पहले 'पाञ्चजन्य' ने इंफोसिस को 'देश विरोधी' ताकतों का जरिया बताया और अब आरएसएस ने खुद को पत्रिका से ही दूर कर लिया है. दीनदयाल उपाध्याय को प्रेरणा स्रोत माने वाली पत्रिका से क्या संघ को अलग किया जा सकता है?
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'पाञ्चजन्य' के अगस्त 2021 के अंक में छपे एक लेख में सरकारी वेबसाइटों को ठीक से ना चला पाने के लिए भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को देश विरोधी ताकतों का जरिया बता दिया गया.
पत्रकार चंद्र प्रकाश द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया, "कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई देशविरोधी शक्ति इंफोसिस के माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में जुटी है?" लेखक ने यह भी कहा की उनके "पास यह कहने के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं, किंतु कंपनी के इतिहास और परिस्थितियों को देखते हुए इस आरोप में कुछ तथ्य दिखाई दे रहे हैं."
इंफोसिस पर आरोप
कंपनी की जिन गतिविधियों पर लेखक ने संदेह व्यक्त किया उनमें 'द वायर', 'ऑल्ट न्यूज' और 'स्क्रॉल' जैसी वेबसाइटों को पैसे देना शामिल है. कंपनी के मालिकों को कांग्रेसी और 'वर्तमान सत्ताधारी विचारधारा' का विरोधी बताया गया है.
साथ ही यह आरोप भी लगाया गया है कि कंपनी "अपने महत्वपूर्ण पदों पर विशेष रूप से एक विचारधारा विशेष के लोगों को बिठाती है", जिनमें "अधिकांश बंगाल के मार्क्सवादी हैं."
दो आरोप और लगाए गए हैं. पहला यह कि इंफोसिस "अराजकता' पैदा करना चाहती है, "ताकि सरकारी ठेके स्वदेशी कंपनियों को ही देने की नीति बदलनी पड़े." दूसरा, कंपनी भारतीय करदाताओं का डाटा चोरी करना चाहती है.
'पाञ्चजन्य' को हमेशा से आरएसएस के मुखपत्र के रूप में जाना जाता रहा है, इसलिए इस लेख को इंफोसिस पर संघ के ही हमले की तरह देखा गया. कंपनी के बचाव में जिन लोगों ने खुल कर बयान दिए उनमें कंपनी के पूर्व निदेशक मोहनदास पाई भी शामिल हैं.
आरएसएस और पाञ्चजन्य
एनडीए सरकार के मुखर समर्थकों के रूप में जाने जाने वाले पाई ने ट्विट्टर पर इस लेख के लेखक को "पागल" बताया और उनकी सोच को "कॉन्सपिरेसी थियरी" बताया.
जब विवाद काफी बढ़ गया तो संघ ने एक बयान जारी कर खुद को पाञ्चजन्य से ही दूर कर लिया. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने ट्वीट कर इंफोसिस की प्रशंसा भी की और कहा कि कंपनी ने देश की प्रगति में एक बुनियादी भूमिका अदा की है.
हालांकि पत्रिका के सम्पादक हितेश शंकर ने लेख का समर्थन किया और पत्रिका के संघ से संबंध के बारे में बस इतना कहा कि यह लेख इंफोसिस के बारे में है, ना की संघ के बारे में.
पाञ्चजन्य और अंग्रेजी पत्रिका 'ऑर्गनाइजर' को नई दिल्ली स्थित कंपनी भारत प्रकाशन छापती है, जिसे आरएसएस की ही प्रकाशन संस्था माना जाता है. पाञ्चजन्य के पहले संपादक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. पत्रिका आरएसएस विचारक दीनदयाल उपाध्याय को अपना प्रेरणा स्रोत मानती है.
सर्वे: दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने नरेंद्र मोदी
डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दुनिया में सबसे ज्यादा है. मोदी की अप्रूवल रेटिंग सर्वे के हिसाब से 70 प्रतिशत है.
तस्वीर: Money Sharma/AFP/Getty Images
1. नरेंद्र मोदी
मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में दावा किया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के 13 नेताओं को पीछे छोड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गए हैं. सर्वे के मुताबिक मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन को भी पीछे छोड़ दिया है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
2. लोपेज ओब्राडोर
दुनिया के सर्वाधिक स्वीकार्य नेता के रूप में मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्राडोर दूसरे नंबर पर हैं. उनकी अप्रूवल रेटिंग 64 फीसदी है. इस सर्वे का नतीजा दो सितंबर को अपडेट किया गया था.
तस्वीर: Jose Mendez/Agencia EFE/imago images
3. मारियो द्राघी
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी 63 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ तीसरे स्थान पर हैं. सर्वेक्षण ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, युनाइटेड किंगडम और अमेरिका में डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा आयोजित किया गया था.
तस्वीर: Xinhua News Agency/picture alliance
4. अंगेला मैर्केल
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल 53 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथे स्थान पर हैं.
तस्वीर: Markus Schreiber/AP/picture alliance
5. जो बाइडेन
अमेरिकी एजेंसी के इस सर्वे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को 48 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है. अफगानिस्तान के मुद्दे पर बाइडेन के रुख के कारण उनकी अप्रूवल रेटिंग गिरी है.
तस्वीर: Evan Vucci/AP Photo/picture alliance
6. स्कॉट मॉरिसन
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन 48 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ छठे स्थान पर हैं.
तस्वीर: Thomas Samson/AFP/Getty Images
7. जस्टिन ट्रुडो
मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लोकप्रियता के मामले में सातवें नंबर पर हैं. उन्हें 45 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Phil Noble/REUTERS
8. बॉरिस जॉनसन
सर्वे में दुनिया के कई दिग्गज नेता शामिल हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन इस सर्वे में आठवें स्थान पर हैं. उन्हें 41 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Tayfun Salci/Zumapress/picture alliance
9. जायर बोल्सोनारो
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो इस सर्वे में नौवें स्थान पर हैं. उन्हें 39 फीसदी रेटिंग मिली है.
तस्वीर: Adriano Machado/REUTERS
10. मून जे इन
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन सर्वे में 10वें स्थान पर हैं. उन्हें 38 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है. मॉर्निंग कंसल्ट अप्रूवल और डिसअप्रूवल रेटिंग सात दिनों के मूविंग एवरेज के आधार पर तय करती है.