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इटली को जरिया बना कर जर्मनी में शरण

१२ जून २०१५

इटली में प्रवेश करने वाले प्रवासी अक्सर छुप कर जर्मनी या फिर अन्य उत्तर यूरोपीय देशों का रुख करते हैं, जहां उन्हें आसानी से शरण और काम मिलने की उम्मीद होती है. लेकिन इससे कुछ देशों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.

तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Di Meo

इसके कारण आप्रवासन के मामले में इटली के खिलाफ कई शिकायतें आती हैं. इटली का कहना है कि शरमारि्थियों को रोकना उसके लिए संभव नहीं है. इटली के आप्रवासन मामलों के प्रमुख मारियो मॉरकोने का कहना है, "हम उन्हें रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन साफ है कि उन्हें दूसरे देशों में रहने वाले उनके दोस्तों, सगे संबंधियों के पास जाने से रोकना आसान काम नहीं. वे जहां जाना चाहते हैं, वहां जाने की कोशिश जरूर करेंगे."

यूरोपीय संघ के आप्रवासन नियमों को धता बता कर इटली आने वाले कई अफ्रीकी शरणार्थी किसी तरह जर्मनी पहुंच जा रहे हैं. 1990 में बने ईयू के पहले शरणार्थी नियमों यानि डबलिन रेगुलेशन के अनुसार जो लोग भी किसी यूरोपीय देश में शरण लेना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन केवल उसी देश में जहां उन्होंने सबसे पहले कदम रखे हों. इससे एक ही शरणार्थी के कई देशों में आवेदन जमा करने से होने वाले काम के दोहराव से भी बचा जाता है.

जर्मनी में पिछले महीनों में शरणार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. गुरुवार को ही शरणार्थियों के लिए सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकारों और नगर निगम इकाईयों को दी जाने वाली धनराशि को जर्मन सरकार ने दोगुना करने का फैसला किया. 2015 में करीब साढ़े चार लाख शरणार्थियों के जर्मनी आने का अनुमान है.

इटली में बीते साल करीब 76 हजार शरणार्थियों ने आवेदन डाला, जबकि पिछले साल वहां पहुंचने वाले प्रवासियों की संख्या एक लाख 70 हजार से अधिक थी. इस संख्या में अंतर साफ दिखाता है कि इटली पहुंचने वाले कितने सारे प्रवासी दूसरे देशों का रुख करते हैं. इस साल इटली में 2 लाख प्रवासियों के पहुंचने की उम्मीद है. कुछ देशों ने इटली में शरणार्थियों के रजिस्ट्रेशन में बरते जा रहे ढीले रवैये की शिकायत की है.

2015 की शुरुआत में ही फ्रेंच पुलिस ने इटली से लगी अपनी सीमा पर करीब 1,000 प्रवासियों को रोका और उन्हें इटली लौटा दिया था. वापस लौटाने वाली ऐसी कोई ना कोई घटना हर रोज ही ऑस्ट्रिया और इटली की सीमा पर होती है. हाल ही में इटली के दो प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर पुलिस के साथ झगड़ा मोल लेने वाले शरणार्थियों ने फिर एक बार दक्षिणपंथी नेताओं की आलोचना और ईयू से मदद मांगने का मौका दिया है. उत्तरी अफ्रीका से नाव के रास्ते भारी संख्या में इटली पहुंचे ये लोग इटली में शरण लेना चाहते थे.

इतावली प्रशासन का कहना है कि बहुत बड़ी तादाद में समुद्र के रास्ते आने वाले विदेशियों को संभालने की इटली से उम्मीद रखना अनुचित और अव्यावहारिक है और इस पर नए सिरे से विचार किए जाने की जरूरत है. ईयू की शरणार्थी नीति पर इटली के प्रधानमंत्री मातेयो रेंजी ने कहा, "ये नियम समस्या को सुलझाने में मदद नहीं करते, बल्कि ये तो उनसे निपटने के लिए इटली को और अकेला छोड़ देते हैं."

आरआर/एमजे (डीपीए,एएफपी)

2014 में ईयू के जिन देशों को मिले हैं सबसे अधिक शरणार्थी आवेदन
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