1 जनवरी 1978 को एयर इंडिया का बोइंग 747 हादसे का शिकार हुआ था. इस विमान में सवार सभी 213 लोगों की मौत हो गई थी.
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मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उस जमाने में सहारा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था. उड़ान भरने के महज 101 सेकेंड के भीतर एयर इंडिया का यह विमान पानी में जा गिरा. बोइंग 747 दुबई के लिए रवाना हुआ था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. 101 सेकेंड के अंदर ही विशालकाय जहाज मलबे में तब्दील हो गया. इस विमान में 190 यात्री और 23 चालक दल के सदस्य सवार थे. इस हादसे में सभी की मौत हो गई.
शुरुआत में इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि विमान में कोई धमाका या फिर बाहरी हमला हुआ था. लेकिन अरब सागर से निकाले गए मलबे से यह बात गलत साबित हुई. महीनों तक चली जांच के बाद पता चला कि विमान में किसी किस्म की तकनीकी खराबी आने के कारण यह हादसा हुआ.
2014 के विमान हादसे
2014 के खत्म होते होते एक और विमान हादसे का शिकार हो गया. 28 दिसंबर को इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से सिंगापुर जा रहा विमान रडार से गायब हो गया. पिछले साल की कुछ बदकिस्मत विमान यात्राओं पर एक नजर.
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कोई संपर्क नहीं
इंडोनेशिया के सुरबाया से 27 दिसंबर को एयर एशिया का विमान क्यूजेड 8501 सिंगापुर के लिए निकला. लेकिन उड़ान के 40 मिनट बाद ही विमान का कंट्रोल टॉवर से संपर्क टूट गया. विमान में कुल 162 लोग सवार थे. दो दिन बाद जावा सागर में विमान का मलबा मिला.
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जावा सागर में लापता
ए320-200 के लापता होने के पहले पायलट ने खराब मौसम में विमान उड़ाने की कोशिश की और कंट्रोल टॉवर से रास्ता बदलने के लिए इजाजत मांगी थी. तलाशी अभियान इंडोनेशियाई द्वीप बांग्का बेलितुंग और जावा सागर के बीच केंद्रित है. एयर एशिया के विमान के लापता होने से एक बार फिर एमएच 370 की याद ताजा हो गई.
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777 त्रासदी
साल 2014 में मलेशिया एयरलाइंस के दो बोइंग 777 हादसे के शिकार हुए. इनमें से एक अब भी लापता है. क्वालालम्पुर से बीजिंग के लिए निकले बोइंग 777 में चालक दल के 12 सदस्यों समेत 239 लोग सवार थे. इनमें ज्यादातर चीनी नागरिक थे. आखिरी रेडियो संदेश के बाद विमान रडार से गायब हो गया. ऐसी आशंका जताई जाती है कि विमान हिंद महासागर में डूब गया.
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विमानन इतिहास का रहस्य
एमएच 370 विमान को क्या हुआ? यह विमानन इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा रहस्य है. क्या विमान में कोई तकनीकी खराबी थी? या फिर विमान का अपहरण हो गया? या फिर पायलट ने खुदकुशी कर अपने साथ सभी यात्रियों की जान ले ली? 2014 में ऐसी तमाम अटकलें लोग लगाते रहे.
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कहां है मलबा?
सैटेलाइट तस्वीरों में समुद्र में कई बार मलबे दिखाई पड़े लेकिन जिन चीजों को जहाज का मलबा माना गया वह हर बार कुछ और ही निकला. लापता एमएच 370 को ढूंढने के लिए समुद्री जहाजों से लेकर लड़ाकू विमानों का भी सहारा लिया गया लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.
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यूक्रेन संघर्ष में मारे गए मासूम
17 जुलाई को मलेशिया एयरलाइंस का एक और बोइंग 777 दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान को संभवतः युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन में मार गिराया गया था. उड़ान संख्या एमएच 17 में कुल 298 लोग सवार थे. विमान एम्सटरडम से क्वालालम्पुर जा रहा था.
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मलबे की खोज में मुश्किलें
एमएच 17 के मलबे को खोजने और इकट्ठा करने के काम काफी मुश्किलें आईं. पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों ने जांचकर्ताओं को घटनास्थल तक पहुंचने और हादसे के तुरंत बाद जांच से करने से रोका.
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देर से मिला ब्लैक बॉक्स
हादसे के पांच दिन बाद विद्रोहियों ने ब्लैक बॉक्स को मलेशिया के प्रतिनिधियों को सौंपा. शुरूआती जांच में ऐसे संकेत हैं कि एमएच 17 को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने मार गिराया था. यह पता नहीं कि हादसा विद्रोहियों या रूसी सेना या फिर यूक्रेनी सेना की तरफ से हुई गलती का नतीजा था.
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रास्ता बदला और तबाही
24 जुलाई को बुर्किना फासो से अल्जीरिया जा रहा जहाज हादसे का शिकार हो गया. इस विमान में सवार सभी 118 लोग मारे गए. हादसे के पहले पायलट ने कंट्रोल टॉवर से तूफान के मद्देनजर रास्ता बदलने की इजाजत मांगी थी.
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नेपाल में हादसा
16 फरवरी को नेपाल एयरलाइंस की फ्लाइट 183 हादसे का शिकार हो गई. विमान में सवार सभी 18 लोग मारे गए थे.
तस्वीर: Armin Sekhavatpour
तूफान से हादसा
23 जुलाई को ट्रांसएशिया एयरवेज 222 की फ्लाइट ताइवान के पेंघु द्वीप में उतरने से पहले तूफानी मौसम के कारण विमान इमारतों से जा टकराया. हादसे में 48 लोगों की मौत हो गई.