सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, “क्या इसे ही आप जनता का नेता कहेंगे?” जो 28 लाख का जूते पहन कर दिखावा कर रहा हो और जबकि आम आदमी बिजली की बढ़ती कीमतों के बोझ से दबा है.
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एक हफ्ते पहले पश्चिमी जावा के दौरे पर गये इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को लेकर सोशल मीडिया पर खूब हलचल दिखी. सोशल मीडिया यूजर्स में विवाद विडोडो के इस दौरे में पहने महंगे नाईकी कंपनी के जूतों को लेकर छिड़ा है.
आलोचकों ने लिखा कि राष्ट्रपति अपने दौरे में नाइकी कंपनी के लूनार एपिक फ्लाइनिट जूते पहने हुए थे, जो बहुत ही महंगे हैं, जबकि इस दौरे में लोग उनसे बढ़ती हुयी महंगाई की शिकायत कर रहे थे.
सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, "क्या इसे ही आप जनता का नेता कहेंगे?” जो 28 लाख का जूते पहन कर दिखावा कर रहा हो, जबकि आम आदमी बिजली की बढ़ती कीमतों के बोझ से दबा है. इंडोनेशिया के 28 लाख रुपिया का मूल्य इस समय लगभग 200 अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं.
इस मामले में विडोडो ने कहा कि उन्होंने वे जूते पहने क्योंकि वे बहुत हल्के हैं और वे अलग दिखना चाह रहे थे. उन्होंने वे जूते चुने क्योंकि उनका रंग बहुत खूबसूरत है और वे लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहते थे. राष्ट्रपति विडोडो ने आगे और सफाई देते हुए बताया है कि निरीक्षणों के दौरान काफी चलना फिरना होता है इसलिए भी इन जूतों का चुनाव किया.
जोको विडोडो 2014 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति चुने गये थे. जोको इंडोनेशिया के काफी लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं. उनके पिता लकड़ी बेचने का काम करते थे. जब विडोडो ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, तब लोगों में इस बात की खूब चर्चा थी कि एक आम आदमी उभर कर इस पद तक पहुंचा है. इसके अलावा लोगों के बीच उनकी छवि बहुत ही साफ और ईमानदार व्यक्ति वाली रही है. यह एक बड़ी वजह रही कि चुनाव में उनको ग्रामीण इलाकों और शहरी युवाओं का बड़ा समर्थन हासिल हुआ. शायद यही कारण है कि हमेशा भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कहने वाले नेता से उनके लोगों को और बेहतर उम्मीदें हैं और अपने आम आदमी की छवि वाले नेता को 28 लाख के जूतों में देख कर उन्हें धक्का पहुंचा है.
एसएस/आरपी (डीपीए)
बैग, जैकेट और जूते के लिए सांपों की बलि
सांप दुनिया के सबसे खतरनाक जीवों में से एक है. लेकिन इंडोनेशिया की ये तस्वीरें आपको अहसास कराएंगी कि इंसान उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है. यहां सांपों का चमड़ा तैयार होता है. (तस्वीरें विचलित कर सकती हैं)
तस्वीर: AP
फैक्ट्रियां
इंडोनेशिया में कई ऐसी फैक्ट्रियां हैं जहां सांपों का चमड़ा तैयार होता है जबकि कई लोग अपने घरों में भी यह काम करते हैं.
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ग्लैमरस
पश्चिमी देशों में इस चमड़े से बने बैग, जैकेट और जूते लोग बड़े शौक से पहनते हैं और इन्हें काफी ग्लैमरस माना जाता है.
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ऐसे होता है काम
जिन फैक्ट्रियों में यह चमड़ा तैयार होता है, वहां का नजारा बिल्कुल ग्लैमरस नहीं कहा जा सकता है.
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सबसे बड़ा निर्यातक
इंडोनेशिया सांप के चमड़े का दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है. उसका कहना है कि सांपों को मानवीय तरीके से ब्रीड किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है.
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भारी मांग
सांप के चमड़े की मांग को देखते हुए इंडोनेशिया में बड़े पैमाने पर उनका शिकार होता है.
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सांपों की बलि
यहां हर हफ्ते हजारों की संख्या में सांप मारे जाते है ताकि उनसे चमड़ा तैयार किया जा सके.
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तरीका
सांपों पहले मार कर पानी मे भिगोया जाता है और फिर उनका चमड़ा निकाल कर धूप में सुखाया जाता है. कई बार उन्हें बड़े ओवन में भी रख कर सुखाया जाता है
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बेबस सांप
सांपों को मार कर उनका चमड़ा उतारा जाता है जिसमें फिर एक लोहे की एक रोड डाली जाती है, ताकि उनकी त्वचा को ठीक से फैलाया जा सके.
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मांग
इस तरह सांपों का चमड़ा तैयार किए जाने से पता चलता है कि इसकी कितनी मांग है.
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महंगा दाम
इस चमड़े से बनी चीजें पश्चिमी देशों में ऊंचे दामों पर बिकती हैं. लेकिन इसे बनाने वालों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं कही जा सकती.
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सांपों का कारोबार
इस चमड़े से बनी चीजें पश्चिम देशों में चार हजार डॉलर तक की कीमत में बिकती हैं. लेकिन इसे जिस तरह तैयार किया जा रहा है, वो जरूर सोचने को मजबूर करता है.