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इंसान बने 'जानवर'

३ दिसम्बर २०१३

रोमानिया में इन दिनों जानवरों के खिलाफ हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जानवरों के प्रति लोग तरह-तरह के क्रूरता दिखा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कुत्तों के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

कंबल में लपेटकर कुत्ते के पिल्लों को जला देना. सड़क पर बिना जबड़े का घूमता कुत्ता और इमारतों के बीच पड़ी अधमरी बिल्लियां. ये घटनाएं हाल के महीनों में रोमानिया में हुए जानवरों के खिलाफ क्रूरता की फेहरिस्त का हिस्सा है जिसपर शायद ही किसी का ध्यान गया. रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में इसी साल अगस्त महीने में चार साल के बच्चे की मौत आवारा कुत्तों के हमलों के कारण हो गई थी.

रोमानिया में हजारों आवारा कुत्तों का कोहराम है. पुलिस और पशु कल्याण अधिकारियों के मुताबिक बच्चे की मौत पर लगातार और ''उन्मादी'' मीडिया कवरेज के कारण जानवरों पर हमले में बढ़ोतरी हुई है. बच्चे की मौत के छह हफ्ते के भीतर पशु कल्याण संगठन ने 15 ऐसे मामले दर्ज किए हैं जिसमें लोगों ने बर्बरता के साथ जानवरों पर हमले किए.

यही है वह 'सवाल का निशान' जिसे आप तलाश रहे हैं. इसकी तारीख 03/12 और कोड 6358 हमें भेज दीजिए ईमेल के ज़रिए hindi@dw.de पर या फिर एसएमएस करें +91 9967354007 पर.तस्वीर: Fotolia/Yuri Arcurs

बच्चे की मौत के पहले नौ महीनों में जानवरों के साथ क्रूरता के छह मामले दर्ज किए गए थे. पशु संरक्षण कानून कमजोर होने की वजह से रोमानिया में जानवरों के साथ क्रूरता की समस्या बहुत पुरानी है. लोग अब भी क्रूर कम्युनिस्ट शासन के सदमे से उबर नहीं पाए हैं. बिगड़ते आर्थिक हालात और सरकारी नाकामी की वजह से लोगों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है. मनोविज्ञानी फ्लोरिन टुडोस के मुताबिक, "जैसे-जैसे सामाजिक तनाव बढ़ता है यह जानवरों के खिलाफ आक्रमकता की तरफ बढ़ाता है. खासकर लोग कानून से नहीं डरते. जब कुत्ते एक बच्चे को मार देते हैं तो लोगों को लगता है कि जानवरों को इसकी सजा दी जाए.''

पशु सुरक्षा के इंचार्ज व्लादीमीर मानास्तिरेयानू ऐसे नए कानून का समर्थन करते हैं जिसमें आवारा कुत्तों को पकड़ा जाएगा और अगर दो हफ्तों के भीतर कोई गोद नहीं लेता है तो उन्हें मार दिया जाएगा. वे कहते हैं, "हमें सड़कों से इन कुत्तों को हटाना पड़ेगा और इन भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को रोकना पड़ेगा.''

पूर्वी यूरोप में जहां ग्रामीण परंपराएं मजबूत हैं वहीं पशुओं के अधिकार के बारे में बेहद कम जानकारी है. 2007 में रोमानिया और बुल्गारिया ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद प्रतिबद्धता से वादा किया था कि जिन जानवरों का इस्तेमाल मांस के लिए होता है उन्हें यूरोपीय संघ के नियम के मुताबिक मानवीय तरीकों से मारा जाए. फोर पॉज नाम के कल्याणकारी संगठन के मुताबिक क्रिसमस के पहले होने वाली प्रथा में किसान अब भी सूअर का गला बिना किसी बेहोशी वाली दवा दिए रेत रहे हैं. बेलग्रेड, बुखारेस्ट और सोफिया में लोग सार्वजनिक तौर पर अपने पालतू कुत्तों को लाड करते हैं. इन शहरों में कई लोग हैं जो आवारा कुत्तों को रहने का ठिकाना देते हैं. आवारा कुत्तों के मारे जाने के कानून पास होने के बाद जानवर प्रेमियों ने बुखारेस्ट में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

एए/एमजी (एपी)

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