आज के दिन बस भूल जाइए कि ज्यादा मीठा खाकर आपके या आपके अपनों के दांत या सेहत खराब हो जाएगी. आज अंतरराष्ट्रीय चॉकलेट दिवस है. चॉकलेट बनता है कोको से जो थेओब्रोमा कोको नाम के पेड़ का बीज होता है.
माना जाता है कि इसका पहली बार इस्तेमाल 1100 ईसा पूर्व में हुआ. दक्षिण अमेरिकी में रहने वाले ऐजटेक सभ्यता के लोग इससे शोकोलाट्ल नाम का द्रव बनाते थे. इस शब्द का मतलब है कड़वा पानी और इसमें खमीर उठने पर ही इसका स्वाद निकलता है.
आधुनिक काल में बीजों पर खमीर उठने के बाद इन्हें सुखाया जाता है और साफ किया जाता है. फिर बीज के बाहरी परत को हटाकर इससे चॉकलेट बनाई जाती है. आजकल हम इसमें चीनी, दूध और मलाई मिलाते हैं. मिल्क चॉकलेट में मिल्क पाउडर या कंडेंस्ड मिल्क होता है और सफेद चॉकलेट केवल नाम के लिए चॉकलेट है. इसमें कोको की मलाई होती है, चीन और दूध होता है, वजन बढ़ाने की बढ़िया तरकीब.
क्या बच्चे और क्या बड़े, सभी चॉकलेट के दीवाने होते हैं. हर आकार स्वाद में चॉकलेट बाजार में मिलती हैं. ईस्टर का त्यौहार आने वाला है और बाजार में खरगोश और अंडों के आकार की चॉकलेट खूब बिक रही है.
तस्वीर: Koelnmesse Bilddatenbankयूरोप में चॉकलेट खूब खाई जाती है. यह शरीर को गर्मी देती है. फलों को गरम चॉकलेट में डुबा कर खाने का भी यहां काफी चलन है.
तस्वीर: APऐसा न सोचें की मिर्ची और अंजीर वाली यह चॉकलेट जरा सी ही तीखी होगी. जीभ पर पड़ने के साथ ही मिर्ची का तीखापन पता चल जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/chromorangeचॉकलेट के विज्ञापन के लिए मॉडल्स की बिकनी को चॉकलेट से सजाया जा रहा है और गले का हार भी कत्थई मोतियों का नहीं चॉकलेट का है. जब तक नहीं पिघले. पहनी तो जा ही सकती है.
तस्वीर: APक्या दीवारें, क्या गुंबद और क्या दरवाजे, यहां सब चॉकलेट का है. और इतना बड़ा कि उसमें से लोग भी गुजर सकें. बच्चों के लिए यह सपनों के महल जैसा है.
तस्वीर: APचॉकलेट कोको से बनी होती है. कोको गहरे रंग का और कड़वा होता है. कम दूध और चीनी वाली चॉकलेट डार्क चॉकलेट कहलाती है. आम तौर चॉकलेट में ढेर सारी चीनी और दूध मिलाया जाता है.
तस्वीर: DW / Pablo Kummetzचॉकलेटों के बाजार में सबसे ज्यादा मिल्क चॉकलेट पसंद की जाती है. इसके बाद डार्क चॉकलेट का नंबर आता है. उसके बाद लोग नट्स वाली चॉकलेट पसंद करते हैं. फिर आती हैं फलों वाली चॉकलेट.
तस्वीर: Koelnmesse Bilddatenbankव्हाइट चॉकलेट में कोको पाउडर का इस्तेमाल ही नहीं होता. दरअसल यह केवल कोको बटर होता है जिसमें चीनी मिला दी जाती है. कोको का सबसे बड़ा निर्यातक अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट है.
तस्वीर: picture alliance / dpaअलग अलग तरह से सांचे में डालकर कभी सांता क्लॉज तो कभी खिलाड़ियों के आकार की चॉकलेट्स बनाई जाती हैं. इन खूबसूरत चॉकलेटों को देख कर समझ ही नहीं आता कि इन्हें खाएं या सजाएं.
तस्वीर: picture alliance / ZBआयरलैंड में सालाना प्रति व्यक्ति 11.9 किलो चॉकलेट खाई जाती है. दूसरे नंबर पर 10.8 किलो के साथ स्विट्जरलैंड है. इसके बाद ब्रिटेन, बेल्जियम और नॉर्वे का नंबर आता हैं.
तस्वीर: DW / Pablo Kummetzदुनिया भर में बेल्जियम की चॉकलेट मशहूर है. ये काफी महंगी भी होती हैं. एक किलो की कीमत 4,500 रुपये तक.
तस्वीर: ISM