए गए एक सजायाफ्ता कैदी के इंटरव्यू पर है. इस इंटरव्यू में उसने अपने किए पर किसी तरह का पछतावा दिखाने के बजाए पीड़िता को ही दोषी ठहराया है. बीबीसी की लेस्ली उडविन के साथ इस डॉक्यूमेंट्री पर काम करने वाले भारतीय पत्रकार दिबांग अपेक्षा के अनुरूप ही इसे दिखाए जाने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं.

वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि इससे समाज में गलत संदेश जाता है और वे #BanBBC हैश टैग के साथ ट्विटर पर अंतरराष्ट्रीय प्रसारक के खिलाफ अभियान चला रहे हैं.

बीबीसी के प्रसारण से नाराज होकर केन्द्र सरकार ने ब्रिटिश मीडिया संगठन को कानूनी नोटिस भेजा है. भारत सरकार ने केवल बीबीसी ही सवाल नहीं किए हैं बल्कि वीडियो शेयरिंग के बेहद लोकप्रिय प्लेटफार्म यूट्यूब से भी डॉक्यूमेंटरी को "बेहद संवेदनशील" बताते हुए उसे हटाने को कहा है. भारत के कई जाने माने लोग समाज में गहरे पैठ चुके लैंगिक भेदभाव की ओर ध्यान दिलाने के लिए इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने की वकालत कर रहे हैं.

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