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इटली के सामने पस्त हुआ जर्मनी

२९ जून २०१२

चौथी बार यूरोपीय चैंपियनशिप जीतने का जर्मनी का सपना इटली की दीवार के सामने चकनाचूर हुआ. मारियो बालोटेली के दो गोलों ने जर्मनी को संभलने नहीं दिया और वह सेमीफाइनल में इटली से 2-1 से हार गया.

तस्वीर: Reuters

जर्मन टीम अपने चिर प्रतिद्वंद्वी को हराने में कामयाब नहीं हो पाई. शुरुआत में बराबरी पर चल रहे मैच में इटली के स्टार स्ट्राइकर बालोटेली ने जर्मनी की रक्षा पंक्ति को भेदकर 20वें मिनट में हेडर से खूबसूरत गोल किया. 36वें मिनट में दूसरा गोल कर बालोटेली ने जर्मनी की युवा टीम को दबाव में डाल दिया. बाद में मैच पर टिप्पणी करते हुए जर्मन कोच योआखिम लोएव ने कहा, "उसके बाद मजबूत इटैलियन टीम के खिलाफ मैच को घुमाना मुश्किल था."

हार के बाद दुखी जर्मन खिलाड़ीतस्वीर: AP

दूसरे हाफ में लुकास पोडोल्स्की और मारियो गोमेज को हटाकर रॉएस और क्लोजे को लाया गया. उसके बाद खेल में कुछ गति आई. जर्मनी को कुछ मौके मिले लेकिन खिलाड़ी उसे गोल में नहीं बदल पाए. एक्सट्रा टाइम में मेसुत ओएजिल ने एक पेनल्टी गोल किया. गोल का अंतर कम तो हुआ लेकिन जर्मनी के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने और नए हमलों के लिए और समय नहीं था. इससे पहले 2010 में भी जर्मन टीम वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार गई थी. इटली के खिलाफ जर्मनी का यह आठवां टूर्नामेंट गेम था. वह अब तक इटली को हराने में कामयाब नहीं हुआ है. टीम शुक्रवार को वापस आ रही है.

जर्मन टीम हार भले गई हो लेकिन टीम की खबर बाहर जाने को रोकने में सफल रही. इटली के खिलाफ कौन से खिलाड़ी खेलेंगे, यह खबर अंत तक बाहर नहीं निकली. गेम शुरू होने से 75 मिनट पहले यूएफा के नियमों के अनुसार मैच खेलने वाले 11 खिलाड़ियों के नाम जारी किए गए. कोच योआखिम लोएव ने डेढ़ बजे ही टीम को बता दिया था कि इटली के खिलाफ कौन से खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे. इससे पहले ग्रीस के खिलाफ मैच खेलने वाली टीम का पता मैच से घंटों पहले चल गया था.

येलो कार्ड की परवाह नहीं बालोटेली कोतस्वीर: AP

रविवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में अब फाइनल में इटली का मुकाबला स्पेन से होगा. वह यूरोपीय चैंपियनशिप में अपनी दूसरी जीत के लिए संघर्ष करेगा. स्पेन इस समय यूरोप चैंपियन है. इटली ने अपना एकमात्र कप 1968 में जीता है. डिफेंडिंग चैंपियन स्पेन की टीम कीव पहुंच चुकी है. गुरुवार को एक पुलिस एस्कॉर्ट स्पेनी टीम की बस के साथ हवाई अड्डे से पांच सितारा होटल ऑपेरा ले गई. सुरक्षाकर्मियों ने खिलाड़ियों को फैंस और पत्रकारों से दूर रखा.

उधर फैंस के नस्लवादी बर्ताव के कारण स्पेन और रूस के फुटबॉल संगठनों पर यूएफा ने जुर्माना किया है. स्पेन पर 20,000 यूरो का और रूस पर 30,000 यूरो का जुर्माना किया गया है. दोनों मामलों में यूरोपीय फुटबॉल संघ यूएफा की अनुशासन समिति ने नस्लवादी बर्ताव और नस्लवादी गीत गाने के सबूत पाए.

एमजे/एमजी (डीपीए)

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