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इच्छामृत्यु की गुजारिश है नई फिल्म

१९ नवम्बर २०१०

विशाल बजट और भव्य सेटों के लिए मशहूर संजय लीला भंसाली की फिल्में आम आदमी के लिए होती हैं. ऐसा वह खुद कहते हैं. भंसाली के मुताबिक अपने इर्द गिर्द फैंट्सी की आभा समेटे ये फिल्में आम आदमी का दर्द जाहिर करती हैं.

जादूगर बने रितिकतस्वीर: UNI

अपनी नई फिल्म गुजारिश में वह रितिक रोशन और एश्वर्या राय को पर्दे पर पेश करेंगे. इस कहानी में एक लकवाग्रस्त जादूगर के संघर्ष की कहानी है. साथ ही इसमें इच्छामृत्यु जैसे संजीदा मुद्दे पर भी बात की गई है. भंसाली कहते हैं, "मुझे ऐसे विषयों पर काम करने में मजा आता है जिन पर ज्यादा बात नहीं की जाती."

तस्वीर: UNI

भंसाली बताते हैं, "अपनी सारी फिल्मों में मैंने आम आदमी के दर्द को दिखाने की कोशिश की है. अपनी फिल्मों के जरिए मैं दिखाना चाहता हूं कि जिंदगी खूबसूरत है और उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए." 47 साल के फिल्मकार कहते हैं कि वह अपनी फिल्मों को ऐसा बनाना चाहते हैं जिनमें जिंदगी का सकारात्मक चेहरा दिखाई दे.

हालांकि भंसाली ने बहुत से डार्क सब्जेक्ट्स पर भी काम किया है. उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म खामोशी बोल न सकने वाले एक पति पत्नी की दर्दनाक दास्तान थी. देवदास में उन्होंने प्यार में जान दे देने वाले एक दीवाने की कहानी बताई और फिर ब्लैक में एक अंधी, बहरी और गूंगी लड़की के संघर्ष को बयान किया.

भंसाली कहते हैं, "मेरी हर फिल्म में किरदार एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं. मसलन ब्लैक में मिशेल अंधी, गूंगी और बहरी होने के बावजूद अपनी सारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आगे बढ़ती है."

भंसाली कहते हैं कि वह लोगों को प्रेरित करना चाहते हैं. उनके शब्दों में, "मैं चाहता हूं कि हर वह इंसान जो मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग है, उम्मीद न छोड़े और उदास न हो. बल्कि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोशिश करे."

आज रिलीज हो रही इस फिल्म में रितिक रोशन एक जादूगर के किरदार में नजर आएंगे. एशवर्या राय एक नर्स का किरदार निभा रही हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एमजी

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