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इटली से निकला दलाली का जिन्न

१२ फ़रवरी २०१३

भारतीय सेना में भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बोतल तोड़ कर निकला. इटली के एक बड़े रक्षा सौदागर को गिरफ्तार किया गया. उस पर हेलिकॉप्टर बेचने के लिए भारतीयों को पैसे खिलाने के आरोप हैं. भारत ने सीबीआई जांच के आदेश दिए.

तस्वीर: Reuters

इटली में अगले हफ्ते चुनाव होने हैं और इससे पहले वहां भ्रष्टाचार के बड़े बड़े मामले सामने आ रहे हैं. रक्षा कंपनी फिनमेकानिका के प्रमुख जूसेप्पे ओरसी पर आरोप है कि वह अपनी कंपनी के 12 हेलिकॉप्टर भारत को बेचना चाहते थे और सौदा पक्का करने के लिए उन्होंने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी.

पुलिस मिलान शहर के पास ओरसी के घर और उस इकाई की तलाशी ले रही है, जहां वह काम करते थे. कानूनी सूत्रों ने बताया कि कंपनी के मिलान दफ्तरों में भी तलाशी ली गई है. इटली में फिएट के बाद फिनमेकानिका सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी है. इटली में पिछले दिनों का यह तीसरा बड़ा स्कैंडल है. इससे पहले कर्ज देने वाला बैंक बांका मोंटे डी पाशी और तेल कंपनी एनी भी घोटाले से घिर चुका है. फिनमेकानिका के मामले की राजनीतिक गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने कहा है कि सरकार इसके प्रबंधन पर नजर रखेगी, "फिनमेकानिका को चलाने में फिलहाल समस्या आ रही है और हम इसका सामना करने को तैयार हैं."

दूसरी तरफ भारत सरकार आए दिन भ्रष्टाचार के बादल में घिरती जा रही है. रक्षा सौदों पर भी सरकार पर कई आरोप लगे हैं. ताजा मामला सामने आने के बाद सरकार ने इसकी सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है. भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने बताया, "इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं और विस्तार से जानकारी जल्द ही दी जाएगी."

फिनमेकानिका प्रमुख जूसेप्पे ओरसीतस्वीर: Reuters

भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र का दावा है कि इस सौदेबाजी में भारतीय अफसरों को चार करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी गई है. सौदा कोई 40 अरब रुपये का बताया जा रहा है. करार के तहत इतालवी कंपनी को इस साल के शुरू से ही हेलिकॉप्टरों की सप्लाई करनी थी. लेकिन भारत में भी अगले साल चुनाव होने हैं और सरकार पहले से ही भ्रष्टचार के मामलों से घिरी है. ऐसे में आखिरी मिनट में सौदा रद्द भी किया जा सकता है. हेलिकॉप्टरो का सौदा दिसंबर, 2010 में हुआ था.

कभी बोफोर्स सौदे से भारत सरकार हिल चुकी है. आरोप लगे कि राजीव गांधी के प्रधानंमत्री रहते हुए स्विट्जरलैंड की बोफोर्स कंपनी से सौदा करने के बदले भारत के बड़े नेताओं ने भारी भरकम घूस खाई. इस मामले की एक अहम कड़ी इटली से जुड़ी है. इतालवी नागरिक ओत्तावियो क्वात्रोकी पर आरोप है कि उसने बोफोर्स सौदे की दलाली की. क्वात्रोकी भारत में वांछित है लेकिन लंबा अर्सा गुजर जाने के बाद भी कानून की पहुंच में नहीं आ पाया है.

इसके अलावा भारत के पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह का दावा है कि स्लोवाकिया की टाट्रा कंपनी ने भारत को अपने ट्रक बेचने के लिए उन्हें करोड़ों रुपये के घूस की पेशकश की थी. सिंह के इस बयान के बाद काफी हंगामा मचा. हालांकि बाद में पूरा मामला दब गया.

ओरसी के खिलाफ एक साल से भी ज्यादा से जांच चल रही है लेकिन उन्होंने कुछ गलत करने से इनकार किया है. कंपनी ने इस घटना के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि वह ओरसी का समर्थन करती है. इस मामले के सामने आने के बाद से ओरसी पर इस्तीफा का दबाव बढ़ रहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उनके अलावा तीन और लोगों से पूछताछ की गई है.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है और उसके कायदे कानूनों के तहत भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी में शामिल कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है. यानी उनके उत्पाद फिर कभी नहीं खरीदे जाते. अगर भारत फिनमेकानिका का सौदा रद्द करता है, तो कंपनी भारी मुश्किल में पड़ सकती है क्योंकि ब्रिटेन, अमेरिका और दूसरे देशों ने भी रक्षा बजट में कटौती का एलान किया है.

एजेए/एमजे (डीपीए, एएफफपी, रॉयटर्स, एपी)

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