लूनिक 2 जैसे ही चांद पर लैंड हुआ, वैसे ही टक्कर की वजह उसमें रेडियो सिग्नल देने वाले सारे यंत्र खराब हो गए. लैंडिंग भी तय समय से एक मिनट 24 सेकेंड देर से हुई. मॉस्को प्लैनेटेरियम में हजारों लोग लूनिक 2 को देखने आए. वहां खास दर्शकों के लिए 15 टेलीस्कोप लगाए गए थे.
लूनिक का वजन करीब 400 किलो था और चांद तक पहुंचने में उसे करीब 36 घंटे लगे. रूस ने इससे पहले लूनिक 1 भेजा था लेकिन वह चांद जाने के बजाय अंतरिक्ष में खो गया. लूनिक 2 में धरती और चांद के गुरुत्वाकर्षण को माप करने के उपकरण लगे थे और उसके लॉन्च के लिए खास मल्टीस्टेज रॉकेट का इस्तेमाल किया गया.
रूस ने इस मौके पर खास तौर से कहा कि वह चांद पर पहुंचने वाला पहला देश तो है लेकिन वह चांद की सतह पर अपना हक नहीं जमाना चाहता. उस वक्त रूस के वैज्ञानिक प्रोफेसर आलेक्सांडर तोपचियेव ने कहा कि चांद पर मनुष्य का जाना उन्हें "बेहद मुश्किल" लग रहा है.लेकिन दो ही साल बाद 12 अप्रैल 1961 में रूस के ही यूरी गागारिन अंतरिक्ष पहुंचने वाले पहले मनुष्य बने.
नैनो+आर्ट. इस कॉन्सेप्ट के तहत नैनो तकनीक को कला की नजर से देखा जाता है. ये तस्वीरें आपको चौका देंगी..
तस्वीर: nano+artदेखने में यह अंडाणु और शुक्राणुओं की तस्वीर लगती है, पर दरअसल यह सिलिका के नैनो अणु हैं. डॉक्टर इनका इस्तेमाल शरीर के किसी विशेष अंग तक दवा पहुंचाने के लिए करते हैं.
तस्वीर: nano+artयह डाई और क्रिस्टल के अणु हैं जो नाचते हुए लोगों जैसी छवि बनाते है. इसीलिए इसे 'ओपेरा बॉल' का नाम दिया गया है.
तस्वीर: nano+artनैनो यानी एक अणु का एक अरबवां हिस्सा. जब सोने के वर्क को इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाए तो यह आसमान में फैले चांद तारों जैसा दिखाई देता है.
तस्वीर: nano+artदेखने में यह फूलों के गुलदस्ते जैसा है, पर दरअसल यह इंडियम, टिन और ऑक्साइड से बनी नैनोरॉड्स हैं. इनका इस्तेमाल बिजली बनाने में भी होता है.
तस्वीर: nano+artये घनाकार टुकड़े बर्फ और गेलियम के मिश्रित धातु के छोटे छोटे अणु हैं जिन्हें चुम्बक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन अणुओं को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता. ये तसवीरें उन्हें कई हजार गुना बड़ा कर के मिलती हैं.
तस्वीर: nano+artयह तस्वीर जीवनदाई डीएनए के एक रेशे की है. जर्मनी में वैज्ञानिक हादजी अबूजर ने डीएनए पर एक खास तरह की डाई का इस्तेमाल किया जो रेशों को एक अनोखी चमक दे रहा है.
तस्वीर: nano+artआकाश गंगा में एक नए तारे के जन्म जैसी दिखने वाली यह तस्वीर एक स्टेरॉइड के अणुओं की है. स्टेरॉइड शरीर में हार्मोन के तौर पर काम करते हैं.
तस्वीर: nano+artकिसी जाली पर घूमते ये लाल और काले कीड़े गुबरैले नहीं हैं, बल्कि यह जूतों को आरामदायक बनाने वाले फोम का चित्र है.
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