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इंडोनेशियाई राष्ट्रपति भारत दौरे पर

२४ जनवरी २०११

सोमवार से शुरू हो रहे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो के भारत दौरे में बुनियादी ढांचे, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े कारोबारी समझौते और दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि होने की उम्मीद है.

सुसीलो बामबांग युधोयोनोतस्वीर: AP

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने बताया कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के तीन दिवसीय भारत दौरे में उनके साथ कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और 140 सदस्यों वाला एक व्यापारिक शिष्टमंडल भी होगा.

उन्होंने कहा, "इंडोनेशिया के साथ नजदीकी संबंध पूर्व की ओर देखने की भारत की नीति का अहम हिस्सा है." दोनों देशों के बीच पिछले पांच साल में दोतरफा व्यापार बढ़ कर तीन गुना हो गया है. 2010 में हुए 11.8 अरब डॉलर के कारोबार को दोनों देश 2015 तक बढ़ा कर 25 अरब डॉलर करना चाहते हैं.

युधोयोनो मंगलवार को नई दिल्ली में व्यापारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसी दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते होंगे. विष्णु प्रकाश ने बताया कि इन समझौतों का मकसद भारत को इंडोनेशिया में सबसे बड़ा निवेशक बनाना है.

तस्वीर: AP

वहीं भारत में इंडोनेशिया के राजदूत एंडी एम गालिब ने कहा है कि दोनों देशों के बीच आंतकवाद से निपटने, काले धन के अवैध लेन देन को रोकने, आपराधिक गतिविधियों की जुड़ी जानकारी का आदान प्रदान, संस्कृति और शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में राजनयिक समझौते भी होंगे. गालिब ने कहा कि इंडोनेशिया भारत के मध्यवर्ग की 33 करोड़ की आबादी को एक बड़े बाजार के तौर पर देखता है.

रिश्तों को मजबूती

पिछली बार युधोयोनो ने नवंबर 2005 में भारत का दौरा किया था और तब दोनों देशों के रिश्तों को सामरिक स्तर तक विस्तार दिया गया. उनकी मौजूदा यात्रा में दोतरफा रिश्तों से जुडी उस कार्ययोजना की समीक्षा भी की जाएगी जिस पर जून 2007 में हस्ताक्षर हुए. दोतरफा समझौते में भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना चाहेगा.

भारतीय कंपनियां पहले ही इंडोनेशिया से काफी मात्रा में कोयले का आयात करती रही हैं. युधोयोनो के दौरे से इस दिशा में और प्रगति और इंडोनेशिया की खानों में भारतीय निवेश को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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