16 सितंबर 1963 के दिन मलेशिया बना. फेडरेशन ऑफ मलय में उत्तरी बोर्नेयो, सारावाक और सिंगापुर मिला कर नया देश बनाया गया. मलय में सिंगापुर का सि मिला कर मलेशिया किया गया.
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हालांकि 1965 में इस संघ से सिंगापुर अलग हो गया. मलेशिया मूल रूप से मलय राजशाही से निकला है. 18वीं सदी की यह राजशाही ब्रिटिश उपनिवेश का हिस्सा बनाई गई. मलेशियाई प्रायद्वीप के हिस्सों को सबसे पहले 1946 में मलय यूनियन के तहत एक किया गया. फिर 1948 में इसे फेडरेशन ऑफ मलय बनाया गया.
मलय को 31 अगस्त 1957 के दिन ब्रिटिश सत्ता से मुक्ति मिली.
इन देशों में कानूनी है देह व्यापार
कहते हैं वैश्यावृति दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. लेकिन इस पेशे के बारे में खुल कर बात करने से लोग अक्सर परहेज करते हैं. कई देशों में यह कानूनी है और यौनकर्मी अन्य किसी भी पेशे की तरह सरकार को टैक्स भी चुकाते हैं.
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नीदरलैंड्स और बेल्जियम
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं, एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं. बेल्जियम में भी देह व्यापार कानूनी है.
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फ्रांस और जर्मनी
इन दोनों देशों में देह व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम हैं. जर्मनी के कुछ शहरों में यौनकर्मियों को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है. वहीं फ्रांस में 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है.
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स्वीडन और नॉर्वे
फ्रांस ने जो कानून लागू किया है, उसकी शुरुआत 1999 में पहली बार स्वीडन ने की. इसीलिए इसे 'स्वीडिश मॉडल' और 'नॉर्डिक मॉडल' कहा जाता है. नॉर्वे और आइसलैंड भी इसी कानून का पालन करते हैं. इस मॉडल के तहत ये देश यौनकर्मियों को अपराधी ना कह कर, देह व्यापार पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड
इन दोनों देशों में देह व्यापार को पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त है. ऑस्ट्रिया में देह व्यापार में आने के लिए कम से कम 19 साल का होना जरूरी है. महिलाओं को नियमित रूप से अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है और टैक्स भी चुकाना होता है. जर्मनी में भी ऐसा ही है.
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ग्रीस और तुर्की
जर्मनी की तरह ग्रीस में भी वैश्यावृति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यौनकर्मियों को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है. तुर्की में भी इसी तरह के कानून हैं. वहां यौनकर्मियों के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है.
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ब्रिटेन और आयरलैंड
ब्रिटेन में भी यौनकर्मियों के पास अधिकार हैं लेकिन गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर किसी यौनकर्मी की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. आयरलैंड में भी कड़ा नियंत्रण है.
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स्पेन और पुर्तगाल
दरअसल यूरोप के अधिकतर देश देह व्यापार को अपराध नहीं मानते. हर देश के अपने कुछ अलग नियम हैं और उन्हीं के अनुरूप स्वीकृति है. स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है. व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे से जुड़ सकता है.
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मेक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लातिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है. ड्रग्स और माफिया के लिए मशहूर मेक्सिको में मानव तस्करी भी बड़ी समस्या है. सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है.
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न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग कानून हैं. न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है. कनाडा में भी इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता.
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भारत और थाईलैंड?
भारत के लगभग हर शहर में कोई ना कोई छिपा हुआ इलाका है जहां देह व्यापार चलता है. दिल्ली की जीबी रोड पूरे देश में मशहूर है. दरअसल भारत में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है लेकिन दलाली करना, चकला चलाना और सार्वजनिक जगहों पर ग्राहक ढूंढना अपराध है. वैश्यावृति के लिए मशहूर एशिया के अधिकतर देशों, जैसे थाईलैंड और फिलीपींस में यौनकर्म गैरकानूनी है.
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आज मलेशिया पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बंटा है. पूर्वी सरावाक और सबाह इंडोनेशिया से जुड़ा है, बीच में दक्षिणी चीन सागर है और फिर पश्चिमी मलेशिया है, जहां देश की राजधानी क्वालालंपुर भी है. सरकार हालांकि पुत्रजय में बैठती है. देश में 13 राज्य और तीन संघीय प्रदेश हैं.
ब्रिटिश शासन से आजादी के बाद से मलेशिया की आर्थिक स्थिति अच्छी ही रही है. प्राकृतिक संसाधनों के कारण उसे काफी फायदा भी हुआ.
देश के संविधान में इस्लाम राष्ट्रीय धर्म है जबकि धर्म की आजादी भी संविधान में सुनिश्चित की गई है. ब्रिटिश उपनिवेश का असर यहां कुछ इस तरह दिखता है कि सरकारी तंत्र वेस्टमिनस्टर संसदीय प्रणाली जैसी है और कानून इंग्लिश कॉमन लॉ से प्रेरित है. देश का प्रमुख तो वैसे राजा है, जिसे हर पांच साल में नौ मलय राज्य चुनते हैं. जबकि सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है. फिलहाल मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक हैं.