इंदौर में वीरू का ऐतिहासिक विध्वंस
८ दिसम्बर २०११लंबे समय से खामोश बैठा वीरू का बल्ला इंदौर में ऐसा गरजा की कैरेबियाई गेंदबाज त्राहिमाम करते रह गए. सहवाग ने छक्कों और चौकों की झड़ी लगाते हुए वेस्ट इंडीज की धुर्रियां उड़ा दी. 140 गेंदों पर उन्होंने 23 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 200 रन का जादुई आंकड़ा छू लिया.
सहवाग ने दोहरा शतक भी शानदार चौका जड़कर पूरा किया.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद वीरू दूसरे ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने वनडे में 200 रन बनाए हैं. लेकिन वनडे में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड अब वीरू के नाम पर दर्ज हो चुका है. 201 रन बनाते ही वह वनडे में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए.
बीते कई महीनों से सहवाग का बल्ला गरज नहीं पा रहा था. या तो वह बहुत जल्दी आउट हो जाते या फिर पचास के आगे पीछे उनका विकेट गिर जाता. लेकिन इसके बावजूद किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि वीरू का बल्ला कब गरजेगा. सब जानते थे कि एक न एक दिन जरूर गरजेगा. और वह दिन आ भी गया.
टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए वीरू ने इंदौर में लगातार चौथी बार टॉस जीता. हर बार वीरू के टॉस जीतने से वेस्ट इंडीज के कप्तान डैरल सैमी ऐसे खीझे कि उन्होंने सहवाग से हाथ भी नहीं मिलाया. हालांकि सैमी ने बाद में माफी मांग ली, लेकिन तब तक सहवाग शायद तय कर चुके थे कि आज किस इरादे से मैदान पर उतरना है.
सीरीज में पहली बार टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी चुनी. लंबे समय से टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में नाकाम रही वीरू और गौतम गंभीर की जोड़ी, इंदौर में डट गई. शुरुआत में दोनों ने संभल कर बल्लेबाजी की. आठ ओवर में 50 रन जोड़ने के बाद दिल्ली के बल्लेबाजों ने हाथ खोल दिए और रामपॉल, सैमी, रॉख और रसेल की धुलाई कर दी. गंभीर ने 67 रन बनाए. वीरू और गौटी ने पहले विकेट के लिए मात्र 23 ओवरों में 176 रन जोड़े.
पहला विकेट गिरने का असर सहवाग की पारी में बिल्कुल नहीं दिखाई पड़ा. वीरू ने कैरेबियाई गेंदबाजों की धुनाई जारी रखी और 69 गेंदों में शतक जड़ दिया. शतक के बाद तो उनके बल्ले ने और ज्यादा आग उलगनी शुरू कर दी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन